- आज किया जाएगा आनर रस और पुष्प रस से अभिषेक
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सीहोर। हर के सीवन तट पर हनुमान मंदिर गोपालधाम में शिव प्रदोष सेवा समिति के तत्वाधान में एक माह तक आयोजित होने वाले शिव शक्ति दिव्य अनुष्ठान वैशाख महापर्व का आयोजन किया जा रहा है। शुक्रवार को पंडित पवन व्यास और पंडित कुणाल व्यास के मार्गदर्शन में यहां पर मौजूद श्रद्धालुओं ने भगवान शंकर का शहद, दूध और पवित्र जल को मिश्रित कर अभिषेक किया। अब शनिवार को आनर रस और पुष्प रस से भगवान का अभिषेक किया जाएगा। पंडित श्री व्यास ने बताया कि शहद से अभिषेक करने से धन वृद्धि होती है। इसके साथ ही शहद से अभिषेक करने से पुरानी बीमारियां भी नष्ट हो जाती हैं। शहर को दूध और पानी में मिश्रित कर भगवान शंकर का अभिषेक करना चाहिए। दूध धर्म के और मन पर प्रभाव के दृष्टिकोण से सात्विक समझा जाता है। इसमें भी गाय का दूध सर्वाधिक पवित्र और अच्छा माना जाता है। शिवजी के रुद्राभिषेक में दूध का विशेष उपयोग होता है। शिवलिंग का दूध से रुद्राभिषेक करने पर समस्त मनोकामनाएं पूरी हो जाती हैं। दूध का दान करने से चंद्रमा मजबूत होता है। जल में थोड़ा सा दूध डालकर स्नान करने से मानसिक तनाव दूर होता है और चिंताएं कम होती हैं। पंडित श्री व्यास ने कहाकि मंदिर परिसर में लगातार एक माह तक शिव-शक्ति दिव्य अनुष्ठान किया जाएगा। गत दिनों यहां पर पूर्ण विधि-विधान से 30 दिवसीय हवन कुंड का निर्माण किया गया था। जिसमें वेद मंत्रों के द्वारा आहुतियां दी जा रही है। वहीं सुबह आठ बजे से राम चरित्र मानस पाठ का आयोजन किया जाता है। उन्होंने बताया कि इस ग्रंथ में रामायण को अच्छी तरह से चौपाईयों के माध्यम से बताया गया है किस तरह राम का जीवन रहा, कैसे महापुरुष बनें। इसीलिए रामचरित मानस की हर एक चौपाई का मंत्र सिद्ध है जिन्हें सच्चे मन से पढ़नें से सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती है। आपके अशुभ दिन चल रहे है। जिसके कारण आपको कई समस्याओं का सामना करना पड रहा है, तो इन मंत्रों के प्रभाव से आपके घर समृद्धि बनी रहेगी। यह मंत्र सिर्फ सुख के लिए ही नहीी है बल्कि बारिश न होने पर, लक्ष्मी प्राप्ति के लिए हो या फिर ज्ञान प्राप्ति के लिए हो। इन मंत्रों का मनन करनें से सभी मनोकामनाएं पूरी होगी। रामचरित मानस में कुछ चौपाइयां ऐसी हैं जिनका विपत्तियों तथा संकट से बचाव और ऋद्धि-सिद्ध के लिए मंत्रोच्चारण के साथ पाठ किया जाता है। इन चौपाइयों को मंत्र की तरह विधि विधान पूर्वक एक सौ आठ बार हवन की सामग्री से सिद्ध किया जाता है। हवन चंदन के बुरादे, जौ, चावल, शुद्ध केसर, शुद्ध घी, तिल, शक्कर, अगर, तगर, कपूर नागर मोथा, पंचमेवा आदि के साथ निष्ठापूर्वक मंत्रोच्चार के साथ करें।
आज किया जाएगा हनुमान चालीसा पाठ और दिव्य श्रृंगार
समिति की ओर से मनोज दीक्षित मामा ने बताया कि लगातार एक माह तक जारी शिव-शक्ति दिव्य अनुष्ठान में शनिवार को मंदिर परिसर में स्थित हनुमान जी का दिव्य श्रृंगार किया जाएगा। इसके अलावा सुबह राम चरित्र मानस का पाठ के अलावा सुबह 11 बजे हनुमान चालीसा पाठ और सुबह भगवान शिव का आनर रस और पुष्प रस से अभिषेक किया जाएगा। समिति ने सभी श्रद्धालुओं ने दिव्य अनुष्ठान में शामिल होने की अपील की।