सर्वोच्च न्यायालय ने सोमवार को केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) के निदेशक रंजीत सिन्हा से गैर-सरकारी संगठन सीपीआईएल के उन आरोपों का जवाब देने के लिए कहा है, जिसमें कहा गया है कि वह 2जी घोटाले के आरोपियों से अक्सर मिलते रहे हैं, जबकि इसकी जांच स्वयं सीबीआई कर रही है। सर्वोच्च न्यायालय के प्रधान न्यायाधीश न्यामूर्ति एच.एल. दत्तु की अध्यक्षता वाली पीठ ने सीबीआई निदेशक को इसके लिए एक सप्ताह का समय दिया। न्यायालय ने कहा, "हम 2जी मामले में निष्पक्ष सुनवाई चाहते हैं और यदि सीपीआईएल (सेंटर फॉर पब्लिक इंटेरेस्ट लिटिगेशन) के आरोपों में सच्चाई है तो मामले को प्रभावित करने की कोशिश की गई है। फिर आप इसे निष्पक्ष सुनवाई कैसे कह सकते हैं?"
न्यायालय ने याचिकाकर्ता की वकील कामिनी से भी रंजीत सिन्हा की उस याचिका पर जवाब मांगा, जिसमें कहा गया है कि उनके खिलाफ लगाए गए आरोपों को लेकर जयवाल की ओर से जो हलफनामा दायर किया गया है, वे झूठे बयानों पर आधारित हैं।
इस बीच, अधिवक्ता प्रशांत भूषण ने एक पंजीयक पुस्तिका न्यायालय में रखी है, जिसमें सीबीआई निदेशक के आवास पर जाने वाले 2जी घोटाले के आरोपियों तथा उन लोगों का ब्यौरा है, जिनके खिलाफ जांच जारी है। उन्होंने इस पंजीयक पुस्तिका को मूल प्रति बताया है। उनका कहना है कि कुछ अज्ञात लोगों ने रविवार रात उन्हें यह सौंपा। न्यायालय ने इसे अपने कब्जे में ले लिया है।