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मधुबनी : डीएम ने शिक्षा विभाग की समीक्षा बैठक में दिए कई निर्देश

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  • विद्यालयो के निरीक्षण का सकरात्मक परिणाम नजर आनी चाहिये। डीएम ने गुणवत्तापूर्ण शिक्षा पर  बल देने का दिया निर्देश।
  • आवंटन रहने बाद किसी भी स्थिति में शिक्षकों को वेतन मिलने में विलंब न हो-डीएम।
  • डीएम ने कहा किसी भी परिस्थिति में विद्यालयों में मध्याह्न भोजन बंद नहीं रहना चाहिए।

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मधुबनी, जिला पदाधिकारी अरविन्द कुमार वर्मा ने गुरुवार देर शाम समाहरणालय स्थित सभाकक्ष में शिक्षा विभाग  की समीक्षा बैठक  में उपस्थित अधिकारियों को कई महत्वपूर्ण निर्देश दिए।  समीक्षा के क्रम में उपस्थित अधिकारियों को  जिलाधिकारी ने निर्देश देते हुए कहा कि बुधवार को पंचायतों में लगाए जाने वाले कैंप एवम निरीक्षण के क्रम में  संबंधित पंचायत के सभी विद्यालयों का विस्तृत निरीक्षण करे। उन्होंने कहा कि विद्यालयो में शतप्रतिशत छात्रों एवम शिक्षकों की उपस्थिति के साथ साथ विद्यालयो में गुणवत्तापूर्ण शिक्षा पर विशेष रूप से फोकस करें।  उन्होंने कहा कि पंचायतों में कैंप लगाने का उद्देश्य उस पंचायत के सभी योजनाओं में सकरात्मक बदलाव लाना है। इसमें पंचायतो के विद्यालयो का महत्व सर्वोपरि है। हमारे बच्चे हमरा कल हैं। इसलिए उन्हें गुणवत्तापूर्ण शिक्षा उपलब्ध कराना हम सभी का दायित्व है। उन्होंने निर्देश दिया कि निरीक्षण के दौरान विद्यालय में शौचालय की स्थिति, पोशाक/ छात्रवृति, मध्यान भोजन की गुणवत्ता, पठन पाठन में गुणवत्ता सहित सभी मामलों का अनुश्रवण किया जाए। उन्होंने स्पष्ट किया कि अनाधिकृत रूप से अनुपस्थित शिक्षक से स्पष्टीकरण पूछते हुए उनका उक्त दिवस का वेतन रोका जाए।  जिलाधिकारी ने निर्देश दिया कि अधिकारियों द्वारा निरीक्षण किए जाने से के क्रम में न केवल कमियों की तलाश की जाए, बल्कि उन समस्याओं के निदान के लिए आवश्यक कदम भी उठाए जाएं। ताकि, निरीक्षण को प्रभावी बनाते हुए सकारात्मक परिणाम हासिल किया जा सकें। उन्होंने स्पष्ट किया कि किसी भी परिस्थिति में विद्यालयों में मध्याह्न भोजन बंद नहीं रहना चाहिए।  विद्यालय शिक्षा समिति का गठन न होना या रसोई गैस की अनुपलब्धता जैसे कारण स्वीकार नहीं किए जाएंगे। उन्होंने बाढ़ आश्रय स्थल के रूप में चिन्हित विद्यालयों में शौचालय, विद्युत व पेयजल आदि की उपलब्धता सुनिश्चित किए जाने के निर्देश दिए हैं। बैठक के दौरान अनुकंपा पर नियुक्ति के मामलों की समीक्षा भी की गई। उन्होंने जिले में ऐसे सभी विद्यालयों जिसके भवन जर्जर हैं और उनमें पठन पाठन से बच्चों के हित को नुकसान हो सकता है की सूची बनाकर उपस्थापित करने के निर्देश दिए।  उन्होंने बेस्ट एप से किए जा रहे निरीक्षण कार्य की भी समीक्षा की।  जिलाधिकारी शिक्षकों के वेतन भुगतान को लेकर गंभीर थे। उन्होंने कहा कि जिले में आवंटन रहने बाद किसी भी स्थिति में शिक्षकों को वेतन मिलने में देर न हो। जिलाधिकारी द्वारा कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालयों के संचालन की समीक्षा भी की गई। उन्होंने निपुण भारत कार्यक्रम के तहत जिले के गैर टीईटी शिक्षकों के क्षमता संवर्धन के लिए अल्प कालीन प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित करने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने गैर सरकारी विद्यालयों से संबंधित ई संबंधन पोर्टल पर सत्यापन और सभी विद्यालयों में विद्यालय शिक्षा समिति और विद्यालय प्रबंधन समिति के संबंध में निर्देश देते हुए कहा कि अगली मासिक बैठक से पूर्व सभी लंबित कार्य को शत प्रतिशत पूर्ण कर लिया जाए। अन्यथा संबंधित प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी पर कार्रवाई की जाएगी। जिला पदाधिकारी द्वारा विद्यालयों में विद्युतीकरण, माध्यमिक विद्यालय विहीन पंचायतों में निर्माण, जल जीवन हरियाली, सीडब्ल्यूजेसी/ एमजेसी के मामले, टेक्स्ट बुक, प्रवेश उत्सव जैसे अन्य  विषयों की समीक्षा भी की गई।  उक्त बैठक में जिला शिक्षा पदाधिकारी दिनेश कुमार चौधरी, जिला कार्यक्रम पदाधिकारी साक्षरता, राजेश कुमार मिश्र, हअपर जिला कार्यक्रम समन्वयक सतीश कुमार सहित हजिले के सभी प्रखंडों के प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी एवं अन्य अधिकारी उपस्थित थे।


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