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धरना-प्रदर्शन पाकिस्तान की प्रगति में बाधक : शरीफ

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nawaz sharif
पाकिस्तान के प्रधानमंत्री नवाज शरीफ ने शनिवार को कहा कि धरना-प्रदर्शनों से देश की प्रगति बाधित हुई है। उन्होंने कहा कि लोगों के जनादेश को केवल कुछ हजार लोगों की मर्जी से आहत नहीं किया जा सकता। उधर पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ ने एक बार फिर शरीफ से इस्तीफा देने की मांग दोहराई है। जियो न्यूज के अनुसार, नवाज ने कहा कि प्रदर्शनकारियों की वैध मांगों को स्वीकार किया जा चुका है। उन्होंने पाकिस्तान आवामी तहरीक के नेता ताहिर उल-कादरी के रुख पर हैरत जताई क्योंकि उनकी अधिकांश मांगें सरकार मान चुकी है। 

नवाज ने कहा कि नेशनल एसेंबली लोकतंत्र की रक्षा के लिए पहले ही एक प्रस्ताव पारित कर चुकी है और किसी भी लोकतंत्र विरोधी योजना को पनपने नहीं दिया जाएगा। रपट में कहा गया है कि मालदीव और श्रीलंका के राष्ट्रपतियों ने अपने पाकिस्तान दौरे रद्द कर दिए हैं, जबकि चीन के राष्ट्रपति बिजली परियोजनाओं का उद्घाटन करने आने वाले हैं। इस बीच पाकिस्तान के प्रधानमंत्री नवाज शरीफ द्वारा संसद में भाषण के दौरान झूठ बोलने पर उन्हें अयोग्य ठहराने के लिए लाहौर उच्च न्यायाल में एक याचिका दाखिल की गई है। 

डॉन ऑनलाइन की रपट के मुताबिक, इंसाफ लॉयर्स फोरम के वरिष्ठ अध्यक्ष और वकील गौहर नवाज ने यह याचिका दाखिल की है। उल्लेखनीय है कि पाक के प्रधानमंत्री नवाज शरीफ ने कहा कि खान और कादरी ने सेनाप्रमुख के साथ बैठक करने के लिए उनसे आग्रह किया था, जिसके बाद उन्होंने सेना प्रमुख को इसकी इजाजत दी। इसी बीच, पाकिस्तान अवामी तहरीक (पीएटी) नेता ताहिर उल-कादरी और उनकी पार्टी के 71 समर्थकों के खिलाफ एक गैर जमानती गिरफ्तारी वारंट जारी हुआ है।

प्रदर्शनकारी दोनों नेताओं और सरकार के बीच प्रदर्शन को लेकर दूसरी बैठक होनी है। प्रधानमंत्री नवाज शरीफ पर वर्ष 2013 में हुए आम चुनाव में भ्रष्टाचार का आरोप है, जिसके लिए दोनों नेता बीते 15 अगस्त से नवाज शरीफ के इस्तीफे पर अड़े हुए हैं। उधर, पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) के अध्यक्ष इमरान खान ने शनिवार को एक बार फिर प्रधानमंत्री नवाज शरीफ से इस्तीफे की मांग दोहराई। उन्होंने कहा कि 2013 के आम चुनाव में धांधली की न्यायिक आयोग द्वारा जांच पूरी होने तक शरीफ अपने पद से हट जाएं।

जिओ न्यूज के मुताबिक, इमरान ने कहा, "जब तक धांधली की जांच पूरी होने तक प्रधानमंत्री को कम से कम एक माह के लिए अपना पद छोड़ देना चाहिए। जांच होने तक इस्तीफा दे देना चाहिए और बेदाग होने पर वापस आ जाना चाहिए।"क्रिकेटर से राजनेता बने इमरान ने यह भी कहा कि शरीफ ने नेशनल असेंबली के सदन में झूठ बोला कि उन्होंने सेना को मध्यस्थता के लिए नहीं कहा है।

उन्होंने कहा कि पाकिस्तान में बादशाहत वाली प्रणाली स्थापित हो गई है। उन्होंने कहा, "यह लोकतंत्र नहीं क्लेप्टोक्रेसी है।"इमरान खान और पाकिस्तान आवामी तहरीक के नेता ताहिर उल-कादिरी 15 अगस्त से प्रदर्शन कर रहे हैं। दोनों नेताओं ने आम चुनाव में धांधली का आरोप लगाते हुए शरीफ से इस्तीफे की मांग की है और इस्लामाबाद में लगातार धरने पर बैठे हैं।

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