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9 अप्रैल को सुनाई जाएगी सत्यम मामले में फैसला

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बहुचर्चित सत्यम कंप्यूटर घोटाला मामले में हैदराबाद की विशेष अदालत अपना फैसला 9 अप्रैल को सुनाएगी। देश में खातों में गड़बड़ी का यह सबसे बड़े मामला है जो 7 जनवरी 2009 को सामने आया था। सत्यम कंप्यूटर के संस्थापक और उसके चेयरमैन बी. रामलिंग राजू ने कथित तौर पर कंपनी के खातों में गड़बड़ी और सालों तक कंपनी का मुनाफा बढ़ाकर दिखाने की बात कबूत की थी। मामले के सभी आरोपी इस समय जमानत पर हैं।

करीब छह साल पुराने इस मामले की सुनवाई के दौरान तीन हजार दस्तावेजों को चिन्हित किया गया और 226 गवाहों से पूछताछ हुई। कॉरपोरेट जगत को हिला कर रख देने वाला यह मामला सात जनवरी 2009 को सामने आया था। तब सत्यम कंप्यूटर के संस्थापक और उसके तत्कालीन चेयरमैन बी रामलिंगा राजू ने खुद कंपनी के खातों में हेराफेरी की बात स्वीकार की थी। उसने कुबूला था कि कई सालों तक वह कंपनी का मुनाफा बढ़ा-चढ़ाकर दिखाता रहा। इसके दो दिन बाद ही राजू के साथ उसके भाई बी रामा राजू तथा अन्य को आंध्र प्रदेश पुलिस की अपराध जांच शाखा ने गिरफ्तार कर लिया था।

राजू के अलावा इस मामले में नौ अन्य आरोपी हैं। इनमें सत्यम का पूर्व एमडी बी रामा राजू, पूर्व मुख्य वित्त अधिकारी वाडलामणि श्रीनिवास, पूर्व पीडब्ल्यूसी ऑडिटर सुब्रमणि गोपालकृष्णन और टी श्रीनिवास, राजू का एक अन्य भाई बी सूर्य नारायण राजू, पूर्व कर्मचारी जी रामकृष्ण, डी वेंकटपति राजू और श्रीसेलम तथा कंपनी का पूर्व आंतरिक मुख्य लेखाकार वीएस प्रभाकर गुप्ता शामिल है। इस समय सभी आरोपी जमानत पर हैं। राजू और अन्य पर आइपीसी की विभिन्न धाराओं के तहत धोखाधड़ी, आपराधिक साजिश, जालसाजी और विश्वास का उल्लंघन जैसे आरोप हैं।

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