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अंटार्टिका विधेयक के बाद लोकसभा दिन भर के लिए स्थगित

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नयी दिल्ली 22 जुलाई,लोकसभा ने आज यहां विपक्ष के शोर शराबे के बीच भारतीय अंटार्टिका विधेयक 2022 को सर्वसम्मति से पारित कर दिया जिसमें दक्षिण ध्रुवीय क्षेत्र में कचरा निस्तारण, क्षेत्र में अनुसंधान आदि कार्यों के अनुमोदन के लिए समिति के गठन और सीमित शोध कार्यों को अनुमति सुनिश्चित किया गया है। विधेयक पारित किये जाने के बाद विपक्ष के हंगामे के कारण सदन की कार्यवाही दिन भर के लिए स्थगित कर दी गयी। दो बार के स्थगन के बाद अपराह्न दो बजे सदन के समवेत होने पर पीठासीन अधिकारी राजेन्द्र अग्रवाल के पुकारने पर विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी राज्य (स्वतंत्र प्रभार) मंत्री डॉ. जितेन्द्र सिंह ने भारतीय अंटार्टिका विधेयक पेश किया। डाॅ. सिंह ने कहा कि दक्षिणी ध्रुवीय क्षेत्र में विसैन्यीकरण सुनिश्चित करने, प्राकृतिक संसाधनों के संरक्षण और पर्यावरण के संरक्षण के उद्देश्य से बनीं अंतरराष्ट्रीय संधियों एवं नियमों के अनुपालन की आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए इस विधेयक को लाया गया है। इस बीच विपक्षी सदस्य आसन के इर्दगिर्द जमा होकर महंगाई के मुद्दे पर चर्चा की मांग करते हुए हाथों में तख्तियां लेकर सदन के बीचोंबीच नारेबाजी तथा हंगामा करने लगे। कांग्रेस के नेता अधीर रंजन चौधरी ने कुछ कहने की कोशिश की लेकिन पूरी बात शोरशराबे में नहीं सुनी जा सकी।


विधेयक पर चर्चा की शुरुआत करते हुए भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के जयंत सिन्हा ने कहा कि यह विधेयक इस बात का प्रमाण है कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में भारत विश्वगुरू बनने की राह में अग्रसर है। उन्होंने कहा कि यह बहुत जरूरी है कि अंटार्टिका क्षेत्र में सभी अंतरराष्ट्रीय संधियों एवं विनियमों के अनुपालन को सुनिश्चित करने के लिए हम एक विधेयक पारित करें। इस विधेयक में मुख्यत: कचरा निस्तारण प्रबंधन, 14 सदस्यीय समिति की अनुमति से क्षेत्र में कोई कार्य करना तथा जलवायु परिवर्तन एवं पर्यावरण संबंधी सीमित विषयों में ही शोध कार्य करने के प्रावधान किये गये हैं। श्री सिन्हा ने कहा कि दक्षिणी गोलार्द्ध में 60 अंश नीचे दक्षिण में गोलार्द्ध का एक तिहाई हिस्सा बर्फ का महाद्वीप है। यह विश्व का पांचवां महाद्वीप है। यहां सर्दियों में शून्य से 90 डिग्री कम तथा गर्मियों में शून्य से 10 डिग्री कम तापमान रहता है। इस क्षेत्र में 4500 मीटर तक ऊँचाई वाले पर्वत भी है। यहां विश्व के ताजे जल का 62 प्रतिशत भाग बर्फ के रूप में संरक्षित है। जिस हिसाब से वैश्विक तापवृद्धि हो रही है उससे लगता है कि सतह का तापमान दो डिग्री सेंल्सियस बढ़ जाएगा और इससे यदि समुद्र के जलस्तर बढ़ा तो भारत एवं अन्य तटीय देशों में तबाही हो सकती है जबकि हिन्द एवं प्रशांत महासागर के द्वीपीय देशों के अस्तित्व को खतरा हो सकता है। उन्होंने कहा कि अंटार्टिका क्षेत्र में 71 वैज्ञानिक मिशन काम कर रहे हैं और कुल मिला कर पांच हजार वैज्ञानिक रह रहे हैं। वहां भारत के दो शोध संस्थान मैत्री एवं गंगोत्री हैं। बीजू जनता दल के भर्तृहरि मेहताब ने विधेयक का समर्थन करते हुए कहा कि अंटार्टिका करीब एक करोड़ 40 लाख वर्ग किलोमीटर का बर्फीला क्षेत्र है जिसका 90 प्रतिशत बर्फ है। यहां बर्फ की 1.6 किलोमीटर मोटी पर्त है। अंटार्टिक महाद्वीप के चारों ओर दक्षिण महासागर विश्व का एक जैविक विविधता वाला समुद्र है। यहां अनेक प्रकार के कीमती प्राकृतिक संसाधन हैं। इन पर अधिकार के लिए होड़ और गैरकानूनी कार्य नहीं हों, इसके लिए विधायी प्रावधान होना जरूरी है। इसके बाद डॉ.जितेन्द्र सिंह ने चर्चा का उत्तर देते हुए कहा कि इस विधेयक की पृष्ठभूमि यह है कि वर्ष 1959 में अंटार्टिका को लेकर एक संधि हुई थी। भारत 1983 में इसका हिस्सा बना था। इस क्षेत्र में सैन्य एवं खनन गतिविधि नहीं हो, परमाणु परीक्षण ना हों, शोध कार्य जलवायु परिवर्तन और भौगोलिक एवं पर्यावरण पर ही हों, इसे लेकर संधि में इसमें शामिल देशों के लिए इस आशय का कानून बनाना आवश्यक है और इस विधेयक का उद्देश्य भी यही है। इस बीच श्री अग्रवाल ने शोरशराबा नियंत्रित करने के लिए विपक्षी सदस्यों को समझाने का प्रयास किया लेकिन श्री अधीर रंजन चौधरी ने कहा कि अंटार्टिका विधेयक की अहमियत को मंत्री समझाने का प्रयास कर रहे हैं और हम भी चर्चा में भाग लेना चाहते हैं। हमने ही पूर्व में विधेयक को चुस्त दुरुस्त करके लाने काे कहा था। हमारा कहना है कि कार्यमंत्रणा समिति की बैठक में हमसे महंगाई वाले मुद्दे पर चर्चा कराने का फैसला हो जाये। लेकिन सरकार विपक्ष मौका नहीं देना चाहती है। देश की हालत अंटार्टिका जैसी हो गयी है। इसके बाद श्री अग्रवाल ने विधेयक काे पारित कराने की प्रक्रिया आरंभ की। विपक्ष की ओर से संशोधन प्रस्तावों को अस्वीकृत करके सदन ने सर्वसम्मति से विधेयक काे पारित कर दिया और श्री अग्रवाल ने इसके बाद सदन की कार्यवाही सोमवार को अपराह्न दो बजे तक के लिए स्थगित कर दी। इससे पूर्व श्री अग्रवाल ने सदन को सूचित किया कि सोमवार को सदन की कार्यवाही अपराह्न दो बजे शुरू होगी। सोमवार को संसद के केन्द्रीय कक्ष में देश की नयी राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू का शपथ ग्रहण समारोह होगा।


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