- काशी मुक्ति की जन्मभूमि, ज्ञान की खान और समस्त पापों का नाश करने वाली : पं रवीन्द्र पाठक
चैतन्य गोशाला ट्रस्ट चिंचवड़ पुणे द्वारा आयोजित इस श्री राम कथा मानस मुक्ति कथा की शुरुआत पद्मश्री पं गणेश्वर शास्त्री द्रविड़, चंद्रतनय दादा व कथाकार पं रवींद्र पाठक ने दीप प्रज्जवलित कर किया। इस अवसर पर पद्मश्री पं गणेश्वर शास्त्री द्रविड़ ने कहा कि संपूर्ण काशी शिव लिंगात्मक है। काशी के अधिपति भगवान् शंकर भी श्रीराम की आराधना करते हैं। कहा कि अयोध्या में जो राम मूर्ति प्रतिष्ठित है, वह दिव्यता से युक्त है, यह अनुभव स्वयं कांची शंकराचार्य ने किया है। इस समय देश को बलवान् और बुद्धिमान जनता की जरूरत है और इसके लिये जौ का सेवन करना चाहिए। श्री रामकथा वाचक पं रवींद्र पाठक ने कहा कि काशी विश्वनाथ की कृपा से धर्म, ज्ञान और संस्कृति की राजधानी काशी में कथा करने का अवसर मिला है। कहा कि श्री राम कथा भगवान शिव को प्रिय है। कहा कि द्वादश ज्योतिर्लिंगों में होने वाली इस कथा के क्रम में नौवीं कथा काशी में हो रही है. कहा कि 9 अंक इसलिए भी विशेष है कि श्रीरामनवमी, रामदास नवमी एवं 9 अंक अपने आप में पुर्णांक है और पुर्ण विराम देने वाली ये भूमि मुक्ति की भूमि है। सप्तपुरी में काशी को सर्वोच्च कहा गया है। कहा कि गोस्वामी तुलसीदास ने श्रीराम चरित मानस व विनय पत्रिका में काशी की महत्ता का सुंदर वर्णन किया है। इस अवसर पर पद्मश्री पं गणेश्वर शास्त्री द्रविड़, सज्जनगढ़ से पधारे चंद्रतनय दादा एवं महापौर अशोक तिवारी का कथावाचक पं रवींद्र पाठक ने अंगवस्त्रम व प्रतिक चिन्ह देकर सम्मान किया। इस अवसर पर पं रवींद्र पाठक द्वारा मराठी भावार्थ श्री राम चरित मानस पुस्तक का विमोचन अतिथियों ने विमोचन किया। शोभायात्रा में श्री रामकथाकार रविन्द्र पाठक, सज्जनगढ़ से पधारे संत चंद्रतनय दादा, शिवहरि महाराज, ओंकारेश्वर से पधारे सुभाष वैद्य, चल्ला अन्नपूर्णा प्रसाद, काशी महाराष्ट्र सेवा समिति के ट्रस्टी संतोष सोलापुरकर, माधव जनार्दन रटाटे, षडानन पाठक, अनंतराम बक्षी, मकरंद म्हैसकर, हर्षदा पाठक, सचिन नाइक, नागनाथ इनामदार, हिंदुराव पवार, अभिजीत अरकाटकर सहित महाराष्ट्र एवं देश विदेश से आए 1200 लोग शामिल रहे।