पाकिस्तान की किशोर शिक्षा कार्यकर्ता मलाला युसुफजई का नाम इस साल के वर्ल्ड चिल्ड्रेन पुरस्कार जिसे बाल नोबेल पुरस्कार के नाम से भी जाना जाता है, के लिए नामित तीन बच्चों में शामिल है। गौरलतब है कि मलाला पर तालिबान का हमला हुआ था। पुरस्कार देने वाले फाउंडेशन की वेबसाइट के मुताबिक, मलाला को लड़कियों के शिक्षा के अधिकार के लिए उनकी साहसी और जोखिम भरी लड़ाई के लिए नामित किया गया है। वेबसाइट में कहा गया, "उसने 11 साल की उम्र में लड़कियों के अधिकारों के लिए बोलना शुरू कर दिया था, जब तालिबान ने पाकिस्तान की स्वात घाटी में लड़कियों के विद्यालय जाने पर प्रतिबंध लगा दिया था।"
इसमें कहा गया, "मलाला ने इस नियम को चुनौती दी और विद्यालय जाना जारी रखा। उसके जीवन को खतरा था। अंतत: 15 साल की उम्र में तालिबान ने विद्यालय से घर जा रही मलाला को गोली मार दी, लेकिन मलाला गई।"मलाला की उम्मीदवार प्रोफाइल के मुताबिक, तालिबान ने सोचा कि मलाला को मारकर उसे शांत कर सकते हैं। इसमें लिखा गया, "इसकी जगह तालिबान ने मलाला को मजबूत आवाज दी जो अब पूरी दुनिया में सुनी जा सकती है।"
दो अन्य नामांकित बच्चों में माइक्रोसॉफ्ट में पूर्व प्रबंधक जॉन वुड और नेपाली बाल अधिकार कार्यकर्ता इंदिरा राणामगर शामिल हैं। जॉन की उम्मीदवार प्रोफाइल में लिखा गया, "बच्चों की शिक्षा के अधिकार के 15 साल संघर्ष के लिए जॉन वुड को 2014 के विश्व बाल पुरस्कार के लिए नामांकित किया गया है।"इसमें कहा गया, "जॉन ने माइक्रोसॉफ्ट में अपनी प्रबंधक की नौकरी छोड़ दी।"इंदिरा को नेपाल में कैदियों के बच्चों के लिए उनके 20 साल के संघर्ष के लिए नामित किया गया है।
वेबसाइट पर इंदिरा के प्रोफाइल में बताया गया, "वह बहुत गरीबी में बड़ी हुई और विद्यालय जाने के लिए संघर्ष करना पड़ा। वह अन्य लोगों की मदद करना चाहती थीं।" 2000 में शुरू हुए विश्व बाल पुरस्कार को 606 शिक्षा संगठनों और विभागों द्वारा समर्थित है। वर्ल्ड् चिल्ड्रेन पुरस्कार फाउंडेशन, स्वेंस्क इंसामलिंग्सकंट्रोल द्वारा विनियमित है।