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अनु कपूर का धारावाहिक फोर्टी प्लस

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आजकल हर चैनल पर हास्य कार्यक्रमों की भरमार है, दर्शक भी इन हास्य कार्यक्रमों को पसंद कर रहे हैं। ऐसे ही एक नये हास्य धारावाहिक 40 प्लस का प्रसारण 31 अगस्त सोमवार से शुक्रवार रात 8 बजे दूरदर्शन पर होने जा रहा है। लेकिन यह धारावाहिक 40 प्लस अन्य प्रसारित हो रहे हास्य कार्यक्रमो से बिल्कुल अलग है। जैसा कि इसका नाम लोगों में उत्सुकता पैदा कर रहा है वैसे ही इसकी कहानी भी दर्शकों में रोचकता बनाये रखेगी।

फिल्म अभिनेता अन्नू कपूर द्वारा निर्मित इस धारावाहिक की कहानी है 40 आयु के पार उन लोगों की जिनकी गिनती न तो युवाओं में आती है और न ही बुजुर्गो में, जो परिवार को तो चलाते हैं लेकिन फिर भी बहुत बार वो सबके साथ रहते हुए भी अकेलापन महसूस करते हैं।  अधेड़ उम्र के 40 पार लोगों के  कुछ अपने शौक, कुछ इच्छायें - महत्वकांक्षाएं, समस्यायें होती हैं। इस उम्र के लोगों को अपने लिये कुछ ऐसा वक्त चाहिए जो की सिर्फ और सिर्फ उनका हो जिसमें वो अपने दोस्तों के साथ वक्त बिता सकें, जिसमें ये लोग  अपनी मर्जी से वो सब कुछ कर सकें जो कि वो करना चाहते हैं. जहाँ उन पर कोई भी अपनी मर्जी न चला सकें।  

धारावाहिक "40 प्लस "की कहानी में भी 4 दोस्त हैं डॉ कुलकर्णी हरिओम जोशी सुरजीत ढिल्लों और मिस्टर जिंदल। इन सभी के अपने अपने परिवार हैं लेकिन फिर भी कुछ न कुछ इनके जीवन में कमी है।  कैसे ये चारों दोस्त अपने परिवार की जिम्मेदारियों को निभाते हुए अपने जीवन की समस्याओं से जूझते हुए भी हंसने के लिए कुछ पल चुरा लेते हैं। 

यही है कहानी हास्य धारावाहिक 40 प्लस की जिसमें दर्शकों को वो सब देखने को मिलेगा जो वो देखना चाहते हैं। अनु कपूर फिल्म्स  प्राइवेट लिमिटेड प्रेजेंट्स इस  धारावाहिक को निर्देशित किया है निर्देशक राजेश गुप्ता ने । इस धारावाहिक  में अभिनय  करने वाले कलाकार हैं बेंजामिन गिलानी, कैलाश कौशिक, रूपेश पटोले, जस्सी कपूर, प्रीतिका भाग्य,  स्वाति कौशिक।

विदिशा (मध्यप्रदेश) की खबर (13 अक्तूबर)

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जनसुनवाई कार्यक्रम में 80 आवेदन निराकृत

कलेक्टर श्री एमबी ओझा के द्वारा आहूत की गई आज जनसुनवाई कार्यक्रम में 115 आवेदकों ने अपने आवेदन प्रस्तुत कर व्यक्तिगत और सार्वजनिक समस्याओं की ओर उनका ध्यान आकर्षित कराया।  कलेक्टर श्री ओझा ने मौके पर 80 आवेदनांे का निराकरण किया है। शेष लंबित आवेदनों पर समय सीमा में कार्यवाही करने के निर्देश उनके द्वारा संबंधित विभागों के अधिकारियों को दिए गए है। कलेक्टर न्यायालय कक्ष में सम्पन्न हुई जनसुनवाई कार्यक्रम में संयुक्त कलेक्टर श्रीमती माधवी नागेन्द्र, डिप्टी कलेक्टर श्री आरडीएस अग्निवंशी, तहसीलदार श्री रविशंकर राय समेत विभिन्न विभागों के अधिकारी मौजूद थे।

आपत्तियों का निराकरण 15 को

सिरोंज निवेश क्षेत्र के वर्तमान भूमि उपयोग मानचित्र का प्रकाशन उपरांतं निवेश क्षेत्र के संबंध में आमजनों से आपत्तियां दर्ज की गई थी। नगर तथा ग्राम निवेश के सहायक संचालक श्री आरसी सेन ने बताया है कि नियत अवधि तक कुल 13 आपत्तियां प्राप्त हुई है। प्राप्त आपत्तियों की सुनवाई के लिए सिरोंज के नगरपालिका भवन में 15 अक्टूबर को प्रातः 11 बजे से निराकरण शिविर का आयोजन किया गया है। श्री सेन ने आपत्तिकर्ताओं से आग्रह किया है कि उनके द्वारा दर्ज कराई गई आपत्तियों के मूल दस्तावेंजो के साथ नगरपालिका भवन सिरोंज में नियत तिथि, समय पर उपस्थित हो ताकि दर्ज आपत्तियों का निराकरण अविलम्ब किया जा सकें। 

व्यवस्थाओं का अपर कलेक्टर द्वारा जायजा

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प्रभारी मंत्री श्री रामपाल सिंह राजपूत और केन्द्रीय विदेश मंत्री श्रीमती सुषमा स्वराज का बासौदा में प्रस्तावित दौरा कार्यक्रम के मद्देनजर की जाने वाली व्यवस्थाओं के परिपे्रक्ष्य में तैयारियों का सोमवार को अपर कलेक्टर श्रीमती अंजू पवन भदौरिया के द्वारा जायजा लिया गया। बासौदा के जनसुनवाई कक्ष में आहूत बैठक में अपर कलेक्टर श्रीमती भदौरिया ने आयोजन के संदर्भ में विभिन्न विभागों के अधिकारियों को आवश्यक जबावदेंही सौंपी हैै। उन्होंने संबंधित विभागों के अधिकारियों को निर्देश दिए है कि सौंपे गए कार्यो का क्रियान्वयन समय सीमा में कराया जाना सुनिश्चित करें। 

लोकार्पण/शिलान्यास
अपर कलेक्टर श्रीमती भदौरिया ने बताया कि स्थानीय सांसद और प्रभारी मंत्री के द्वारा कार्यक्रम स्थल लाल परेड़ ग्राउण्ड बासौदा में 412.96 लाख की लागत से पूर्ण कराए गए आठ निर्माण कार्याे का लोकार्पण और 4089.47 की लागत से कराए जाने वाले सात निर्माण कार्यो का भूमिपूजन किया जाएगा। शिलान्यास में मुख्य रूप से त्यांेदा मार्ग पर रेल्वे क्रासिंग क्रमांक 288 पर बनने वाले ओव्हरब्रिज शामिल है जिसकी लगभग लागत 3808.44 लाख है। 

हेलीपेड स्थल का निरीक्षण
अपर कलेक्टर श्रीमती भदौरिया के द्वारा बासौदा की शासकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय के प्रागंण में तैयार हो रहे हेलीपेड स्थल का भी निरीक्षण किया गया। यहां की जाने वाली व्यवस्थाओं के संबंध में लोक निर्माण विभाग के अधिकारियों को आवश्यक दिशा निर्देेश दिए। इस अवसर पर बासौदा नगरपालिका की अध्यक्ष श्रीमती मधुलिका अग्रवाल, अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक श्री संजीव सिन्हा, प्रभारी बासौदा एसडीएम कु तृप्ति श्रीवास्तव समेत विभिन्न विभागों के अधिकारी और जनप्रतिनिधि, पत्रकार, गणमान्य नागरिक मौजूद थे। 

त्यौहार भाईचारे के प्रतीक-कलेक्टर श्री ओझा
  • शांति समिति की बैठक सम्पन्न

विदिशा जिले का इतिहास रहा है कि सभी त्यौहार भाईचारे की भावना को और अधिक बढ़ावा देते है। आगामी त्यौहारो के परिपेक्ष्य में की जाने वाली तैयारियों की बिन्दुवार चर्चा आज शांति समिति की बैठक में की गई। कलेक्टर श्री एमबी ओझा की अध्यक्षता में सम्पन्न हुई इस बैठक मंे उन्होंने समिति के पदाधिकारियों के समक्ष प्रशासन द्वारा की जाने वाली तैयारियों से अवगत कराया। कलेक्टर श्री ओझा ने जन हितैषी सुझावो का क्रियान्वयन और आवश्यक व्यवस्थाओं के संदर्भ में अधिकारियो को आवश्यक दिशा निर्देश दिए। नगरपालिका अध्यक्ष श्री मुकेश टण्डन ने कहा कि त्यौहारों के परिप्रेक्ष्य में नगरपालिका को जो जिम्मेवारी सौंपी गई है उसका शत प्रतिशत क्रियान्वयन किया जाएगा। नपा अध्यक्ष श्री टण्डन ने बताया कि नगरपालिका की ओर से दो क्रेन की व्यवस्था की जाएगी। झांकियां विसर्जन के लिए पृथक से जानकी कुंज में कुण्ड बनाया जाएगा। उन्होंने कहा कि चल समारोह के दौरान बीच में यदि कही ताजियों की सवारी आती है तो बकायदा बीच में निकलने के लिए उन्हें पूर्व वर्षो की भांति इस वर्ष भी रास्ता दिया जाएगा। इसके पश्चात् चल समारोह आगे बढे़गा। उन्होंने बताया कि बिजली आपूर्ति सतत बनी रहे इसके लिए नगरपालिका की ओर से जनरेटर की व्यवस्था भी की जाएगी। उन्होंने नगर के प्रमुख मार्गो की मरम्मत कार्य कराए जाने पर सहमति व्यक्त की। पुलिस अधीक्षक श्री धर्मेन्द्र चैधरी ने बताया कि आगामी पर्व के चार हजार नागरिकों को विशेष पुलिस का दर्जा दिया जाएगा। उन्हे पहचान पत्र के साथ-साथ बांह में बांधने वाली पट्टी दी जाएगी। कानून व्यवस्था बनाए रखने के लिए प्रत्येक झांकी और ताजिया स्थल के लिए एक-एक लायजिंग आफीसर भी नियुक्त किए जाएंगे। उन्होंने त्यौहारो के दौरान यातायात व्यवस्था बनाए रखने हेतु नागरिकों से आव्हान किया है। पुलिस अधीक्षक श्री चैधरी ने कहा कि आयोजन समितियों की बैठक थानावार की जाएगी। उन्होंने प्रतिमा स्थल की सुरक्षा मंें आयोजक समिति के सदस्य भी सहयोग करे की अपेक्षा व्यक्त की। उन्होंने कहा कि चल समारोह में किसी भी प्रकार के हथियारों का प्रदर्शन पूर्णतः प्रतिबंधित रहेगा। बैठक में बताया गया कि झांकी स्थल पर बिजली का उपयोग अस्थायी कनेक्शन लेकर किया जाए, जबरन चंदा बसूली ना की जाए। न्यायालय के आदेशानुसार डीजे पर पूर्ण प्रतिबंध रहेगा। कर्णप्रिय ध्वनि विस्तारक यंत्रो का ही उपयोग किया जा सकेगा। कलेक्टेªट के सभाकक्ष में आगामी पर्व नवदुर्गा, दशहरा और मोहर्रम पर्व के परिपेक्ष्य मंे आयोजित की गई उक्त शांाति समिति की बैठक मंे स्थानीय विधायक श्री कल्याण सिंह ठाकुर ने भी आवश्यक सुझावों से अवगत कराया। इस अवसर पर समिति के सम्माननीय सदस्यगणों के अलावा अपर कलेक्टर श्रीमती अंजू पवन भदौरिया, अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक श्री संजीव सिन्हा, एसडीएम श्री आरपी अहिरवार एवं विभिन्न विभागों के अधिकारीगण मौजूद थे। 

डेम से पानी 25 अक्टूबर से छोडा जाएगा

जिला जल उपयोगिता समिति की बैठक आज कलेक्टर श्री एमबी ओझा की अध्यक्षता में सम्पन्न हुई। कलेक्टेªट के सभाकक्ष में हुई इस बैठक में बताया गया कि सम्राट अशोक सागर परियोजना के कमाण्ड क्षेत्र में सिंचाई हेतु नहरो में 25 अक्टूबर से पानी छोडा जाएगा। इससे पूर्व समिति के सचिव एवं सम्राट अशोक सागर संभाग क्रमांक-दो के कार्यपालन यंत्री श्री जेएस वर्मा ने समिति के पदाधिकारियांे को परिचय करवाया। 

रबी सिंचाई के लक्ष्य का अनुमोदन
समिति के सचिव श्री जेएस वर्मा ने बताया कि वृहद सिंचाई योजना सम्राट अशोक सागर परियोजना से विदिशा, भोपाल एवं रायसेन जिले के कृषक लाभांवित होते है। परियोजना में जीवित जल क्षमता 252.13 मिली घन मीटर का भराव हुआ है। रबी सिंचाई के लिए 44 हजार हेक्टेयर क्षेत्र का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। जिले की निर्मित एवं निर्माणाधीन मध्यम परियोजना से 35 हजार 900 हेक्टेयर क्षेत्र मंे सिंचाई प्रस्तावित है वही लघु सिंचाई योजना से 26 हजार तीन सौ हेक्टेयर मेें रबी सिंचाई का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। 

पेयजल व औद्योगिक उपयोग के लिए जल मात्रा का निर्धारण
विदिशा नगर की पेयजल आपूर्ति हेतु सम्राट अशोक सागर परियोजना से पांच मिली घन मीटर जल एवं रायसेन नगर को पेयजल आपूर्ति हेतु सम्राट अशोक सागर परियोजना से पांच मिली घन मीटर आरक्षित किया जाना प्रस्तावित है। वर्तमान में बांध में सौ प्रतिशत जल का भराव हुआ है, अतः पेयजल हेतु पानी की कोई समस्या नही है। इसी प्रकार सिरोंज नगर पेयजल आपूर्ति हेतु उपलब्ध जल के आधार पर 1.785 मिली घन मीटर जल का आरक्षण प्रस्तावित है। औद्योगिक उपयोग हेतु जल का आरक्षण प्रस्तावित नहीं है।  बैठक में फसलों का चुनाव एवं पानी का उपयोग, सिंचाई प्रणाली की कमियों को दूर कर पानी का समुचित उपयोग करने तथा भू-गर्भीय सतही जल का समुचित उपयोग करने पर भी विचार विमर्श किया गया। 

जलकर वसूली
सम्राट अशाक सागर संभाग क्रमांक-दो के कार्यपालन यंत्री श्री वर्मा ने बताया कि परियोजना तहत विदिशा अंतर्गत राजस्व वसूली का लक्ष्य 142 लाख के विरूद्ध 45.84 लाख रूपए की वसूली की गई है।

वाहन प्रदूषण जांच केन्द्र स्थापन हेतु आवेदन आमंत्रित

मोटरयानो के प्रदूषण जांच केन्द्रों के लिए हाल ही में प्रारंभ की गई नवीन योजना के तहत अब जिले की तहसीलो में वाहनो के प्रदूषण जांच केन्द्र स्थापित करने के इच्छुक व्यक्तियों से आवेदन पत्र 30 अक्टूबर तक आमंत्रित किए गए है। जिला परिवहन अधिकारी श्री गिरजेश वर्मा ने बताया कि आवेदन का प्रारूप गजट में नोटिफिकेशन किया गया है इसके लिए विभाग की बेवसाइट ूूूण्उचजतंदेचवतजण्वतह से भी डाउनलोड किया जा सकता है। आवेदकोें द्वारा स्पष्ट अक्षरों में भरे गए आवेदन पत्र के साथ प्रमाण पत्र एवं निर्धारित शुल्क एक हजार रूपए का भुगतान कर भुगतान प्रमाण पत्र के साथ आवेदन 30 अक्टूबर तक जिला परिवहन कार्यालय में कार्यालयीन दिवस एवं अवधि में जमा किए जा सकते है। 

आधार कार्ड पंजीयन हेतु विशेष रणनीति बनाकर कार्रवाई करें- श्री मोहंती
  • लक्ष्य प्राप्ति हेतु संभाग में प्रतिदिन 39 हजार पंजीयन करने होंगे

मध्यप्रदेश में आधार कार्ड पंजीयन का कार्य आगामी दो सप्ताह में युद्धस्तर पर शुरू किया जायेगा तथा 31 दिसम्बर तक इस कार्य को पूरा करने का लक्ष्य है । इस अत्यन्त महत्वपूर्ण कार्य के लिये विशेष रणनीति बनाकर कार्रवाई की जायेगी । यह जानकारी आज भोपाल संभाग में आधार कार्ड पंजीयन की समीक्षा करते हुए अतिरिक्त मुख्य सचिव श्री एस.आर.मोहन्ती ने दी । स्मरण रहे कि राज्य में आधार कार्ड बनाने के लिए गठित टास्क फोर्स का दायित्व श्री मोहंती को सौंपा गया है । अभियान की प्रगति की प्रतिदिन समीक्षा की जाती है । श्री मोहंती ने बताया कि भोपाल संभाग में 63.07 लाख लोगों का पंजीयन हो चुका है । अभी 23.52 लाख व्यक्तियों का पंजीयन होना शेष है । निर्धारित तिथि तक लक्ष्य प्राप्त करने के लिये उपलब्ध लगभग 60 कार्य दिवसों में अकेले भोपाल संभाग के सभी जिलों भोपाल, रायसेन, सीहोर, विदिशा और राजगढ़ में लगभग 39 हजार व्यक्तियों का प्रतिदिन पंजीयन कराना होगा तभी इस लक्ष्य को प्राप्त किया जा सकता  है । श्री मोहंती ने कहा कि हर जिले की स्थितियां अलग अलग है । इस कार्य के लिये प्रत्येक जिले को अपनी रणनीति तय करनी होगी । आधार कार्ड के संबंध में कलेक्टर के निर्देश अंतिम निर्देश होंगे । जिलों में पदस्थ अधिकारियों को उन्हीं निर्देशों के अनुरूप कार्य करना होगा । बैठक में उन्होंने मैप आई.टी. के सी.ई.ओ. श्री सेलवेन्द्रन को निर्देश दिये कि मध्यप्रदेश में आधार कार्ड बनाने की प्रक्रिया उपलब्ध केन्द्र तथा अन्य संबंधित जानकारियों पर तीन दिन में एक वेबसाइट बनाई जाये तथा उसका व्यापक प्रचार प्रसार किया जाये । प्रदेश में रहने वाले हर नागरिक के पास आधार कार्ड उपलब्ध हो, इसके लिए जरूरी है कि हर व्यक्ति का आधार केन्द्र पर पंजीयन हो । श्री मोहंती ने बताया कि आधार कार्ड का उपयोग परिचय पत्र के रूप में किया जा रहा है । अतः समाज के गरीब तथा वंचित वर्ग के लोग आधार पंजीयन से न छूट जायें इसका विशेष ध्यान रखा जाये । बैठक में संभागायुक्त श्री एस.बी.सिंह ने बताया कि जिन लोगों का आधार पंजीयन अभी तक नहीं हो पाया है, उनके लिये जनगणना की तरह घर-घर जाकर पंजीयन की कार्रवाई की जायेगी । इस कार्य में ग्राम पंचायत, आंगनवाड़ी स्तर तक सक्रिय लोगों का भी सहयोग लिया जायेगा । रोजगार सहायकों को भी इस कार्य में लगाया जायेगा । बैठक में जानकारी दी गई कि आधार पंजीयन के लिये स्कूल कालेज तथा आंगनवाड़ियों पर विशेष ध्यान दिया जायेगा । अभी नवजात शिशु से लेकर 18 वर्ष तक की आयु वर्ग का बड़ा वर्ग ऐसा है जिसमें आधार पंजीयन नहीं हो पाया है । इस वर्ग को इस योजना के अंतर्गत लाने के लिए विशेष कार्रवाई की जा रही है । आधार पंजीयन के लिये आमजन को प्रेरित करने हेतु प्रचार प्रसार गतिविधियां भी संचालित की जा रही   है । बैठक में भोपाल,सीहोर जिलों के कलेक्टर, सभी जिलों के मुख्य कार्यपालन अधिकारी तथा अन्य संबंधित विभागों के अधिकारी उपस्थित थे । 

सीहोर (मध्यप्रदेश) की खबर (13 अक्तूबर)

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15 से 19 अक्टूबर के बीच आयोजित होगी महिलाओ के लिए विशेष ग्राम सभा
  • महिला विशेष ग्राम सभा मे महिला शक्तिकरण और खुले मे शौच मुक्ति पर होगी चर्चा 

मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला पंचायत डा. आर. आर. भोसले ने जिले की समस्त ग्राम पंचायतो मे 15 से 19 अक्टूबर 2015 के बीच महिला विशेष ग्राम सभा आयोजित करने के निर्देश समस्त ग्राम पंचायत सचिवो को जारी किये है। महिला जनप्रतिनिधि, स्वसहायता समूह सदस्य, आगंनबाडी कार्यकर्ता, सहायिका, आशाकार्यकर्ता एवं शौर्यदल के सदस्यो की उपस्थिति मे महिला विशेष ग्राम सभा का आयोजन किया जावेगा। महिला विशेष ग्राम सभा मे महिला शक्तिकरण के लिए महिला एवं वालिका हिंसा, सामाजिक कुरीतियो, आर्थिक शक्तिकरण, लिंगभेद, सम्पत्ति अधिकार, रोजगार, कौशल उन्नयन, शारीरिक एवं मानसिक स्वास्थ्य, डिजीटल एवं वित्तीय साक्षरता पर चर्चा होगी। इसके साथ ही 19 नवम्बर 2015 को विश्व शौचालय दिवस पर खुल मे शौच मुक्ति का संकल्प पारित करने के साथ, शौचालय निर्माण, उपयोग, घरेलू एवं बाहरी स्वच्छता तथा निगरानी समितियो के गठन एवं क्रियान्वयन पर चर्चा होगी। समस्त अनुविभागीय अधिकारी राजस्व को महिला ग्राम सभा हेतु पंचायत स्तर पर नोडल अधिकारी नियुक्त करने तथा मुख्य कार्यपालन अधिकारी जनपद पंचायतो को निगरानी के साथ दस्तावेजीकरण करने के निर्देश जारी किये गये हैै। 

वैज्ञानिक सलाहकार समिति बैठक

सी. आर. डी. ई. कृषि विज्ञान केन्द्र, सेवनियाॅ, जिला सीहोर द्वारा 19वीं वैज्ञानिक सलाहकार समिति बैठक का आयोजन 14 अक्टूबर, 2015 को कृषि विज्ञान केन्द्र, प्रक्षेत्र सेवनियाॅ सभागर कक्ष में अपरान्ह 12 बजे सेे किया जाना है।  बैठक में कृषि विज्ञान केन्द्र द्वारा सम्पादित विगत छः माह (खरीफ -2015) की गतिविधियों की प्रगति प्रतिवेदन एवं आगामी छः माह       (रबी -2015) की कार्ययोजना का प्रस्तुतीकरण किया जायेगा। बैठक में जिले की कृषि को उन्नत बनाने हेतु सदस्यों से विस्तुत चर्चा की जायेगी।  

बीजो का उपचार कर बुवाई करें किसान

जिले के कृषको से आगामी रबी सीजन में बोयी जाने वाली फसलो के शत्-प्रतिशत बीजो को जैविक कल्चर अथवा रासायनिक दवाइयो के द्वारा उपचारित कर ही बोने की सलाह दी गई है, क्यांेकि बीजोपचार करने से फसलो के बीज एवं मृदा जनित रोगो एवं कीटो की रोकथाम की जा सकती है। जैव उर्वरक जैसे राइजोवियम, पीएसबी तथा ट्राइकोडरमा द्वारा बीजोपचार किया जा सकता है। राइजोबियम कल्चर में उपस्थित बैक्टीरिया द्वारा बीजोपचार करने से दलहनी फसलो को वायुमण्डल की नाइट्रोजन का स्थिरीकरण उसे घुलनषील नाइट्रोजन में परिवर्तित कर पौधो को उपलब्ध कराता है। जिससे दलहनी फसलो में अतिरिक्त नाइट्रोजन (यूरिया) डालने की आवश्यकता नहीं होती। पीएसबी कल्चर द्वारा उपचार करने से मृदा में स्थिर अवस्था में उपस्थित फास्फोरस को घुलनशील अवस्था में बदल देता है। जो पौधो के लिये उपलब्ध होती है। इसी प्रकार ट्राइकोडरमा द्वारा उपचार करने से दलहनी फसल जैसे चना, मसूर, मटर में लगने वाले बिल्ट (उगरा) के नियंत्रण में उपयोगी होता है। उपरोक्त तीनो प्रकार के जैव उर्वरको का गोबर अथवा बर्मी खाद में मिलाकर बुवाई के पहले या सिंचाई के पहले खेत में छिड़काव करने से इनकी क्षमता कई गुना बढ़ जाती है। तीनो जैव उर्वरको का 05-05 ग्राम प्रति किलो बीज के हिसाब से बीजोपचार करना चाहिये। रासायनिक नियंत्रण में दलहनी फसलो के बीजो को दो ग्राम थायरम ़ एक ग्राम काबन्डाजिम की मात्रा को प्रति किलो बीज के हिसाब से मिलाकर बीजोपचार कर बुवाई करने से उगरा रोग का नियंत्रण होता है। इसी प्रकार गेहूँ में कंडवा रोग के नियंत्रण के लिये गेहूँ के बीज को बीटावेक्स नामक दवाई से 05 ग्राम प्रति किलो बीज के हिसाब से उपचारित करने से कंडवा रोग का नियंत्रण किया जा सकता है।

शारदीय नवरात्रि पर्व पर अखण्ड रामायण पाठ का आयोजन

सीहोर। दिनाॅंक 30.10.15 से 20.10.15 तक श्री कामेश्वर महादेव मंदिर रानी मौहल्ला गंज सीहोर में प्रतिवर्षानुसार शारदीय नवरात्रि पर्व पर श्री रामचरितमानस पाठ का आयोजन किया जा रहा है । स्थानीय रानी मोहल्ला में माॅं शारदा की अप्रतिम अतिसुन्दर प्रतिमा स्थापित है एवं भगवान शंकर, रामदरबार, अंजनि सुत हनुमान जी महाराज एवं काल भैरव की प्रतिमाएॅं स्थापित हैं एवं बरगद, पीपल एवं नीम वृक्ष की त्रिवेणी से स्थान की सिद्धता स्वमेव प्रतिपादित होती है एवं यहाॅं आने वाले भक्तों को मनवांछित फल की पूर्ति भी होती है । कामेश्वर त्रिवेणी हनुमान मंदिर में पूर्ण सुन्दरकाण्ड, दुर्गा सप्तसती, हनुमान आरती, हनुमान चालीसा, शिवाष्टक, शिव आरती एवं रामचरित मानस की अनेक चैपाईयाॅं मारबल के पत्थर पर सुन्दर लिपि में लिखी होकर मंदिर में अंकित हैं, जिनसे मंदिर की भव्यता देखते ही बनती है । मंदिर व्यवस्थापक श्री डी.आर. मालवीया जी द्वारा सभी धर्म प्रेमी बन्धुओं से उक्त रामायण कार्यक्रम में उपस्थित होकर धर्म लाभ लेने की अपील की है ।

थूना कला मंे श्रद्धा के साथ निकली चुनरी यात्रा

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सीहोर। परंपरा अनुसार पंडित दुर्गा प्रसाद कटारे के मार्गदर्शन में ग्राम थूनाकला में नवरात्री उत्सव के प्रथम दिन कलश यात्रा के साथ चुनरी यात्रा निकाली गई। यात्रा ग्राम के प्राचीन गणेश मंदिर से प्रारंभ होकर इंदौर-भोपाल रोड पर स्थित मां अन्न्पूर्णा  देवी को समर्पित की गई। चुनरी की  लंबाई करीब  700 मीटर  है।  

झाबुआ (मध्यप्रदेश) की खबर (13 अक्तूबर)

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अनादि काल से सस्कृति के स्वरूप को बनाये रखने में आदिवासी समाज का बडा ही योगदान रहा है- मां कनकेष्वरी देवी
  • चल समारोह मे प्रदेष के राजनेताओं ने की षिरकत
  • राज्योत्सव में षामील होगा झाबुआ का चल समारोह- संस्कृति मंत्री ने की घोघणा

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झाबुआ---नगर में षारदेष नवरात्री के प्रथम दिन राजगढ नाका मित्र मंडल द्वारा आयोजित 26 वें नवरात्री चल समारोह में षामील होने के लिये  आध्यात्मिक संत मां कनकेष्वरीजील, प्रदेष भाजपा अध्यक्ष नंदकुमारसिंह चैहान, प्रदेष के सस्कृति एवं पर्यटन राज्य मंत्री सुरेन्द्र पटवा, रतलाम विधायक चैतन्य कष्यप, भाजपा संभागीय संगठन मंत्री षेलेन्द्र बरूआ, रतलाम गा्रमीण विधायक मथुरालाल , सैलाना विधायक संगीता चारेल, जिला पंचायत रतलाम अध्यक्ष  प्रमेष मेडा, विधायक निर्मला भूरिया, षांतिलाल बिलवाल, पूर्व ननि महापौर रतलाम षैलेन्द्र डागा, आदि उपस्थित थे । स्थानीय बस स्टेंड पर नवरात्री उत्सव के प्रथम दिन निकले चल समारोह एवं देष के विभिन्न राज्यों से आये कलाकारों एवं उनके दलों की सांस्कृति प्रस्तुतियों को निहारा तथा सभी ने एक स्वर में इस आयोजन की प्रसंषा की । इस  अवसर पर अतिथियों का परम्परागत रूप से स्वागत जिला भाजपा अध्यक्ष षैलेश दुबे एव ंविधायक षांतिलाल बिलवाल ने  किया । पुश्पकरण सोनी एवं नितिन जैन महावीर ज्वैलर्स की ओर से  मां कनकेष्वरी का चांदी की साकली पहिनाकर तथा षाल श्रीफल से स्वागत किया गया । वही प्रदेष भाजपाध्यक्ष श्री नंदकुमारसिंह एवं प्रदेष के संस्कृति मंत्री सुरेन्द्र पटवा को चांदी का भोरया एवं षाल श्रीफल के साथ ही 1000 का चांदी का नोट एवं षाल श्रीफल से स्वागत किया गया । विधायक बिलवाल ने स्मृति चिन्ह देकर आगन्तुक सभील अतिथियों का स्वागत किया तथा सभी अतिथियों को साफे पहिनाकर सम्मान किया गया । इस अवसर पर मां कनकेष्वरी ने अपने प्रेरणादायी उदबोधन में  आयोजित चल समारोह की प्रसंषरा करते हुए आगन्तुक देष के विभिन्न भागो के कलाकारों की तपस्या की सराहना करते हुए कहा कि एक तपस्वी की तरह आयोजकों के मां के इस पर्व में मेहनत करके एक इतिहास का निर्माण किया ळे । उन्होने कहा कि मां पावागढवाली साक्षात स्वरूप  में जनसैलाब के रूप  में उपस्थित होकर सभी को दर्षन दे रही है ।  उन्होने आयोजन के 26 वें वर्श को स्वर्ण जयंती वर्श निरूपित करते हुए कहा कि संस्कृति के समागम का स्वर्णकाल षुरू हो चुका हे । मा कनकेष्वरी ने आगे कहा कि झाबुआ जिले का स्वर्णकाल का संकेत इस चल समारोह से मिलने लग लगा हे । उन्होने कहा कि अनादि काल से सस्कृति के स्वरूप् को बनाये रखने में आदिवासी समाज का बडा ही योगदान रहा है । राम ने भी आदिवासी समाज की सहायता प्राप्त की थी । आदिवासी चारहे गरीब कहलाया जाता हो किन्तु उसमे जो वैभव रूपी सम्पदा विद्यमान है वह किसी के पास नही है । भगवान ने स्वयं भी आदिवासी समाज से सहायता के लिये हाथ फैलाये थे । मां कनकेष्वरी ने आगे कहा कि  आदिवासी संस्कृति की सुरक्षा एवं धर्म की रक्षा के लियष्े पदाधिकारियों, राजनेताओं, सत्ताधारियों को आगे आकर सहयोग देना होगा ।भारत की संस्कृति विष्व की सबसे श्रेश्ठतम संस्कृति है । उन्होने चल समारोह में एकत्रित लोगों की भीड देख कर कहा कि आज इस विराट स्वरूप को देख कर उन्हे स्वयं मां का साक्षात्कार हुआ है । उन्होने आषा व्यक्त की इस का दर्षन लाभ का उन्हे अवसर बार बार प्राप्त हो  पदाधिकारीगण एवं राजनेता आदिवासी षक्ति एवं संस्कृति एवं एकता को जगाने में महत्वपूर्व भूमिका निभावे । उन्होने कार्यक्रम की सफलता की कामना करते हुए उत्तरोत्तर प्रगति के आषीर्वाद दिये । इस अवसर पर प्रदेष भाजपा अध्यक्ष नंदकुमारसिंह चैहान ने इस कार्यक्रम को लघु भारत के दर्षन का आयाम बताते हुए कल्यना से भी बहुत आगे तथा महानगरों से भी बढ कर इस तरह के आयोजन की प्रसंषा करते हुए कहा कि अभी तक षहरों के बारे में ही सुना जाता था किन्तु झाबुआ के इस चल समारोह ने पूरे प्रदेष एवं देष में  कीर्तिमान बनाया हे । आज यहां पूरे देष की संस्कृति के अनेक स्वरूपों को देख कर वे बडे आल्हादित हुए है । माता के प्रति आस्था का यह स्वरूप  निष्चित ही महत्वपूर्ण है कि मां कनकेष्वरी जेसी आध्यात्मिक संत स्वयं यहा पधारी है । उन्होने मुख्यमंत्री के प्रतिनिधि के रूप  में उपस्थित प्रदेष के संस्कृति राज्य मंत्री सुरेन्द्र पटवा से इस आयोजन को राज्य के संस्कृति विभाग से राज्यस्तरीय उत्सव बनाने की मांग की । प्रदेष के संस्कृति राज्य मंत्री सुरेन्द्र पटवा ने  भी इस आयोजन की भूरी भूरी प्रसंषा करते हुए देष के सभी कलाकारों को एक मंच पर देख कर तथा विषाल जन सैलाब को देख कर इसे लघुू भारत बताते हुए इसे अनुठा संास्कृतिक कार्यक्रम बताया और प्रदेष के मुख्यमंत्री से परामर्ष कर इस उत्सव को भी राज्य उत्सव में षामील करने की घोशणा की । उन्होने झाबुआ के इस आयोजन की प्रसंषा करते हुए आगामी वर्श में राज्योत्सव का दर्जा दिये जाने के संकेत भी दे दिये । विधायक षांतिलाल बिलवाल एवं िवधायक निर्मला भूरिया ने भी आगन्तुक अतिथियों का स्वागत करते हुए इस पर्व को राज्योत्सव घोशित करने की मांग की । कार्यक्रम का सफल संचालन सुनील षर्मा ने किया । कार्यक्रम में नपा अध्यक्ष धनसिंह बारिया, महामंत्री प्रवीण सुराणा, मनोहर सेठिया,  कमलेष दांतला, राजू डामोर, सांमतसिंह सोलंकी  के अलावा जिला कलेक्टर डा अरूणागुप्ता एवं पुलिस अधीक्षक संजय तिवारी भी उपस्थित थे ।

गो हत्या का अपराध पंजीबद्ध 

झाबुआ---फरियादी भैरूसिंह पिता रिछुसिंह जमरा, उम्र 20 वर्ष निवासी बावडी ने बताया कि मैं अपने टेªक्टर से अपने खेत पर जा रहा था। धावलिया जंगल के पास अज्ञात 6-7 आरोपी एक भुरी गाय के चारो पैर व मुंह बांधकर कुल्हाडी से काट रहे थे। मैं अपने साथियों को खबर कर साथ में जाकर देखा तो आरोपी मांस के टुकडे व अपना कुछ सामान छोडकर भाग गये। प्रकरण में थाना कोतवाली झाबुआ में अप0क्र0 620/15, धारा 429 भादवि एवं 4/9 म0प्र0 गोवंश प्रति0अधि0 2004 का पंजीबद्ध कर विवेचना में लिया गया।
 पेड से गीरने पर मोत
        झाबुआ--- फरियादि प्रदीप पिता मेसुल भुरिया, उम्र 24 वर्ष तैनात जिला चिकित्सालय झाबुआ ने बताया कि मृतक मुकेश पिता रमेश, उम्र 25 वर्ष निवासी सुलामहुडा की पेड से गिरने के बाद भर्ती किया गया था। ईलाज के दौरान मृत्यु हो गई। प्रकरण में थाना मेघनगर में मर्ग क्रमांक 32/15, धारा 174 जाफौ का कायम कर जांच में लिया गया।

दुर्घटना मे घायल की मोत

       झाबुआ---फरियादि पप्पु पिता सोहन नैयर, तैनात जिला चिकित्सालय झाबुआ ने बताया कि मृतक भेरू पिता रधुनाथसिंह, उम्र 50 वर्ष निवासी रतलाम को दुर्घटना के बाद भर्ती किया गया था। ईलाज के दौरान मृत्यु हो गई। प्रकरण में थाना मेघनगर में मर्ग क्रमांक 33/15, धारा 174 जाफौ का कायम कर जांच में लिया गया।

छतरपुऱ (मध्यप्रदेश) की खबर (13 अक्तूबर)

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जनसुनवाई में आये 93 आवेदन, कलेक्टर ने की जनसुनवाई

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छतरपुर/13 अक्टूबर/षासन के निर्देषानुसार प्रति मंगलवार को जिले में जनसुनवाई कार्यक्रम का आयोजन किया जा रहा है। इसी तारतम्य में आज जिला मुख्यालय पर कलेक्ट्रेट सभाकक्ष में कलेक्टर डाॅ. मसूद अख्तर द्वारा जनसुनवाई की गयी। जनसुनवाई में जिले के विभिन्न अंचलों एवं दूरदराज के क्षेत्रों से कई आवेदक अपने आवेदन पत्र लेकर उपस्थित हुये। जनसुनवाई में कुल 93 आवेदन प्राप्त हुये। कलेक्टर डाॅ. अख्तर ने जनसुनवाई में एक-एक कर आवेदकों की समस्याओं का निराकरण किया। उन्होंने जनसुनवाई में आये हुये लोगों की समस्याओं को बड़े ही धैर्य पूर्वक सुना और कई समस्याओं का मौके पर ही निराकरण किया। जनसुनवाई में लोग गरीबी रेखा सूची में नाम जुड़वाने, राषनकार्ड बनवाने, इंदिरा आवास स्वीकृत कराने एवं किष्तों की राषि दिलवाने, विधवा पेंषन दिलाये जाने, राष्ट्रीय परिवार सहायता की राषि दिलाये जाने, सीमांकन कराने, जमीन का नामांतरण एवं बटवारा कराने, स्वच्छ भारत अभियान के तहत निर्मित किये गये षौचालयों की राषि दिलाने, स्कूलों में प्रवेष दिलाने, फीस माफ कराने, छात्रवृति दिलाये जाने, बीमारी में सहायता दिलाये जाने, निःषक्तजन पेंषन दिलाये जाने, अतिक्रमण हटाये जाने आदि समस्याओं के संबंध में आवेदन लेकर उपस्थित हुये। जनसुनवाई में इस बार छात्र-छात्राओं, बुजुर्ग महिलायें एवं पुरूष एवं युवा वर्ग सहित सभी आयु वर्गाें के लोग आवेदन लेकर उपस्थित हुये। जनसुनवाई में महिलाओं की संख्या भी काफी अधिक देखने को मिली। पूर्वान्ह 11 बजे से प्रारम्भ हुयी जनसुनवाई दोपहर 1.30 बजे तक चली। कलेक्टर डाॅ. अख्तर ने आवेदकों को अपनी समस्याओं का निराकरण कराने के लिये पहले संबंधित विभागों के अधिकारियों के पास जाने की भी समझाईष दी। उन्होंने मौके पर निराकृत न हो सकने वाले सभी आवेदनों पर जनसुनवाई कर आवेदकों को समय-सीमा में उनकी समस्याओं का निराकरण कराने की बात कही। जनसुनवाई में सीईओ जिला पंचायत डाॅ. सतेन्द्र ंिसंह एवं डिप्टी कलेक्टर श्रीमती दिव्या अवस्थी ने भी कई आवेदकों की समस्याओं का निराकरण किया। जनसुनवाई में पीओ डूडा श्री निरंकार पाठक, जिला षिक्षा अधिकारी श्री जय सिंह बरकड़े, महिला एवं बाल विकास अधिकारी श्री भरत सिंह राजपूत, जिला संयोजक आदिम जाति कल्याण श्री एनके मेहरोत्रा, उपसंचालक सामाजिक न्याय श्री आरपी खरे, जिला आपूर्ति अधिकारी श्री बीके सिंह सहित विभिन्न विभागों के अधिकारी उपस्थित थे।

भाकपा माले उम्मीदवार एक परिचय !

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(192) सन्देश - कॉ. राजू यादव, भोजपुर की क्रान्तिकारी युवा आवाज 

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बिहार के क्रांतिकारी छात्र-युवा आन्दोलन की मजबूत पहचान बन चुके युवाओं के लोकप्रिय नेता कॉ. राजू यादव भोजपुर में सामंती उत्पीडन के खिलाफ शोषित वंचित समुदाय के सामजिक बदलाव और छात्रों के रेडिकल बदलाव की लड़ाई के बीच आन्दोलान्त्मक एकता की सशक्त कड़ी के रूप में जाने जाते हैं. स्कूली दिनों से ही आइसा आन्दोलन में सक्रिय कॉ. राजू यादव के पिता तव्क्या सिंह (आर.टी.सिंह) भोजपुर में सामाजिक बदलाव की क्रांतिकारी जंग के अग्रणी नेताओं में थे. कॉ. राजू यादव ने अपने 14-15 साल के राजनीतिक जीवन में न सिर्फ वीर कुअंर सिंह विश्वविद्यालय में नामांकन प्रक्रिया में आरक्षण, लॉ में वंचित समुदाय के लिए आरक्षण, दलित-ओबीसी छात्रावासों के निर्माण आदि अनेक आंदोलनों का नेतृत्व किया है, बल्कि कैंपस के बाहर देश-दुनिया-समाज में चल रहे परिवर्तनकामी संघर्षों में भी अगली पंक्ति में डटे रहे हैं. वीर कुअंर सिंह विश्वविद्यालय के जुझारू छात्र नेता के रूप में उन्होंने जबरदस्त लोकप्रियता हासिल की है और व्यापक छात्र-युवा-शिक्षक-कर्मचारी एकता कायम करते हुए कई-कई बार सरकार और विश्वविद्यालय प्रशासन को नाकों चने चबाया है. महज 31 साल की उम्र के कॉ. राजू यादव वर्तमान में इनौस के बिहार राज्य अध्यक्ष हैं. लम्बे समय तक आइसा के बिहार राज्य अध्यक्ष रह चुके हैं. वर्ष 2009 के विधानसभा चुनाव में इन्होने बड़हरा विधानसभा से भाकपा माले प्रत्याशी के रूप में चुनाव लड़कर व्यापक जन समर्थन हासिल किया था. 16वीं लोकसभा के लिए आरा संसदीय क्षेत्र से भाकपा माले के प्रत्याशी थे. बिहार विधान सभा चुनाव 2015 में राजू यादव सन्देश विधान सभा से पार्टी के उम्मीदवार है.

(195) अगिआंव (सु.)- मनोज मंजिल, 

दलित समुदाय से आने वाले मनोज मंजिल भाकपा-माले से संबद्ध आइसा के नेतृत्व में चलने वाले बिहार के क्रांतिकारी छात्र-युवा आन्दोलन की उपज हैं. बीए की पढ़ाई के दरम्यान ही वे माक्र्सवादी विचारों से प्रभावित होकर भोजपुर में माले के नेतृत्व में चलने वाले छात्र-युवा आंदोलन में शामिल हो गये और कुछ ही दिन बाद उन्होंने अपने कैरियर की कोई परवाह किए बिना ग्रामीण क्षेत्रों में भूमिहीन मजदूरों व गरीब किसानों की लड़ाई संगठित करने चले गये. 30 वर्षीय मनोज मंजिल के नेतृत्व में वीर कुंवर सिंह विश्वविद्यालय में आइसा ने कई जबरदस्त सफलतायें हासिल कीं और वे आइसा के राष्ट्रीय कार्यकारिणी सदस्य चुने गये. भोजपुर के अगिआंव क्षेत्र में उन्होंने जल्दी ही मजदूरों व किसानों के बीच अपनी मजबूत पकड़ बना ली. और अपने साथी सतीश यादव (जिनकी हत्या कुछ दिन पहले ही सामंती ताकतों ने कर दी) के साथ मिलकर मजदूरी, बिजली, सड़क निर्माण, किसानों के धान की बकाया वसूली के सवाल पर कई आंदोलन चलाए. उनकी लोकप्रियता से घबराकर सामंती ताकतों के निर्दशन में प्रशासन ने उनपर कई फर्जी मुकदमे थोप दिए. पार्टी ने अगिआंव विधानसभा से उन्हें अपना प्रत्याशी बनाया है. नामांकन के दौरान उनकी गिरफ्तारी हो गयी और इसलिए वे अब जेल में रहते हुए विधानसभा का चुनाव लड़ेंगे.

(196) तरारी -सुदामा प्रसाद, किसान आंदोलन के चर्चित नेता

भाकपा-माले से संबद्ध अखिल भारतीय किसान महासभा के राज्य सचिव सुदामा प्रसाद बिहार विधानसभा चुनाव 2015 में तरारी विधानसभा से भाकपा-माले के उम्मीदवार हैं. 1978 में मैट्रिक की परीक्षा की उत्तीर्ण करने के उपरांत 1977 में वे भाकपा-माले से जुड़कर भोजपुर में चल रहे क्रांतिकारी किसान आंदोलन के हिस्सा बन गये. युवा नीति में काम करते हुए उन्होंने इंटरमीडिएट की पढ़ाई पूरी की और नाटकों के माध्यम से आदंोलनों का हिस्सा बने रहे. 1984 में शाहाबाद आइपीएफ के सचिव बने. इसी बची वे सामंती ताकतों के खिलाफ चल रहे संघर्ष के दरम्यान झूठे मुकदमों में 81 दिनों तक जेल में रहे. जेल में नक्सलवादी नेताओं से उनकी मुलाकात हुयी और उसने उनकी जिंदगी को एक नया मोड़ दिया. तब से उन्होंने पीछे मुउ़कर नहीं देखा और जल्दी ही भेाजपुर के किसान आंदोलन के वे प्रखर नेता बन गये. हाल फिलहाल में उन्होंने सोन के आधुनिकीकरण के साथ - साथ किसानों के अनेक सवालों पर सफल लड़ाइयों का संचालन किया. पूर्व में भी वे पार्टी की ओर से लोकसभा व विधानसभा के कई चुनाव लड़ चुके हैं. वर्तमान में वे पार्टी की राज्य कमिटी के सदस्य हैं.×

(220, ओबरा)  कॉमरेड राजाराम सिंह 

कॉ. राजाराम सिंह 1980 के दशक में पटना विश्वविद्यालय के चर्चित छात्र नेता रहे हैं. 1983 में ही पटना इंजीनियरिंग कॉलेज से सिविल इंजीनियरिंग की डिग्री हासिल करने के बाद वे राजनीतिक-सामाजिक आन्दोलनों से गहरे तौर पर जुड़ गए. 1982 में आइपीएफ के गठन के समय वे उसकी राष्ट्रीय परिषद् के सदस्य और पटना के सचिव निर्वाचित हुए. भाकपा माले द्वारा निर्देशित छात्र संगठन सीएसयू और एबीएसयू में उनकी भूमिका संस्थापक अध्यक्ष की रही. इनौस के वे संस्थापक राष्ट्रीय अध्यक्ष बने. 1990 में वे आइपीएफ के केंद्रीय कार्यालय सचिव भी रहे. 1995 से लेकर 2005 तक उन्होंने ओबरा विधानसभा से भाकपा माले का प्रतिनिधित्व किया और विधानसभा में विधायक दल के उपनेता भी रहे. बिहार में छात्र आन्दोलन और फिर किसान आंदोलनों की नेतृत्वकारी भूमिका में कॉ. राजाराम सिंह का नाम पहली कतार  में है. सोन नहर का मामला हो या फिर नवीनगर के किसानों का आन्दोलन, इन आन्दोलनों का नेतृत्व उन्होंने किया. 2012 में 2 मई को छोटू कुशवाहा हत्याकांड की सीबीआई जाँच की मांग को लेकर प्रदर्शन कर रहे हजारों लोगों पर पुलिस ने बर्बर दमनात्मक करवाई की. कॉ. राजाराम सिंह को खासकर निशाना बनाया गया. हाजत से लेकर जेल तक उन्हें तरह-तरह से प्रताडि़त किया गया, उन पर दर्जनों फर्जी मुकदमे लाद दिए गए, फिर भी न्याय का आन्दोलन जारी रहा. औरंगाबाद में न्याय के सवाल से  लेकर जनता के अन्य सवालो पर चल रहे आन्दोलन की केंद्रीय भूमिका रहते हुए राजाराम सिंह ने काफी मुसीबतों का सामना करते हुए लड़ाई जारी रखी है. बिहार मानवाधिकार ने औरंगाबाद कांड में जिला प्रशासन को दोषी ठहराते हुए उसपर जुर्माना भी ठोंका है. न्याय के सवाल के साथ-साथ सोन नहर के आधुनिकीकरण कदवन जलाशय परियोजना, किसानों की समस्याओं को लेकर भी राजाराम सिंह ने कई लडाइयां लड़ी हैं. कॉ. राजाराम सिंह लम्बे समय से भाकपा माले राज्य कमिटी के सदस्य रहे हैं और वर्तमान में वे पार्टी की केंद्रीय कमिटी के सदस्य और अखिल भारतीय किसान महासभा के महासचिव हैं. 

214, अरवल विधानसभा, महानंद प्रसाद

बिहार विधानसभा चुनाव 2015 के लिए भाकपा-माले ने अरवल विधानसभा से इलाके के चर्चित व जुझारू नेता काॅ. महानंद प्रसाद को अपना उम्मीदवार बनाया है. अपने छात्र जीवन में ही वे पटना में भाकपा-माले के संपर्क में आए और सांस्कृतिक गतिविधयों में उनकी लगातार भूमिका दिखने लगी. 1995 में अपनी पढ़ाई समाप्त करने के उपरांत महानंद प्रसाद ने भाकपा-माले के पूर्णकालिक कार्यकर्ता के बतौर काम करना शुरू किया और जहानाबाद व अरवल में गरीबों-दलितों के लोकप्रिय नेता के रूप में अपनी जगह बनाया है. पिछले विधानसभा चुनाव में उन्होंने अरवल विधानसभा में भाजपा प्रत्याशी को कड़ी टक्कर दी थी और वोटों के बेहद कम अंतर से चुनाव हारे थे. इसके पूर्व 2004 व 2009 का लोकसभा चुनाव में भी वे पार्टी की ओर से जहानाबाद संसदीय सीट से लड़ चुके हैं. गरीबों के आंदोलन के दरम्यान उन्होंने कई वर्ष जेल में भी बिताये हैं. हाल के दिनों में अरवल में बाइपास के निर्माण के सवाल पर उन्होंने जुझारू आंदोलन का नेतृत्व किया है. जनसंहार पीडि़तों के न्याय से लेकर, टाडा में बंद भाकपा-माले के नेताओं की रिहाई, अरवल में सिंचाई व्यवस्था के सुदृढ़ीकरण, गरीबों के लिए वास-आवास आदि समस्याओं पर लगातार संघर्ष का नेतृत्व किया है. वे वर्तमान में भाकपा-माले राज्य स्थायी समिति के सदस्य भी हैं.

बिहार : 2 साल 3 माह के पश्चात भी पुनर्वास नहीं महादलितों का

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  • झोपड़ी में रहने वालों से घर देने की मांग करने लगे स्मार्ट कार्ड बनाने वाले 
  • महादलितों के घाव पर नमक का छिड़काव

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दानापुर। आज भी विस्थापन का दंश झेलने को बाध्य हैं महादलित। कई दशक से दानापुर अंचल अन्तर्गत पुरानी पानापुर दियारा क्षेत्र के रविदास टोला में महादलित रविदास रहते थे। यहाँ पर प्रत्येक साल गंगा नदी के उफान आने से कटाव होता था। गंगा नदी में आए वर्ष 2013 के भंयकर उफान से 159 घरों के महादलित रविदास बेघर हो गए।किसी तरह से 500 से अधिक लोग गंगा नदी के गर्भ से निकल पाए। दानापुर अनुमंडल प्रशासन ने प्रखंड कार्यालयएदानापुर के परिसर में विस्थापितों को पनाह दिए।  विस्थापित सीताराम के पुत्र विनोद राम ने बताया कि हमलोग प्रखंड कार्यालयएदानापुर के परिसर में 2 साल 3 माह से रहते आ रहे हैं। पॉलिथिन तानकर झोपड़ी बना रखे हैं। यहाँ पर काफी दिक्कत है। शौचालय का अभाव है। यहाँ.वहाँ पर नित्यक्रम किया जाता है। इस प्रखंड के अंचलाधिकारी के द्वारा आश्वासन दिया गया कि 159 घर के विस्थापित मुखियों को 3 डिसमिल जमीन देकर पुनर्वास कर देंगे। यह आश्वासन कोरा साबित प्रतीक हो रहा है। 

पुरानी पानापुर दियारा क्षेत्र के रविदास टोला में आंगनबाड़ी केन्द्र संचालित था। इस केन्द्र की सेविका उर्मिला देवी हैं। उन्होंने परिसर में ही आंगनबाड़ी केन्द्र खोल दिया है। यहाँ की सेविका और सहायिका पर बेहतर ढंग से सेवा कर रही हैं। सेविका पति जवाहर राम कहते हैं कि महादलितों का राष्ट्रीय स्वास्थ्य बीमा योजना के तहत स्मार्ट कार्ड बना है। आंगनबाड़ी केन्द्र के माध्यम से 2 बार स्मार्ट कार्ड का नवीनीकरण किया गया। दुर्भाग्य से स्मार्ट कार्ड का नवीनीकरण करने वाले लोग आए थे। इन लोगों ने हम झोपड़ी नसीब लोगों से घर देने की माँग करने लगे। हमलोगों ने आंगनबाड़ी केन्द्र में बिजली की सुविधाओं के साथ अन्य व्यवस्था कर दी। मगर नवीनीकरण करने आए लोगों ने जिद्द करके घर का ही माँग करने लगे। तब उन लोगों से कहा गया कि आपलोग बीडीओ साहब के दफ्तर में चले जाए और उनसे  कार्यालय में जगह देने का आग्रह करें।फिर 5 माह के बाद भी नवीनीकरण करने नहीं आए। इससे लोगों में आक्रोश व्याप्त है। विस्थापित सीताराम ने कहा कि दानापुर प्रखंड के बीडीओ और सीओ ने हम विस्थापितों को परिसर से बाहर करने का दर्जनों बार प्रयास किया।हमलोगों ने डटकर कहा कि जबतक सरकारी पैमाने के अनुसार 3 डिसमिल जमीन नहीं दी जातीएतबतक प्रखंड परिसर से खिंसकेंगे नहीं। 



आलोक कुमार 
पटना।

लालू-नीतीश में भाजपा को रोकने की ताकत नहीं : दीपंकर

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  • कल से नालंदा का दौरा


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पटना 13 अक्टूबर 2015, माले महासचिव काॅ. दीपंकर भट्टाचार्य ने अरवल व ओबरा विधानसभा से चुनावी दौरे की समाप्ति के उपरांत कहा है कि लालू-नीतीश में भाजपा को रोकने की ताकत नहीं है. दरअसल इन्हीं लोगों की वजह से आज भाजपा ने बिहार में मजबूत हुयी है. नीतीश कुमार धर्मनिरपेक्ष कैसे हो सकते हैं, उन्होंने 17 वर्षों तक भाजपा के साथ रहकर उसे मजबूत करने का काम किया है. बिहार की जनता इस हकीकत को समझने लगी है और गरीब-दलित-महिलायें व अकलियत समुदाय के लोग वामपंथ के झंडे तले गोलबंद होेने लगे हैं. उन्होंने कहा कि ओबरा हो या अरवल या फिर काराकाट इन सभी सीटों पर अपना हक-अधिकार मांगते गरीब मजदूर-किसानों व समुदाय के विभिन्न समुदाय के लोगों की माले के पक्ष में गोलबंदी हो रही है. यह उभार न केवल सामंती-सांप्रदायिक भाजपा को हराने का काम करेगी, बल्कि विश्वासघाती लालू-नीतीश को भी सबक सिखायेगी.

उन्होंने कहा कि जिस रणवीर सेना को भाजपा ने संरक्षण दिया, उसे नीतीश कुमार ने भी बचाने का ही काम किया और इस प्रकार से गरीबों के न्याय का संहार किया. उन्होंने कहा कि भाजपा के यह चुनावी जुमला बिहार की जनता समझ रही है. भाजपा गठबंधन हो या फिर जदयू-राजद का गठबंधन इनकी नीतियां एक जैसी हैं. इनके विकास माॅडल में न तो कोई रोजगार सृजन है और न ही गरीबों का कोई अधिकार है. इसके बरक्स माले व वामपंथ वैकल्पिक नीतियों के साथ चुनाव के मैदान में है. भूमि सुधार आयोग, मुचकुंद दूबे आयोग की सिफारिशों को संपूर्णता में लागू करने के प्रति वचनबद्ध है. ठेका-मानदेय की नीति को समाप्त करके स्थायी रोजगार हमारा एजेंडा है.

14 अक्टूबर को नालंदा का दौरा करेंगे दीपंकर
माले महासचिव काॅ. दीपंकर 14 अक्टूबर से नालंदा के दौरे पर होंगे और कई जनसभाओं को संबोधित करेंगे.

बिहार चुनाव : नक्सल प्रभावित क्षेत्र में 16 अक्टूबर को द्वितीय चरण का मतदान

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  • पूर्व  मुख्यमंत्री और बिहार विधान सभा के अध्यक्ष के बीच भिड़ंत इमामगंज में

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पटना। द्वितीय चरण का मतदान 16 अक्टूबर को होगा। इस दिन पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी और बिहार विधान सभा के अध्यक्ष उदय नारायण चौधरी के बीच में भिड़ंत इमामगंज ( अ0जा0) सुरक्षित क्षेत्र में है। इस दिन 6 जिले कैमूर, रोहतास, अरवल, जहानाबाद, औरंगाबाद और गया के 32 विधानसभा में चुनाव होगा। नक्सल प्रभावित क्षेत्र है। इसके आलोक में आवश्यक कदम उठाया जा रहा है।

बिहार विधान सभा आम निर्वाचन,2015 के अवसर पर द्वितीय चरण के विधान निर्वाचन क्षेत्रों के लिए लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम,1951 की धारा 135 (ग) में निहित प्रावधानों के आलोक में उक्त निर्वाचन क्षेत्रों में मतदान की समाप्ति के लिए निर्धारित समय से 48 घंटे पूर्व से ही सभी प्रकार के शराब की बिक्री पर पूर्ण प्रतिबंध रहेगा।

लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम,1951 की धारा 126 (1) के अनुसार ‘कोई भी व्यक्ति किसी मतदान क्षेत्र में, उस मतदान क्षेत्र में किसी निर्वाचन के लिए मतदान की समाप्ति के लिए नियत किए गए समय के साथ समाप्त होने के 48 घंटों की कालावधि के दौरान- (क) निर्वाचन के संबंध में कोई सार्वजनिक सभा या जुलूस न बुलाएगा, न आयोजित करेगा, न उसमें उपस्थित होगा, न उसमें सम्मिलित होगा और न उसे संबोधित करेगा, या (ख) चलचित्र, टेलीविजन या वैसे किसी अन्य साधनों द्वारा जनता के समक्ष किसी निर्वाचन संबंधी बात का संप्रदर्शन नहीं करेगा, या ( ग) कोई संगीत समारोह या कोई नाट्य अभिनय या कोई अन्य मनोरंजन या आमोद-प्रमोद जनता के सदस्यों को उसके प्रति आकर्षित करने की दृष्टि से, आयोजित करके या उसके आयोजन की व्यवस्था करके, जनता के समक्ष किसी निर्वाचन संबंधी बात का प्रचार नहीं करेगा।’ अतः द्वितीय चरण के विधान सभा निर्वाचन क्षेत्रों में मतदान की समाप्ति के लिए निर्धारित समय से 48 घंटे पूर्व से ही उक्त प्रतिबंध लागू होंगे। 

लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम,1951 की धारा 135 (ख) में निहित प्रावधानों के आलोक में किसी कारोबार, व्यवसाय,औघोगिक उपक्रम या अन्य स्थापना में नियोजित प्रत्येक व्यक्ति को, जो बिहार विधान सभा आम निर्वाचन,2015 में मतदान करने का हकदार है, मतदान के दिन द्वितीय चरण के विधान सभा निर्वाचन क्षेत्रों में दिनांक 16.10.2015 (शुक्रवार) को सवैतनिक अवकाश मंजूर किया जायेगा। 

बिहार विधान सभा आम निर्वाचन,2015 के द्वितीय चरण के 32 विधान सभा निर्वाचन क्षेत्रों का मतदान 16.10.2015 (शुक्रवार)को निर्धारित है जिनमें से 9 विधान सभा निर्वाचन क्षेत्रों में मतदान का समय प्रातः 7.00 बजे से सायं 5.00 बजे तक,12विधान सभा निर्वाचन क्षेत्रों में मतदान का समय प्रातः 7.00 बजे से सायं 4.00 बजे तक तथा 11 विधान सभा निर्वाचन क्षेत्रों में मतदानका समय प्रातः 7.00 बजे से सायं 3.00 बजे तक है। 



आलोक कुमार, 
मखदुमपुर बगीचा, 
दीघा घाट, पटना।

बिहार : राकेश कुमार शारीरिक चुनौती को झेल रहे हैं

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  • व्हीलचेयर से ही जिदंगी चलाते 

handicap-strugling-biharपटना। दीघा थानान्तर्गत सैदपुर कुर्जी कोठिया में रहते हैं रामाशंकर प्रसाद। इनका पुत्र हैं राकेश कुमार (27 साल)। इन दिनों राकेश कुमार शारीरिक चुनौती को झेल रहे हैं। व्हीलचेयर से ही जिदंगी चलाते हैं। शारीरिक चुनौतियों का सामना करने वाले राकेश कुमार ने 175-हिलसा-सामान्य निर्वाचन क्षेत्र से तकदीर अजमा रहे हैं। तृतीय चरण का मतदान 28 अक्टूबर को है। इस दिन 6 जिले सारण, वैशाली, नालंदा, पटना, भोजपुर और बक्सर के 50 विधानसभा में चुनाव होगा।

राकेश कुमार का नाम 181 दीघा विधान सभा निर्वाचन क्षेत्र की निर्वाचक नामावली के भाग सं0 195 में क्रम सं0 442 पर प्रविष्ट है।राजेश रंजन,नीतीश कुमार,बालेश्वर प्रसाद,बहादुर प्रसाद, राज कुमार, विनय कुमार, अजीत कुमार, सुधीर पंडित,दिनेश प्रसाद और मुकेश कुमार ने प्रस्थापकों में हैं। भारतीय मोमिन फ्रंट दल द्वारा खड़ा किया गया है। राकेश कुमर ने 6 अक्टूबर 2015 को हलफनामा दायर किया है। 175-हिलसा-सामान्य के लिए निर्वाचन के निए रिटनिंग ऑफिसर के समक्ष अभ्यर्थी द्वारा प्रस्तुत किया गया। हाथ में 20 हजार रूपए है। हॉकर के रूप में कार्यरत हैं। मगध विश्वविघालय से स्नातक हैं।

विचार : शाइनिंग इंडिया चेहरा सुधीन्द्र कुलकर्णी का

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sudhindr kulkarni
मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी के कार्ड होल्डर से सफ़र शुरू करने वाले तथा  पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी बाजपेई के विशेष कार्याधिकारी रहे सुधीन्द्र कुलकर्णी के चेहरे पर शिव सैनिकों ने कालिख पोत दी. वर्तमान में कुलकर्णी थिंक टैंक आब्जर्वर रिसर्च फाउंडेशन चला रहे हैं और पाकिस्तान के पूर्व विदेश मंत्री खुर्शीद महमूद कसूरी की किताब का विमोचन मुंबई में आयोजित किया है. शिव सेना पाकिस्तानी पूर्व विदेश मंत्री के इस कार्यक्रम का विरोध कर रही है. उसका कहना है कि कुलकर्णी पाकिस्तानी एजेंट हैं. पकिस्तान से हमारे मुल्क की दुश्मनी है. हम उनका कार्यक्रम नहीं होने देंगे. 

लोकतान्त्रिक व्यवस्था के तहत सभी को अपने विचार रखने व अपनी बात कहने का अधिकार है लेकिन बम्बई में कुछ भी करने के लिए सरकार के अतिरिक्त शिव सेना की अनुमति की आवश्यकता होती है पूर्व में कांग्रेस की सरकार थी तब भी यही स्तिथि थी और अब भाजपा की सरकार है, स्तिथि ज्यों की त्यों बनी हुई है. शिव सेना की समान्तर सरकार चला रही है और उसका विरोध करने का साहस किसी भी दल में नहीं है. सुधीन्द्र कुलकर्णी अवसरवादी तत्व हैं और जब वह विशेष कार्याधिकारी पूर्व प्रधानमंत्री के थे तब गुजरात का नरसंहार हुआ था और उसका विरोध करने का नैतिक साहस उनमें नहीं था. उलटे कुलकर्णी साहब ने शाइनिंग इंडिया का नारा दिया था.

देश के अन्दर पुराने फासिस्टों और नए फासिस्टों में एक दुसरे से आगे जाने की होड़ लगी है. एक कहता है की एक आँख हम फोड़ देंगे तब तक दूसरा दोनों आँख फोड़ देता है. उसी की परिणित आज सुधीन्द्र कुलकर्णी के ऊपर कालिख पोतने से हुई है. 

फासिस्ट व्यवस्था में तर्क, बुद्धि व विचार की बात करना अपनी हत्या का आमंत्रण देना है. पूर्व में महाराष्ट्र के अन्दर ही नरेन्द्र दाभोलकर व गोविन्द पानसरे की हत्या हो चुकी है. प्रदेश सरकार हत्यारों के खिलाफ कड़ी कार्यवाई करने में अपने को असमर्थ पाती है. 

मुंबई में कसूरी का कार्यक्रम हो गया है लेकिन एक फासिस्ट संगठन द्वारा दूसरे फासिस्ट संगठन के चेहरे को शाइनिंग इंडिया बना दिया है यह शाइनिंग इंडिया वर्तमान प्रदेश व केंद्र सरकार का असली चेहरा है. गंभीर कवि व लेखक सरकार की नीतियों के खिलाफ साहित्य अकादमी पुरस्कार वापस कर अपना विरोध जाता रहे हैं वहीँ, सरकार अपना मौन व्रत जारी रखे है.




सुमन 
लो क सं घ र्ष !

आतंकवादी को छोडने का मामला गंभीर: कांग्रेस

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कांग्रेस ने गृहमंत्री राजनाथ सिंह के हस्तक्षेप पर एक आरोपी आतंकवादी को रिहा करने संबंधी खबर को गंभीर बताते हुए आज आरोप लगाया कि सरकार आतंकवाद से समझौता कर रही है। कांग्रेस प्रवक्ता पी एल पुनिया ने यहां पत्रकारों से कहा कि सरकार को आतंकवादी को रिहा करने के मामले में एक नीति बनानी चाहिए। इनका कहना था कि यह नीति सबके लिए होनी चाहिए और सभी को समान रूप से उसका पालन करना चाहिए। 

उन्होंने आरोप लगाया कि सरकार ने 2017 में पंजाब विधानसभा के चुनाव में लाभ अर्जित करने के मकसद से इन आतंकवादियों को छोडा है। श्री पुनिया ने केन्द्र सरकार पर मसीनरी के दुरूपयोग का आरोप लगाया और कहा कि इस तरह का हस्तक्षेप नहीं होना चाहिए।

प्रधानमंत्री की कथनी और करनी में फर्क : नीतीश

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जनता दल यूनाईटेड (जदयू) के वरिष्ठ नेता और बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने भ्रष्टाचार के मुद्दे पर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की प्रतिबद्धता पर सवाल खड़े करते हुए कहा कि प्रधानमंत्री अपने भाषणो में लोगों को सार्वजनिक जीवन में इमानदारी की बात समझाते हैं लेकिन भ्रष्टाचार के मुद्दे पर उनकी चुप्पी कुछ और ही कहती है। प्रथम चरण के मतदान में बंपर वोटिंग से उत्साहित श्री कुमार ने माइक्रो ब्लागिंग साइट ट्विटर पर मतदाताओं के प्रति आभार प्रकट करते हुए लिखा , “ पहले चरण के चुनाव में भारी मतदान और उसमें विशेषकर महिलाओं की भागीदारी के लिए राज्य के मतदाताओं को बहुत बहुत धन्यवाद। महागठबंधन के प्रति आपके विश्वास, आशीर्वाद और समर्थन के लिए मैं आप सब का आभारी हूँ”। 

श्री कुमार ने प्रधानमंत्री पर निशाना साधते हुए एक के बाद एक तीन ट्वीट किये। उन्होंने सवालिया लहजे में कहा ,“ नरेंद्र मोदी अपने भाषणो में लोगों को भ्रष्टचार और सार्वजनिक जीवन में इमानदारी का उपदेश देते हैं लेकिन भ्रष्टाचार के मुद्दे पर उनकी चुप्पी कुछ और ही कहती है। उनकी कही कोई भी बात किसी भी तरह से एक-दूसरे से मेल नहीं खाती। उन्होंने सवालिया लहजे में ट्वीट कर प्रधानमंत्री से पूछा , “ हमलोगों ने ललित गेट प्रकरण और व्यापम के मामले में भ्रष्टचार के खिलाफ उनकी प्रतिबद्धता को देख चुके हैं। ऐसा आखिरी कब हुआ है जब मोदीजी ने जो कहा वहीं किया भी हो।

मंत्री पद भले छिने दादरी कांड यूएन तक जायेगा : आजम

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उत्तर प्रदेश के अल्पसंख्यक कल्याण तथा नगर विकास मंत्री मोहम्मद आजम खान दादरी कांड की शिकायत संयुक्त राष्ट्र में करने पर अमादा हैं चाहे उनका मंत्री पद ही क्यों नहीं चला जाय । मुरादाबाद एक निजी कार्यक्रम में आये श्री खां ने कहा कि चाहे मंत्री पद छिन जाए लेकिन दादरी घटना को यूएन तक जरुर पहुंचाऊंगा। उनका कहना था कि मंत्री पद जाता है तो चला जाए। 

पार्टी जब चाहे काफिले से निकाल दे। वह मंत्री पद की कुर्बानी के लिए तैयार हैं। उन्होंने कहा कि मैं एक जिम्मेदार पद पर बैठा हूं । अगर दादरी कांड यूएन ले जाने से रोका गया तो मैं अपने पद से इस्तीफा दे दूंगा। उन्होंने कहा मै अपनी यह बात पार्टी हाईकमान को बता चुका हूं।

संजीव भट्ट की याचिका सुप्रीम कोर्ट में खारिज

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उच्चतम न्यायालय ने भारतीय पुलिस सेवा (आईपीएस) के गुजरात के पूर्व अधिकारी संजीव भट्ट की वह याचिका आज खारिज कर दी, जिसमें उन्होंने अपने खिलाफ दायर दो प्राथमिकियों की अदालत की निगरानी में विशेष जांच दल (एसआईटी) से जांच कराने का अनुरोध किया था। मुख्य न्यायाधीश एच एल दत्तू और न्यायमूर्ति अरुण कुमार मिश्रा की खंडपीठ ने इस मामले में भारतीय जनता पार्टी अध्यक्ष अमित शाह एवं एस गुरुमूर्ति को पक्षकार बनाने का याचिकाकर्ता का अनुरोध भी ठुकरा दिया। इसके साथ ही शीर्ष अदालत ने पूर्व आईपीएस अधिकारी के खिलाफ दायर दोनों प्राथमिकियों की सुनवाई पर लगी रोक हटात हुए मुकदमा जारी रखने का रास्ता भी साफ कर दिया। संजीव भट्ट ने अपनी याचिका में वर्तमान अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल एवं गुजरात सरकार के तत्कालीन अतिरिक्त एडवोकेट जनरल तुषार मेहता पर जांच को प्रभावित करने का भी आरोप लगाया था तथा इसकी जांच एसआईटी से कराने का अनुरोध किया था। 

भट्ट के खिलाफ दो नामजद प्राथमिकियां दर्ज की गई हैं। पहले मामले में उन पर गुजरात दंगों की जांच कर रहे आयोग के समक्ष गवाही के लिए दबाव बनाने का आरोप लगाया गया है, जबकि दूसरे मामले में उन पर श्री मेहता का ईमेल हैक करने का आरोप है। पूर्व आईपीएस अधिकारी की दलील थी कि गुजरात के तत्कालीन मुख्यमंत्री (अब प्रधानमंत्री) नरेन्द्र मोदी के इशारे पर उनके खिलाफ मुकदमे दर्ज किये गए थे, ताकि उन्हें और 2002 के दंगों के अन्य गवाहों पर दबाव बनाया जा सके। भट्ट ने हाल ही में एक नयी याचिका दायर करके श्री शाह एवं गुरुमूर्ति को पक्षकार बनाने का अनुरोध किया था। उन्होंने अपने खिलाफ दोनों प्राथमिकियों के सिलसिले में एसआईटी से जांच कराने का आग्रह किया था। उनका कहना था कि अब केंद्र में परिस्थितियां और सरकार बदल गई हैं, इसलिए अब उन्हें केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) जांच पर भरोसा नहीं रहा। वर्ष 2011 में तत्कालीन संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन सरकार ने भट्ट के दावों की सीबीआई जांच के लिए नोटिस भी जारी किया था।

मोदी भ्रष्टाचारियों को सम्मानित करते हैं जबकि वह कार्रवाई करते है : नीतीश

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बिहार के मुख्यमंत्री और जनता दल यूनाइटेड :जदयू: के नेता नीतीश कुमार ने आज प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और अपने कार्यों की तुलना करते हुए आरोप लगाया कि भ्रष्टाचार के मामले में जानकारी मिलने के बावजूद श्री मोदी आरोपी को बचाते और सम्मानित करते हैं जबकि वह ऐसे मामलों में तुरंत कार्रवाई करते हैं । श्री कुमार ने आज रामगढ़ और मोहनियां में चुनावी सभा को सम्बोधित करते हुए कहा कि प्रधानमंत्री श्री मोदी उन्हें नैतिकता का पाठ नहीं पढ़ायें बल्कि अपने गिरेबां में झांक कर देखें । उन्होंने कहा कि उनके जिस मंत्री पर स्टिंग आपरेशन में पैसे लेने की बात सामने आयी, उनसे तत्काल इस्तीफा लेकर उन्हें उम्मीदवारी से भी वंचित कर दिया गया है लेकिन लोकसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी :भाजपा: के जिस नेता के पास से दो करोड़ रुपए बरामद हुए थे उसे श्री मोदी ने केन्द्र सरकार में मंत्री बनाकर सम्मानित किया है । मुख्यमंत्री ने कहा कि वह :श्री कुमार: बात बनाने में नहीं काम करने में विश्वास करते हैं । उन्होंने कहा कि श्री मोदी जिस गुजरात मॉडल की बात कर रहे हैं वहां 39 प्रतिशत घरों में शौचालय नहीं है । बिहार तो ऐसे ही पिछड़ा राज्य है। जिसकी वजह से वे विशेष राज्य का दर्जा देने की मांग कर रहे 

श्री कुमार ने कहा कि वे प्रधानमंत्री से विकास के मुद्दे पर कभी भी बहस करने को तैयार हैं । आज बिहार में समावेशी विकास हो रहा है। स्कूलों में पोशाक योजना, साइकिल योजना का छात्र -छात्राएं लाभ उठा रहे हैं । उन्होंने कहा कि महागठबंधन ने सात निश्चय का ऐलान किया है जिसमें हर छात्र - छात्रा को चार लाख का स्टूडेंट क्रेडिट कार्ड देने, युवाओं को हुनरमंद बनाने के लिए कम्प्यूटर की शिक्षा देना, हिंदी अंग्रेजी बोलने सिखाना, महिलाओं को नौकरी में 35 प्रतिशत का आरक्षण देना शामिल है। मुख्यमंत्री ने कहा कि बिहार में बिजली की स्थिति में काफी सुधार हुआ है । अब 20 से 22 घंटे बिजली मिल रही है। वर्ष 2016 तक हर गांव में बिजली, शौचालय और नल का पानी उपलब्ध होगा । उन्होंने कहा कि वह हर गांव को स्मार्ट गांव बनायेंगे । इसके बाद उस इलाके के ग्रामीण स्मार्ट सिटी की तरफ झांकने भी नहीं जायेंगे ।

श्री कुमार ने कहा कि भाजपा में नेतृत्व का अकाल है । नेता से लेकर कार्यकर्ता तक सभी बाहरी हैं । महागठबंधन ने बहुत पहले ही मुख्यमंत्री से लेकर सभी सीटों पर लड़ने वाले उम्मीदवारों का नाम घोषित कर दिया लेकिन भाजपा अभी तक यह नहीं तय कर पाई है कि उनके दल का कौन नेता होगा । उन्होंने कहा कि भाजपा कह रही है कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में चुनाव लड़ा जा रहा है । अब पंचायत चुनाव भी भाजपा प्रधानमंत्री के नेतृत्व में लड़ेगी। 

आलेख : आपकी सोच बनाती है आपका व्यक्तित्व

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हर व्यक्ति सफल एवं सार्थक जीवन की आकांक्षा रखता है। भौतिक जीवन जीते हुए भी हर व्यक्ति आंतरिक विकास के लिए जागरूक रह सकता है, अपने भीतर की अच्छाई को जिंदा रख सकता है, अच्छा इंसान बनने की यात्रा निरंतर जारी रख सकता है, इसी से जीवन को सार्थकता मिलती है। और यही है अंधकार से प्रकाश का रास्ता। यही है माटी के मंदिर में परमात्मा की प्राण-प्रतिष्ठा का उपक्रम। पर यह सब मनुष्य की सकारात्मक सोच पर निर्भर करता है कि उसे माटी या मोम जैसा बनना है या फिर वज्र संकल्प और फौलादी व्यक्तित्व वाला। असल में व्यक्ति ही सोच ही उसका व्यक्तित्व बनाती है। डिजरायली ने बहुत गूढ़ बात कही है-‘‘दोस्त यदि तुम अपना स्वास्थ्य खराब करना चाहते हो तो नशे पर पैसा खर्च मत करो, केवल अपने को गुस्से से भरे रखो, गुस्सा तुम्हारे रक्त में इतना विकार पैदा कर देगा कि वह जहरीला हो जाएगा।’’ 

वास्तव में कोप, दुर्भाव, ईष्र्या, प्रतिशोध की भावना-ये व्यक्ति के विवेक को टेढ़ा कर देते हैं। शत्रुता का भाव और विचार अपने आसपास अनेक शत्रु खड़े कर देता है। इसके विपरीत मित्रता का भाव और विचार आपके चारों ओर मित्रों की जमात खड़ी कर देता है। जीवन में अच्छे और सकारात्मक विचारों से अनेक जटिल से जटिल समस्याओं का समाधान संभव है और इसीलिये हैनरी वार्ड बीचर ने विचार के महत्व को व्यक्त करते हुए कहा है कि विचारों को मूर्त रूप देने की क्षमता ही सफलता का रहस्य है।

प्राणशक्ति को प्रखर बनाने के लिए निषेधात्मक भावों और विचारों से बचें। इससे जीवनी शक्ति क्षीण होती है। निषेधात्मक भाव जहर से भी अधिक हानिकारक है। वे मजबूत शरीर को भी तोड़ देते हैं। नकारात्मक चिंतन तनाव उत्पन्न करता है। इससे अम्ल की मात्रा अधिक उत्पन्न होने से उत्तेजना बढ़ती है। इससे जीवनी शक्ति, प्राणशक्ति को क्षति पहुंचती है। क्रोध प्राणनाशक शत्रु है। उसे अनेक मुखों वाला नाग या तेज धार वाली तलवार से उपमित किया जाता है। यह तप, संयम, दान आदि के फल को भी नष्ट कर देता है। 

ईष्र्या की वृत्ति भी बहुत कष्टकर होती है। किसी के घर फूल भी खिलता है तो पड़ोसी को जुकाम हो जाता है। यह असहिष्णु वृत्ति है। नौकरानी अच्छी साड़ी पहनकर आ जाए तो मालकिन जल-भुन उठती है, भले ही स्वयं के पास एक से बढ़कर एक कीमती सौ साडि़यां पड़ी हैं। पड़ोसी के घर का रंगीन टीवी सिरदर्द बन जाता है, चाहे स्वयं के पास दो-दो टीवी सेट और मिनी थियेटर ही क्यों न  हो।

जॉर्ज बर्नार्ड शॉ ने एक बार कहा था कि आप प्रसन्न है या नहीं यह सोचने के लिए फुरसत होना ही दुखी होने का रहस्य है, और इसका उपाय है व्यवसाय।’ एक प्रौढ़ महिला का पति क्लास इन्कम टैक्स अधिकारी है। आमदनी बढि़या है। बहू-बेटे बाहर रहते हैं। घर का काम नौकर-चाकर संभालते हैं। किसी प्रकार की तकलीफ नहीं, चिंता का कोई कारण नहीं, फिर भी सदा बीमार रहती हैं, निरंतर डाॅक्टरों का चक्कर। कारण नेगेटिव विचार। विचारों से उत्पन्न रोगों की चिकित्सा सामान्यतः कोई डाॅक्टर नहीं कर सकता। ये निषेधात्मक विचार न केवल शरीर को रुग्ण बनाते हैं अपितु जीवनी शक्ति को भी क्षीण करते हैं। भीतर में बिलौना चलता है तो छींटे आसपास उछलते ही हैं। तनाव, चिंता, गुस्सा, चिड़चिड़ापन-इनसे शरीर की 185 मांसपेशियां एक साथ प्रभावित होती हैं। इससे बचने के लिए सकारात्मक सोच की महत्वपूर्ण भूमिका रहती है। महान् वैज्ञानिक आइंस्टीन का कहा हुआ प्रासंगिक है कि सफल मनुष्य बनने के प्रयास से बेहतर है गुणी मनुष्य बनने का प्रयास। 

सबसे पहले शरीर यानी खुद को समझें। तैजस शरीर से परे एक सूक्ष्मतम शरीर और है। जैन सिद्धांत के अनुसार उसे कर्म शरीर कहते हैं। यह जन्म-जन्मांतरों से संचित शुभाशुभ कर्म पुद्गलों से निर्मित है। योग शास्त्र के अनुसार इसे कारण शरीर भी कहते हैं। यह जीन, क्रोमोसोम व गुण सूत्रों से भी अधिक सूक्ष्म है। अपरिमित संस्कारों का संवाहक होने के कारण यह संस्कार शरीर के रूप में भी पहचाना जाता है। यह भावनाओं, संवेदनाओं, वृत्तियों व अभिवृत्तियों का क्षेत्र है। यह जितना पवित्र, पारदर्शी और विरल होता है, व्यक्ति उतना ही अधिक आस्थावान, संवेदनशील, धर्मपरायण और संयमरत बनता है। इसी के आधार पर जागतिक विराट् सत्ता या परम तत्त्व के साथ उसके संबंध जुड़ते हैं। ज्ञान-विज्ञान व अनुभवों के आदान-प्रदान के द्वार खुलते हैं। ध्यान, धारणा, संयम, तप इत्यादि के द्वारा संचित संस्कारों का जब परिष्कार होता है, आत्मा परमात्मा को समर्पित होकर एकाकार बन जाती है। संस्कार शरीर में ही भावनाएं, मान्यताएं, आस्थाएं, आकांक्षाएं उगती हैं, पुष्ट होती हैं। इन्हें यदि करुणा, सेवा, सहकारिता आदि से भरा-पूरा रखा जाए तो मानवीय व्यक्तित्व में देवत्व को उभारा जा सकता है। चर्चिल ने जीवन का सार प्रस्तुत करते हुए कहा था कि निराशावादी हर अवसर में कठिनाई देखता हैं, जबकि आशावादी हर कठिनाई में अवसर देखता हैं।

प्रत्येक व्यक्ति की कोशिश रहती है कि वह आकर्षक और प्रभावी व्यक्तित्व का स्वामी बने। इसके लिए मात्र सुगठित शरीर या सुंदर चेहरा ही पर्याप्त नहीं है। वह आकर्षक बनता है ऊंचे चरित्र से, सुंदर भावों से और स्वस्थ विचारों से। व्यक्तित्व निर्माण में विचारों की भूमिका प्रमुख रहती है। विचार हमारे तीनों शरीरों को प्रभावित करते हैं। परामनोविज्ञान का निष्कर्ष है-सोचना मात्र ब्रेन का ही काम नहीं है। हमारा पूरा शरीर सोचता है, पूरा शरीर उन-उन विचारों से प्रभावित होता है। अस्वस्थ विचार मस्तिष्क में व्याधि की प्रतिमा निर्मित करते हैं। वह चित्र क्रमशः अस्थि, स्नायु, श्वसन, रक्त संचार प्रणाली और पाचन तंत्र को प्रभावित करता है। अरस्तू का कथन है कि अच्छी शुरुआत से आधा काम हो जाता है।

बेंजामिन फ्रैंकलिन ने कितनी वजनवाली बात कही है कि हँसमुख चेहरा रोगी के लिये उतना ही लाभकर है जितना कि स्वस्थ ऋतु। हम प्रसन्न होते हैं तो हमारी सारी नस-नाडि़यां खिल उठती हैं। हम उदास होते हैं तो पूरा स्नायु तंत्र उदास-शिथिल हो जाता है। हमारी भावनाएं स्वस्थ-प्रसन्न रहें। मन उल्लास-उत्साह से भरा रहे। इससे चेहरा तेजस्वी बनता है, आंखों में चमक आती है। इसके विपरीत चिंताओं में डूबे, हीन भावनाओं से घिरे, हताश-निराश व्यक्ति का चेहरा बुझा-बुझा, कांतिहीन प्रतीत होता है। झुका हुआ सिर, धंसी हुई आंखें, मरियल-सी चाल एक सुंदर चेहरे को भी दयनीय बना देती है। सकारात्मक सोच और पवित्र अंतःकरण वाला व्यक्ति चेहरे से सुंदर न भी हो उसके व्यक्तित्व की गरिमा, आभा और प्रभावोत्पादकता दूसरी ही होती है। अतः यदि अपने व्यक्तित्व को श्रेष्ठता प्रदान करना है तो स्थूल शरीर से प्रारंभ कर सूक्ष्म और सूक्ष्मतम शरीर को शुद्ध करें, सिद्ध करें। चैतन्य के साथ संपर्क होगा। राग-द्वेष क्षीण होंगे। ज्ञाता-द्रष्टा भाव जागेगा। आंतरिक अर्हताएं प्रकट होंगी। यही है अस्तित्व बोध से समग्र व्यक्तित्व विकास की महायात्रा। यही है स्वयं के सम्यक् निर्माण की प्रक्रिया। डिजरायली का कथन बिल्कुल सही है-तुम्हारे अंदर के भाव ही तुम्हारी दशा और दिशा तय करते हैं। 



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(ललित गर्ग)
25 आई॰ पी॰ एक्सटेंशन, पटपड़गंज, दिल्ली-92
फोनः 22727486, 9811051133

शो में एंन्जाय कर रही हॅू: श्रीत्मा मुखर्जी

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स्टार प्लस टेलीविजिन पर प्रसारित शो “कुछ तो है तेरे मेरे दरमियाँ” की लीड किरदार श्रीत्मा मुखर्जी ने अपना करियर ‘सोनी चैनल शो ‘देखा एक ख्याव’ से किया था। इसके बाद में अपने शोज किये ।इन दिनों “कुछ तो है तेरे मेरे दरमियाँ” में काम कर रही है। बंगाली ने किरदार को निभाया है, और असल में भी बंगाली ही है। इसलिए किरदार को निभाते हुए इन्जाॅय कर रही है।  श्रीत्मा मुखर्जी ने सीरियल संबंधी सवालों का सहजता से जवाब देते हुए कहा सीरियल के साथ साथ  उनकी भी लोकप्रियता बढ़ेगी क्योंकि उनका रोल है ही कुछ ऐसा खास। लोग उनको सीरियल के चरित्र के नाम से जानने लगेंगे।   

अभी से ही जहाँ जाओ लोग खास कर युवा वर्ग झट भाग कर पास आ खड़ा होता और आटोग्राफ मांगते हुए सेल्फी भी लेते हैं । सच पूछो तो खूब मजा आता है ये सब देख कर। इक सवाल के जवाब में मुखर्जी बोली कि सीरियल अपने साथ समाज और  युवा वर्ग सहित हर किसी न किसी के लिए जरूर कुछ न कुछ लिए हुए है। पूरी स्टार कास्ट खूब एन्जॉय करते हुए शूटिंग्स करती है ! सीरियल में कैमरा फेस करना अब कैसा लगता के बारे मुखर्जी बोली ‘अब तो अभ्यस्त हूँ और खूब मेहनत करके ही कैमरे के सामने आती हूँ । मुझे होम वर्क करके ही कैमरा फेस करना अच्छा लगता है। इससे दूसरे कलाकरों का टाइम भी बचता और खुद को भी राहत रहती है। 

प्रतिमा कन्नन बनेंगीं तांत्रिक

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एक हसीना थी, नो एण्ट्री और बंटी और बबली जैसी फिल्मों में अपनी भूमिकाओं के लिये मशहूर अभिनेत्री प्रतिमा कन्नन लाइफ ओके के शो ‘जिंदगी अभी बाकी है मेरे घोस्ट’ में एक निगेटिव किरदार में दिखायी देंगीं। पालेकर मेंशन में भूतों से छुटकारा पाने की युग (ध्रुव राज शर्मा) की सभी कोशिशें बेकार गयी हैं। प्रतिमा कन्नन तांत्रिकों के गुरू की भूमिका में हैं जिन्हें भूतों ने बोतल में बंद कर दिया था, वह अब भूतों को पकड़ कर उनसे बदला लेने के लिये घर में आएंगीं। वह एक वैम्प की भूमिका में हैं जो हर किसी को डरायेगा। भूतों को अब अपना परिवार मान चुका युग क्या भूतों को इस शैतान तांत्रिक से बचा पायेगा ?

प्रतिमा से इस भूमिका के बारे में पूछ जाने पर उन्होंने बताया, ‘‘पहली बार मैं तांत्रिक की भूमिका निभा रही हूं और यह मेरी आमतौर पर की गयी भूमिकाओं से अलग है इसलिये मैं काफी रोमांचित हूं। मैंने पहले भी निगेटिव भूमिकाएं की हैं लेकिन यह भूमिका कहानी में कुछ खास मकाम लायेगी।’’ देखना न भूलें प्रतिमा कन्नन को भूतों पर कब्जा करते हुये जिंदगी अभी बाकी है मेरे घोस्ट में हर सोमवार से शुक्रवार शाम 7.30 बजे सिर्फ लाइफ ओके पर

विशेष आलेख : सेव नैनी झील !!

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जल की ही जीवन है, जल के बिना जिंदगी का तसव्वुर नामुमकिन है। जल के महत्व को वह लोग ही समझ सकते हैं जो इसकी कमी से दो-चार हैं। राजधानी दिल्ली में भी पानी की समस्या मुंह-बाए खड़ी है। हर साल गर्मियों के दिनों में यहां पानी की समस्या अपने चरम पर होती है। राजधानी में पानी की कमी का सबसे बड़ा कारण खराब प्रबंधन और लोगों का जागरूक न होना है। दिल्ली में कुआं, तालाब, बावली समेत 629 जल स्रोत हैं। इसमें से 15 एएसआई के पास, डीडीए के पास 118, दिल्ली सरकार के पास 469 व सीपीडब्ल्यूडी और पीडब्ल्यूडी के पास 4-4 हैं। मगर कोई भी इन जल निकायों की सूध लेने वाला नहीं है। हां कुछ लोग ज़रूर हैं जिन्होंने इन जल निकायों के संरक्षण के लिए आवाज़ बुलंद करना शुरू कर दिया है। 
          
नैनी झील के प्रति लोगों को जागरूक करने और इसको साफ और स्वच्छ बनाने के लिए माॅडल टाउन में एक जागरूकता रैली आयोजन किया गया। इस रैली में विभिन्न संस्थानों से जुड़े विशेषज्ञ, पर्यावरणविद्, पत्रकारों के अलावा स्थानीय समेत तकरीबन 200 लोगों ने हिस्सा लिया। हाथों में पोस्टर लिए लोग नैनी झील के संरक्षण के लिए आवाज़ बुलंद करते नज़र आए। 
          
नैनी झील एक प्राकृतिक जल निकाय है जो कभी विभिन्न पक्षियों, मेढ़क और दूसरे प्राणियों का बसेरा हुआ करती थी। लेकिन पिछले कुछ वर्षों में इसकी हालत इतनी बदतर हो गयी कि यहां पक्षियों की चहचहाहट और मेढ़क की टर टर की आवाज़ कभी सुनायी नहीं देती। साल 2000 में नैनीझील का काफी बड़ा वेटलैंड क्षेत्र हुआ करता था जो गूगल अर्थ प्रो इमेज के ज़रिए साफ पता चलता है। लेकिन आज नैनीझील कंक्रीट की दीवार में तब्दिल होकर रह गयी है। आधुनीकरण के कारण हुए निर्माण की वजह से झील के इनलेट और आउटलेट स्रोत बंद हो चुके है जिसकी वजह से बरसात का पानी भी पूरी  तरह से झील में नहीं जा पाता। 
            
रैली को संबोधित करते हुए जल निकाय विशेषज्ञ और फील्ड बायोलाॅजिस्ट फयाज खुदसर ने कहा कि-‘‘ झील को पुर्नजीवित करने के लिए ज़्यादा पैसे की ज़रूरत नहीं है, बस इसके लिए मंशा और विशेषज्ञता की ज़रूरत है। जिस दिन इसमें बारिश का पानी जाना शुरू हो जाएगा वह झील के संरक्षण की दिशा में एक नई शुरूआत होगी। इसके अलावा उन्होंने कहा कि झील में आक्सीजन का कम स्तर होने की वजह से जलीय जन्तुओं का झील में जीवित रह पाना काफी मुश्किल हो रहा है। आक्सीजन की कमी की वजह से झील में मछलियां मर रही हैं।’’  

          
‘‘सेव नैनी लेक’’ कैंपेन की शुरूआत करने वाली जूही चैधरी कहती हैं कि-‘’दिल्ली सरकार के पर्यटन मंत्री कपिल मिश्रा ने झील के पुनरुद्धार का वादा किया है। उन्होंने बताया कि पर्यटन मंत्री इस बात पर सहमत हैं झील अपनी खस्ताहाली की वजह से पर्याप्त पर्यटकों को अपनी ओर आकर्षित नहीं कर पा रही है। इसलिए समय आ गया हम लोग झील के बारे में बात करें और इसके संरक्षण के लिए आगे आएं।’’ 

राष्ट्रीय जल मिशन से जुड़े टाटा सामाजिक विज्ञान के वरिष्ठ सलाहकार वत्तुरी श्रीनिवास कहते हैं कि-‘‘अगर पानी की बात जलवायु परिवर्तन के संदर्भ में की जाए तो पानी एक बहुत ही महत्वपूर्ण संसाधन है। अगर आप इस झील को देखोगो तो आपको निवास क्षेत्र में सिर्फ एक झील नज़र आएगी। लेकिन इस झील से हमारा एक बड़ा पारिस्थितिकी तंत्र भी जुड़ा हुआ है। अगर हम झील को इस तरह कंक्रीट की दीवार में तब्दिल कर देते हैं तो इससे पानी के इनलेट और आउटलेट स्रोत पूरी तरह बंद हो जाते है। जिसकी वजह से पानी स्थिर हो जाता है और जिसका असर पानी की गुणवत्ता के साथ साथ जलीय जीव जंतुओं के जीवन पर भी पड़ता है। ऐसे में हम शहरी क्षेत्रों में जलनिकायों का कैसे संरक्षण इसके बारे में अन्वेषण किए जाने की ज़रूरत है।’’ 

लोगों को यह भी समझना चाहिए कि जल निकायों के संरक्षण की जि़म्मेदारी सिर्फ सरकार की ही नहीं है। सरकार के अलावा जल निकायों का संरक्षण हम सबकी जि़म्मेदारी हैै। अगर सरकार के साथ-साथ स्थानीय लोग जल निकायों के संरक्षण के लिए आगे नहीं आए तो हमारी आने वाली पीढ़ी को कुदरत के अनमोल तोहफे पानी के साथ-साथ स्वचछ वातावरण से भी वंचित रहना पड़ सकता है। 




(गौहर आसिफ)
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