फिल्म की रिलीज की राह पर आगे बढ़ते हुए, निर्माताओं ने पहले सिंगल 'पुष्पा पुष्पा'का लिरिकल प्रोमो जारी कर दिया है। जैसा कि शीर्षक से पता चलता है, यह गाना एक आकर्षक फुट-टैपिंग गाना होने का वादा करता है जो अल्लू अर्जुन के प्रतिष्ठित किरदार पुष्पा राज को एक बड़े पैमाने पर पेश करने का वादा करता है। इस गाने को देवी श्री प्रसाद ने कंपोज किया है। फिल्म की बात करें तो इस महीने की शुरुआत में 8 अप्रैल को अल्लू अर्जुन के जन्मदिन पर निर्माताओं ने 'पुष्पा 2: द रूल'की एक झलक दिखाई थी। मास जथारा से अल्लू अर्जुन के आकर्षक लुक ने लोगों को खूब आकर्षित किया है और यह किसी शानदार फिल्म से कम नहीं है। फिल्म एक कमर्शियल पॉटबॉयलर होने का वादा करती है और टीजर रिलीज के बाद से ही प्रशंसक और दर्शक फिल्म से जुड़ी नई अपडेट का इंतजार कर रहे थे। पुष्पा 2 द रूल 15 अगस्त, 2024 को दुनिया भर के सिनेमाघरों में रिलीज होने वाली है। सुकुमार द्वारा निर्देशित और माइथ्री मूवी मेकर्स द्वारा निर्मित इस फिल्म में अल्लू अर्जुन, रश्मिका मंदाना और फहाद फासिल मुख्य भूमिकाओं में हैं। इस नए टीजर को देखने के बाद दर्शकों के बीच फिल्म के लिए उत्सुकता और भी बढ़ गई है।
मुंबई : 'पुष्पा 2: द रूल'के पहले शानदार फुट-टैपिंग ट्रैक का लिरिकल प्रोमो रिलीज़
मुंबई : सनी लियोनी ने मलयालम प्रोजेक्ट के लिए केरल में शूटिंग शुरू की
सनी लियोनी अपनी फिल्मों के सावधानीपूर्वक चयन से अपने फैंस को सरप्राइज करने में कभी असफल नहीं हुई हैं। हाल ही में घोषित अनाम फिल्म के साथ, एक्ट्रेस ने दर्शकों के बीच उत्सुकता बढ़ा दी है, जो यह देखने के लिए इंतजार नहीं कर सकते कि सनी अब उनके लिए क्या लेकर आएंगी। इस बीच, एक्ट्रेस फिलहाल 'स्प्लिट्सविला एक्स5'के लेटेस्ट सीज़न की होस्टिंग करती नजर आ रही हैं। पिछले साल, उनकी आने वाली फिल्म 'कैनेडी'को कान्स फिल्म फेस्टिवल के प्रीमियर में खूब तालियां मिलीं। अनुराग कश्यप द्वारा निर्देशित इस फिल्म में एक्ट्रेस को पहले कभी न देखे गए अवतार में दिखाया जाएगा। हालांकि, फिल्म को दुनिया भर में कई फिल्म फेस्टिवल्स में प्रशंसा मिल रही है, लेकिन यह अभी तक सिनेमाघरों में रिलीज नहीं हुई है। इसके अलावा, सनी की झोली में एक आगामी फिल्म 'कोटेशन गैंग'भी है।
सीहोर : सेमीफाइनल मुकाबले में पीपीसीए सीहोर ने अरेरा क्लब भोपाल को 68 रन से हराया
- सीहोर विधायक अंडर-16 क्रिकेट प्रतियोगिता का फाइनल 27 को
डीसीए के मीडिया प्रभारी प्रियांशु दीक्षित ने बताया कि शुक्रवार की सुबह टास जीतकर पहले बल्लेबाजी करने उतरी पीपीसीए सीहोर की टीम ने निर्धारित 30 ओवर में पांच विकेट के नुकसान पर 188 रन बनाए थे। इसमें अराव मसीह ने 76 गेंद पर 72 रन, हरफनमौला खिलाड़ी नवनीत सोनी ने 40 गेंद पर 43 रन, आदिल खान ने 22 गेंद पर 23 रन, कनिष्क ने 19 और योगेश ने 11 रन की पारी खेली। वहीं अरेरा क्लब भोपाल की ओर से गेंदबाजी करते हुए सिद्धांत ने तीन विकेट, समर्थ-अर्जुन शुक्ला ने दो-दो विकेट हासिल किए। वहीं लक्ष्य का पीछा करने उतरी भोपाल की पूरी टीम मात्र 24 ओवर में 120 रन पर सिमट गई। इसमें अरनव ने 38 रन, पियुष ने 18 रन और अनिनल ने 10 रन बनाए थे। पीपीसीए सीहोर की ओर से गेंदबाजी करते हुए नवीनत ने तीन विकेट, अक्षय-नैतिक ने दो-दो विकेट, लक्की-दीपेश सेन ने एक-एक विकेट हासिल किए थे।
सीहोर : 1000 से अधिक श्रद्धालुओं ने किया सामूहिक रूप से हनुमान चालीसा पाठ
दो दिवसीय हनुमान जन्मोत्सव में संकट मोचन यज्ञ, सुंदरकांड, जागरण और भंडारे का आयोजन किया गया। इससे पूर्व हनुमानजी का श्रृंगार हुआ किया। भोपाल से हनुमान का पात्र निभाने वाले अमन वैष्णव ने मनमोहक भूमिका निभाई और यहां पर जारी भजन संध्या में हनुमान जी का पाठ किया गया। पंडित अजय पुरोहित ने बताया कि हनुमान भगवान राम के दूत थे। जिन्होंने भगवान श्रीराम के सभी कारज सफलता पूर्ण किए है। हनुमान जी रूद्र अवतार हैं, इसलिए कपीश भी हैं। वे जहां पर रहते हैं, वहां पर सदैव प्रकाश रहता है। अंधेरा वहां से बहुत दूर भाग जाता है। हनुमान जी की प्रशंसा करते हुए तुलसीदास जी पुन: कहते हैं कि आप रामचंद्र जी के दूत हैं। आप अतुलनीय बल के स्वामी हैं। अंजनी और पवन देव के पुत्र हैं। श्री हनुमान जी से बलशाली कोई नहीं है। हनुमान जी प्रभु श्री राम के सेवक हैं और उनके पास बहुत से शक्तियां है, जो उन्होंने अपने परिश्रम और अच्छे कर्मों से अर्जित की हैं। इसलिए उनके पराक्रम की चर्चा हर ओर होती है। इससे संदेश मिलता है कि बल अपने पराक्रम से अर्जित किया जा सकता है। फिर चाहे राजा हो या सेवक। दो दिवसीय जन्मोत्सव में वरिष्ठ समाजसेवी अखिलेश राय, पंकज सुबीर आदि सहित हजारों की संख्या में श्रद्धालुओं ने अंतिम दिन आरती की।
सीहोर : बिलकिसगंज सीएम राइज स्कूल में बोर्ड परीक्षा के टॉपरों को किया सम्मानित
बिलकिसगंज स्कूल के प्राचार्य पवन शर्मा ने बताया कि स्कूल में ग्रामीण परिवेश के बच्चों पर विशेष रूप से ध्यान दिया जा रहा है। इसका परिणाम है कि स्कूल के विद्यार्थी बड़े शहरों के समान उच्चचत अंक प्राप्त कर स्कूल का नाम रोशन कर रहे हैं। माध्यमिक शिक्षा मंडल द्वारा जारी परीक्षा परिणाम में इस साल कक्षा दसवीं का रिजल्ट 69 प्रतिशत और हायर सेकंडरी का परिणाम 71 प्रतिशत रहा है। हायर सेकंडरी विज्ञान समूह में विनीता मीणा विज्ञान समूह के साथ ही स्कूल की टॉपर रहीं। उन्होंने 92.2 प्रतिशत के साथ 461 अंक प्राप्त किए। विज्ञान समूह में द्वितीय स्थान पर निधिका परमार 91.6 प्रतिशत, तृतीय स्थान पर दीक्षा गौर ने 90.2 प्रतिशत अंक प्राप्त किए। इसी प्रकार आर्ट समूह में प्रथम तनु 76.8 प्रतिशत, द्वितीय नंदिनी 76.4 प्रतिशत, तृतीय चांदनी 75.4 प्रतिशत, कामर्स समूह में प्रथम बबली परमार 79.6 प्रतिशत, द्वितीय दीपिका गुर्जर 78 प्रतिशत, तृतीय प्रियंका विश्वकर्मा 74.4 प्रतिशत, एग्रीकल्चर समूह में प्रथम धीरज पैरवाल 77 प्रतिशत, द्वितीय कनिका परमार 76 प्रतिशत, तृतीय अंकिता 75.7 प्रतिशत रहा। इसी प्रकार हाईस्कूल में प्रथम अंकित कटारे 83.6 प्रतिशत, द्वितीय रोशनी धनगर 82 प्रतिशत तथा तृतीय सोवित गौर 80 प्रतिशत रहा।
विशेष : प्रेम, भक्ति और करुणा की देवी राधा
राधा और कृष्ण की प्रेम कहानी सदियों बाद भी लोगों के दिलो दिमाग में ताजा है। यह एक ऐसा प्रेम है जिसमें किसी ने कृष्ण भक्ति की राह देखी, तो किसी ने इस कहानी को विरह का गीत समझकर गुनगुनाया है तो किसी ने इसे त्याग के चरमोत्कर्ष पर पहुंचाया है। कृष्ण और राधा का प्रेम जितना चंचल और निर्मल रहा, उतना ही जटिल और निर्मम भी। सदियों से भले ही कृष्ण के साथ राधा का नाम लिया जाता रहा है, लेकिन प्रेम की ये कहानी कभी पूरी नहीं हो पाई है। एक तरह से आधी अधूरी सी फिर भी स्थाई ही रही है ये। आज भी ये प्रश्न उठता है कि राधा और कृष्ण का प्रेम कभी शादी के बंधन में क्यों नहीं बंध पाया ? जिस अंतरंगता से कृष्ण और राधा ने एक दूसरे को चाहा, वो रिश्ता विवाह तक क्यों नहीं पहुंचा? क्यों संसार की सबसे बड़ी प्रेम कहानी विरह का गीत बनकर रह गई? क्या वजह है कि राधा से सच्चे प्रेम के बावजूद कृष्ण ने रुकमणी को अपना जीवनसाथी चुना था? जब कृष्ण और राधा शाश्वत प्रेम में थे, तो कृष्ण ने रुक्मिणी से विवाह क्यों किया, राधा से नहीं ? क्योंकि राधा और रुक्मिणी एक ही हैं इसलिए कृष्ण ने रुक्मिणी से विवाह किया था। उनकी कुल 8 पत्नियों का जिक्र मिलता है, लेकिन उनमें राधा का नाम नहीं है। इतना ही नहीं कृष्ण के साथ तमाम पुराणों में राधा का नाम नहीं मिलता है। यद्यपि मन्दिरों में इसी युगल की लोग पूजा और आराधना करते चले आ रहे हैं। शास्त्रों के अनुसार ब्रह्माजी ने वृन्दावन में श्री कृष्ण के साथ साक्षात श्री राधा का विधि पूर्वक विवाह भांडीरवन मे संपन्न कराया था। इस विवाह का उल्लेख ब्रह्मवैवर्त पुराण और गर्ग संहिता में भी मिलता है। बृज में आज भी माना जाता है कि राधा के बिना कृष्ण अधूरे हैं और कृष्ण बिना श्री राधा। धार्मिक पुराणों के अनुसार राधा और कृष्ण की ही पूजा का विधान है। भारत के धार्मिक सम्प्रदाय - निम्बार्क संप्रदाय, गौड़ीय वैष्णववाद, पुष्टिमार्ग, राधावल्लभ संप्रदाय, स्वामीनारायण संप्रदाय, प्रणामी संप्रदाय, हरिदासी संप्रदाय और वैष्णव सहिज्य संप्रदाय में राधा को कृष्ण के साथ पूजा जाता है।
भगवत गीता से महाभारत तक कहीं नहीं है राधा जी का नाम:-
शुकदेव जी को साक्षात् श्रीकृष्ण से मिलाने वाली राधा है और शुकदेव जी उन्हें अपना गुरु मानते हैं। इस कारण राधा एक का जिक्र नही किया है । राधा का अंतिम समय कहां बीता और किन हालात में राधा ने जीवन के अंतिम क्षण बिताए। जिस राधा को कृष्ण की परछाई समझा जाता था, उसका क्या हुआ? ये सब एक रहस्य बन चुका है। राधा का नाम भगवत गीता से लेकर महाभारत तक कहीं नहीं मिलता है । राधा के बिना जिस कृष्ण को अधूरा माना गया है, उनकी कथाओं में राधा का नाम तक नहीं है। इस रहस्य को समझने के लिए उनके धरती पर उतरने की वजहों को जानना होगा। ऐसा कहा जाता है कि राधा धरती पर कृष्ण की इच्छा से ही आई थीं। भादो के महीने में शुक्ल पक्ष की अष्टमी के अनुराधा नक्षत्र में रावल गांव के एक मंदिर में राधा ने जन्म लिया था। यह दिन राधाष्टमी के नाम से मनाया जाता है। कहते हैं कि जन्म के 11 महीनों तक राधा ने अपनी आंखें नहीं खोली थी। कुछ दिन बाद वो बरसाने चली गईं। जहां पर आज भी राधा-रानी का महल मौजूद है। राधा और कृष्ण की पहली मुलाकात भांडिरवन में हुई थी। नंद बाबा यहां गाय चराते हुए कान्हा को गोद में लेकर पहुंचे थे। कृष्ण की लीलाओं ने राधा के मन में ऐसी छाप छोड़ी कि राधा का तन-मन श्याम रंग में रंग गया। कृष्ण-राधा की नजरों से ओझल क्या होते, वो बेचैन हो जाती। वो राधा के लिए उस प्राण वायु की तरह थे जिसके बिना जीवन की कल्पना करना मुश्किल था।
सुदामा ने दिया था राधा को श्राप
कहते हैं कि राधा को कृष्ण से विरह का श्राप किसी और से नहीं बल्कि श्री कृष्ण के परम मित्र सुदामा से मिला था। वही सुदामा जो कृष्ण के सबसे प्रिय मित्र थे। सुदामा के इस श्राप के चलते ही 11 साल की उम्र में कृष्ण को वृन्दावन छोड़कर मथुरा जाना पड़ा था। श्रीकृष्ण और राधा गोलोक एक साथ निवास करते थे।एक बार राधा की अनुपस्थिति में कृष्ण विरजा नामक की एक गोपिका से विहार कर रहे थे। तभी वहां राधा आ पहुंची और उन्होंने कृष्ण और विरजा को अपमानित किया। इसके बाद राधा ने विरजा को धरती पर दरिद्र ब्राह्मण होकर दुख भोगने का श्राप दे दिया। वहां मौजूद सुदामा ये बर्दाश्त नहीं कर पाए और उन्होंने उसी वक्त राधा को कृष्ण से बरसों तक विरह का श्राप दे दिया था। 100 साल बाद जब वे लौटे तब बाल रूप में राधा कृष्ण ने यशोदा के घर में प्रवेश किया, वहां रहे और बाद में सबको मोक्ष देकर खुद भी गोलोक लौट गए।
श्रीकृष्ण ने क्यों नहीं किया राधा से विवाह?
राधा रानी ही कृष्ण हैं और कृष्ण ही राधा हैं। दोनों में कोई फर्क नहीं है। कृष्ण की होकर भी उनकी न हो पाने का मलाल राधा को हमेशा रहा।अंतिम समय में जब राधा ने खुद को अपनी अर्धांगनी न बनाने का कारण कृष्ण पूछा तो कृष्ण वहां से बिना कुछ कहे चल पड़े। राधा क्रोधित हो गईं और चिल्लाकर ये सवाल दोबारा किया। राधा के क्रोध को देख कृष्ण मुड़े तो राधा भी हैरान रह गईं। कृष्ण राधा के रूप में थे। राधा समझ गईं कि वो भी कृष्ण ही हैं और कृष्ण ही राधा है। दोनों में कोई फर्क नहीं है। कृष्ण अपने निज आनंद को प्रेम विग्रह राधा के रूप में प्रकट करते हैं। और उस आनंद के रस का आस्वादन करते रहते हैं। राधा कृष्ण की प्रिय शक्ति है, जो स्त्री रूप मे प्रभु के लीलाओं मे प्रकट होती हैं । "गोपाल सहस्रनाम"के 19वें श्लोक मे वर्णित है कि महादेव जी द्वारा जगत देवी पार्वती जी को बताया गया है कि एक ही शक्ति के दो रूप है राधा और माधव (श्री कृष्ण) तथा ये रहस्य स्वयं श्री कृष्ण द्वारा राधा रानी को बताया गया है।अर्थात राधा ही कृष्ण हैं और कृष्ण ही राधा हैं।
राधा रानी जी श्रीकृष्ण जी से ग्यारह माह बड़ी थीं। लेकिन श्री वृषभानु जी और कीर्ति देवी को ये बात जल्द ही पता चल गई कि श्री किशोरी जी ने अपने प्राकट्य से ही अपनी आंखे नहीं खोली है। इस बात से उनके माता-पिता बहुत दुःखी रहते थे। कुछ समय पश्चात जब नन्द महाराज कि पत्नी यशोदा जी गोकुल से अपने लाडले के साथ वृषभानु जी के घर आती है तब वृषभानु जी और कीर्ति जी उनका स्वागत करती है यशोदा जी कान्हा को गोद में लिए राधा जी के पास आती है। जैसे ही श्री कृष्ण और राधा आमने-सामने आते है। तब राधा जी पहली बार अपनी आंखे खोलती है। अपने प्राण प्रिय श्री कृष्ण को देखने के लिए, वे एक टक कृष्ण जी को देखती है, अपनी प्राण प्रिय को अपने सामने एक सुन्दर-सी बालिका के रूप में देखकर कृष्ण जी स्वयं बहुत आनंदित होते है। जिनके दर्शन बड़े बड़े देवताओं के लिए भी दुर्लभ है तत्वज्ञ मनुष्य सैकड़ो जन्मों तक तप करने पर भी जिनकी झांकी नहीं पाते, वे ही श्री राधिका जी जब वृषभानु के यहां साकार रूप से प्रकट हुई। शास्त्रों के अनुसार ब्रह्माजी ने वृन्दावन में श्री कृष्ण के साथ साक्षात श्री राधा का विधि पूर्वक विवाह भांडीरवन मे संपन्न कराया था। इस विवाह का उल्लेख ब्रह्मवैवर्त पुराण और गर्ग संहिता में भी मिलता है। बृज में आज भी माना जाता है कि राधा के बिना कृष्ण अधूरे हैं और कृष्ण बिना श्री राधा। धार्मिक पुराणों के अनुसार राधा और कृष्ण की ही पूजा का विधान है। राधा कृष्ण की न होकर आज भी उनके साथ पूजनीय हैं. राधा-कृष्ण के प्रेम की ये कहानी आधीअधूरी होकर भी अमर है।
आचार्य पंडित मोहन प्यारे द्विवेदी 'मोहन'ने अपने "मोहन शतक"में राधा कृष्ण के दिव्य स्वरूप को इन शब्दो में व्यक्त किया गया है--
कभी भोली राधिका उठा तू गोद लेते थे।
नंदजी को नंदित किए हो खेल बार-बार,
अम्ब जसुदा को तू कन्हैया मोद देते थे।
कुंजन में कुंजते खगों के बीच प्यार भरे,
हिय में दुलार ले उन्हें विनोद देते थे।
देते थे हुलास ब्रज वीथिन में घूम- घूम
मोहन अधर चूमि तू प्रमोद देते थे।
नाचते कभी थे ग्वाल- ग्वालिनों के संग,
कभी भोली राधिका उठा तू गोद लेते थे।।
—आचार्य डा.राधे श्याम द्विवेदी—
विचार : राष्ट्रहित में संकल्पित युवा शक्ति का मतदान
समाज में आज युवा-वर्ग भारत की हर राष्ट्रीय और अन्तेर्राष्ट्रीय स्थिति , परिस्थिति और इसके साथ ही इन सभी में भारत की भूमिका को देखते हुए बहुत गंभीरतापूर्वक विचार कर रहा है | अब वह समय नहीं जब युवा अपने सिलेबस से बाहर की बात कहकर अनदेखा कर दिया करता था बल्कि इसके उलट अब वह समाज में सामाजिक कार्यों से जुड़कर किस प्रकार की भूमिका हमारी होनी चाहिए ? इस बात पर विचार करता है | किसी भी राष्ट्र को तभी पूरी दुनिया सम्मान से देखती है और सम्मान देती है जब वह अपनी संस्कृति , विरासत पर गर्व करते हुए आगे बढता है | यह बात अब भारत का युवा जान चुका है और इसमें कोई संदेह भी नहीं कि युवा ही हमारे राष्ट्र का भविष्य हैं | आज भारत युवा शक्ति समपन्न राष्ट्र है ,इतनी युवा शक्ति तो भारत के पास तब भी नहीं थी जब हमने आज़ादी पायी थी | ज़रा विचार कीजिये इतनी विशाल युवा-शक्ति यदि कुछ करने की ठान ले तो वह भारत को किस उचाई पर ले जा सकती है | आज का युवा देश की तरक्की देख रहा है , सम्पूर्ण विश्व में भारत की साख पर गर्व भी महसूस कर रहा है | इसके साथ ही एक और शक्ति को भी अपने अन्तेमन में महसूस कर रहा है वो है भारत की आध्यात्मिक शक्ति | यह स्पष्ट है कि युवा शक्ति, आध्यात्मिक शक्ति को महसूस कर पूर्ण सम्मान के साथ उसका समर्थन भी कर रही है | ये दोनों विश्व की महानतम शक्तियां हैं और इतिहास साक्षी है कि जब जब दो पावन शक्तियों का संयोग हुआ है तब तब इतिहास रच गया है | यह हमारा सौभाग्य ही है कि ये दो महान शक्तियां केवल भारत के पास ही हैं |
विवेकानंद द्वारा रचित कर्मयोग में कर्म के रहस्य का ज्ञान का वर्णन किया गया है जिसमें सत्व , रजो और तम इन तीनों गुणों का सम्बन्ध मुख्यतः कर्मयोग से बताया गया है | कर्मयोग ही हमें यह शिक्षा देता है कि तीनो गुणों का उचित उपयोग किस प्रकार किया जा सकता है , हम अपना कार्य अच्छी प्रकार कैसे करें साथ ही यदि हम लोग सुसंस्कृत , सुशिक्षित हैं तो हमें चिंतन, दर्शन, कला और विज्ञान में आनंद मिलता है इसके साथ ही धार्मिक चिंतन के अभ्यास में भी अलग ही आनंद है बल्कि स्वामी विवेकानंद जी ने तो अध्ययन के रूप में भी धर्म को अत्यंत आवश्यक माना है | क्योकि यह सर्वविदित है कि युवा सहज ही चिंता, तनाव, अवसाद से घिर जाता है तब आध्यात्म ही सबसे उपयुक्त मार्ग है जिसके माध्यम से सकारत्मक सोच और रचनात्मक द्रष्टिकोण प्राप्त किया जा सकता है | आध्यात्मिक होने का मतलब ये कदापि नहीं कि आपको संन्यास की ओर ले जाया जा रहा है बल्कि आध्यात्म के माध्यम से जीवन को बेहतर बनाने का तरीका हमारे शास्त्रों में बताया गया है | आज का युवा भी इन्ही सब आध्यात्मिक बातों का निरंतर चिंतन करते हुए आगे बढ़ रहा है |
किसी भी राष्ट्र की विकास यात्रा में अनेक उतार चढ़ाव आते है और आज भारत विश्व में जिस गति से आगे बढ़ रहा है उसमे युवाओं की महती भूमिका है | अर्थव्यस्था , विज्ञान ,अनुसंधान, खेल, राजनीति, रणनीति, सुरक्षा कोई भी क्षेत्र आज युवाओं से अछूता नहीं है | इसी महती भूमिका का निर्वहन हमें मतदान वाले दिन भी करना है | राष्ट्र हित में दिया गया हमारा एक वोट एक शक्तिशाली राष्ट्र की गारंटी है | 66% जैसे बड़े प्रतिशत के साथ आध्यात्मिक शक्ति को साथ लेकर हम जो भी संकल्प ले लेंगे उसे रोकने की किसी में हिम्मत नहीं है | आज हमारे राष्ट्र को हमारे मत के रूप में हमारी आवश्यकता है | एक स्वस्थ और मजबूत लोकतंत्र का प्रतिनिधित्व करने वाले भारत को एक शक्तिसंपन्न सरकार देना भी हम युवाओं का ही उत्तरदायित्व है | आइये हम सभी संकल्प लें की लोकतंत्र के इस महान पर्व को उत्सव के रूप में मनाते हुए, राष्ट्र निर्माण में अपनी भूमिका सुनिश्चित करते हुए हम सभी मतदान करेगे और करवाएगें |
डा निशा शर्मा
हरिगढ़ विभाग (ब्रज प्रान्त )
मधुबनी, डीएम ने कहा कि लगातार भूजलस्तर पर रखे नजर, तेज गर्मी में प्रशासन तैयार
- बढ़ती गर्मी,तेज पछुआ हवा को देखते हुए आगजनी की घटनाओं एवं हीटवेव से बचाव को लेकर आपदा की बैठक में डीएम ने दिए कई निर्देश
मधुबनी : अग्नि सुरक्षा को लेकर जिला प्रशासन ने जारी किया एडवाइजरी
थ्रेसर का उपयोग करते समय डीजल इंजन या ट्रैक्टर के साइलेंसर को लंबे पाइप के द्वारा ऊंचाई पर रखें । थ्रेसर के उपयोग करते समय पास में कम से कम 200 लीटर पानी भरकर अवश्य रखें। *खलिहान के आसपास छोटी-छोटी बाल्टियों में बालू भरकर रखें । रोशनी के लिए सोलर लैंप, टॉर्च, इमरजेंसी लाइट इत्यादि बैटरी वाले यंत्र का ही प्रयोग करें। एक खलिहान से दूसरे खलिहान की दूरी 20 फीट से कम ना रखें । खलिहान वैसे जगह लगाएं जहां अग्निशमन वाहन आसानी से पहुंच सके। खलिहान वैसी जगह हो जहां जल स्रोत नजदीक हो ,जैसे नदी, तालाब ,पैन ,बोरिंग । खलिहान में कच्ची फसलों का बड़ा टाल ना लगाया जाए। खलिहान के आसपास अलाव ना जलाएं,यदि बहुत आवश्यक हो तो पानी भरी बाल्टीया अवश्य पास में रखें। बिजली की नंगी तारों के नीचे खलिहान नहीं बनाया जाए। *खलिहान में पूजा में उपयोग किए जाने वाले वस्तु यथा अगरबत्ती ,धूप ,दीपक इत्यादि पर नजर रखें ,जब तक कि वह पूरी तरह बुझ न जाए। खलिहान के आसपास किसी भी उत्सव के दौरान आतिशबाजी का प्रयोग ना तो स्वयं करें नहीं दूसरे को करने दें। बांस के खंबे के द्वारा नंगे बिजली के तार खेतों में ना रखें। खेतों के आसपास बीड़ी सिगरेट आदि ना पिए तथा ना ही किसी को पीने दे । कटनी के बाद खेत में छोड़े डंठलों में आग ना लगाएं। रसोईघर को यथासंभव अग्नि रोधक बनाने के लिए उसे चारों तरफ गीली मिट्टी का लेप लगा दे।* फूस के घरों में भी मिट्टी का लेप लगाएं। देहाती क्षेत्रों में खासकर फूस एवं खपरैल मकानों के निवासी खाना सुबह 8:00 बजे से पहले और शाम 5:00 से 6:00 के बीच* (सूर्यास्त से पूर्व) बना लें। दीप,लालटेन,ढिबरी आदि के प्रयोग में सावधानी बरतें । रसोई में कोई भी ज्वलनशील पदार्थ ना रखें जैसे मिट्टी तेल, सिंथेटिक कपड़े इत्यादि। ढीले और सिंथेटिक कपड़े ना पहने और बालों को खुला न रखें। रसोईघर से बच्चों को दूर रखें। *तेज हवा में खुली जगह पर खाना ना बनाएं यदि संभव हो तो चूल्हे को चारों तरफ से घेर कर रखें । किसी भी जलते पदार्थ को बुझा कर ही सोएं। घर में हमेशा अग्निशामक पदार्थ जैसे कि पानी ,बालू, सूखी मिट्टी ,धूल इत्यादि जमा कर रखें। हरे पेड़ जैसे केला में अग्नि ताप को कम करने की क्षमता होती है अतः इसे अपने घर के चारों ओर लगाएं । सभी लोगों को प्राथमिक उपचार की जानकारी होनी चाहिए सभी लोग आपातकालीन सेवा का फोन नंबर 112 एवं जिला नियंत्रण कक्ष (आपदा) के नंबर 06276-222576 अपने पास अवश्य रखें । जलती हुई बीड़ी सिगरेट और माचिस की काठी के खेत खलियान में ना फेंके। आग बुझाने के लिए पानी, बालू और सुखी मिटटी, धूल का प्रयोग करें। उन्होंने कहा कि अगलगी से सुरक्षा एवम बचाव को लेकर जिले में लगातार जागरूकता कार्यक्रम आयोजित किये जा रहे है। मॉक ड्रील का आयोजन कर आग पर कैसे काबू पाया जाय इसके विभिन्न तरीकों को बताया जा रहा है। उन्होंने कहा कि अग्निकांडो की सूचना अग्निशमन पदाधिकारी तक शीघ्र पहुंचाएं ताकि अग्निशमन वाहनों को त्वरित कार्रवाई हेतु भेजा जा सके। अग्निकांड की सूचना अनुमंडल वार अग्निशमन पदाधिकारी के निम्न दूरभाष संख्या पर दी जा सकती है।।
सदर अनुमंडल, 7485805832,7485805833
रहिका थाना-8935898622
बाबुबरही थाना-9798058185, 7782963474
कलुआही थाना :-6200195012
जयनगर अनुमंडल, 7485805838, 7485805839
लदनियां थाना:- 8860931741
झंझारपुर अनुमंडल, 7485805882, 06273295101
मधेपुर थाना:- 9431822752
भेजा थाना- 9431822759
रुद्रपुर थाना-9470001400
बेनीपट्टी अनुमंडल 7485805834, 7485805835
मधवापुर थाना:-8757625103
बिस्फी थाना-9431822735
साहरघाट-9504408005
अरेर थाना-9572906795
फुलपरास अनुमंडल, 7485805836, 7485805837
खुटौना थाना:- 7542840898
लौकही थाना:- 7481064414
आंध्रामठ थाना:-7717789845
पटना : प्रशांत किशोर का राहुल गांधी पर तंज,
- राहुल गांधी को बिहार से क्या मतलब है, बिहार के किसी मुद्दे पर कभी बोलते हुए सुना? पिछली बार उन्हें बिहार में कब देखा था? जो आदमी अपने जीवन में बिहार के 4 जिलों का नाम न जानता हो उससे बिहार के बारे में क्या सवाल करें
गरीबों की बात करने वाले ये लोग बोल रहे हैं कि कर्नाटक में महिलाओं को 3 हजार रुपये देंगे, कर्नाटक की महिला ज्यादा गरीब है या बिहार की? बिहार की महिलाओं को क्यों नहीं एक हजार भी दिलवा रहे हैं?
प्रशांत किशोर ने आगे कहा कि गरीब की बात करने वाले ये लोग अभी बोल रहे हैं कि कर्नाटक में महिलाओं को 3 हजार रुपये देंगे। कर्नाटक की महिला ज्यादा गरीब है या बिहार की महिला ज्यादा गरीब है? अगर कर्नाटक की महिला को 3 हजार रुपये मिलना चाहिए तो कांग्रेस के लोग बिहार में सरकार में शामिल हैं तो जरा बताइए कि बिहार की महिलाओं को क्यों नहीं एक हजार भी दिलवा रहे हो? ये किस भ्रम में आप लोग पड़े हैं इन लोगों से क्या सवाल करें? जो आदमी अपने जीवन में बिहार के चार जिलों का नाम नहीं जानता है उससे क्या सवाल करें? कांग्रेस है कहीं बिहार में अब मैं बिहार में बैठा हूं तो आप कहेंगे कि आप टिप्पणी क्यों नहीं कर रहे हैं? Shiv Sena पर टिप्पणी नहीं कर रहे हैं, JMM पर टिप्पणी नहीं कर रहे हैं। ये पार्टियां भी तो बिहार में चुनाव लड़ती हैं। JMM चला रहा है बिहार को ? बिहार को Shiv Sena चला रही है? बिहार को चला रहे हैं लालू, नीतीश और भाजपा अलग-अलग समय कालखंड में। इन तीन पार्टियों से सवाल न करें तो किन पार्टियों से करें?
माइंड कंट्रोल से आँख बंद करके 109 भाषाओं को पढ़ने वाली विश्व की वंडर गर्ल बनी रब्बानी जॉली
इस प्रतिभाशाली छात्रा से बात की हमारे संवाददाता ने जहाँ पर लाइव रब्बानी जॉली ने अपनी आँखों पर काली पट्टी बांध कर यह अद्भुत आश्चर्यजनक कारनामा लाइव करके दिखाया है। रब्बानी जॉली अभी केवल 15 वर्ष की हैं और दिल्ली के एक प्रतिष्ठित स्कूल में 11 वीं कक्षा की छात्रा हैं। वह दूसरे छात्र - छात्राओं के लिए भी प्रेरणा का विषय हैं की हम अगर अपने मस्तिष्क को सही दिशा में इस्तेमाल करें तो कुछ भी असंभव नहीं है। यही कारण है कि रब्बानी किसी कार्यक्रम अथवा किसी पारिवारिक फंक्शन की व्यस्तता के बाद अगर अपनी पढाई का समय नहीं निकाल पाती है और यह वंडर गर्ल अपने सब्जेक्ट की पुस्तक अपने तकिये के नीचे रखकर सोती है और रात भर में उसको सब याद हो जाता है। परीक्षा में उसको 90 प्रतिशत अंक भी मिलते हैं ऐसा चमत्कार कहें या विज्ञान लेकिन रब्बानी जॉली एकमात्र विश्व की लड़की हैं जिनको यह ज्ञान और प्रतिभा प्रकृति ने प्रदान की है। गौरतलब है कि महज 15 वर्ष की 11 वीं कक्षा में पढ़ने वाली छात्रा रब्बानी जॉली की प्रतिभा से परिवार और खासकर उनके दादा जे.पीएस जॉली जो खुद 42 पुस्तकें विभिन्न विषयों पर लिख चुके हैं और देश विदेश के विश्वविद्यालयों में पढ़ाये जा रहे हैं वह भी अपनी पोती की इस प्रतिभा और एचीवमेंट से गदगद हैं। दादा जॉली अंकल का मानना है कि रब्बानी ने उसके परिवार की ख्याति देश विदेश में पहुंचा दी। बहरहाल रब्बानी जॉली अभी पढाई और माइंड कंट्रोल पर एडवांस कोर्स करके अभी बहुत कुछ और हासिल करना चाहती है।
मुंबई : 'सनातन की ज्योत जगाने आया 'सनातन वर्ल्ड'यूट्यूब चैनल'
'सनातन वर्ल्ड'केवल एक वर्ग विशेष के लिए नहीं बना अपितु यह वर्ग विशेष की सीमा से परे सम्पूर्ण मानव जाति के लिए है। संगीत एक ऐसा माध्यम है जो कानों से होते हुए हमारे हृदय में समाहित होकर मन में रम जाता है। इसलिए चैनल के माध्यम से वेद, पुराण, उपनिषदों, वेदांग, गीता, शास्त्रों आदि सभी धार्मिक ग्रन्थों के मूलतत्वों और विवरण सहित संगीतमय मोतियों से सजाकर जनमानस तक यथाशीघ्र सरल रूप में पहुंचाने का उत्तम कार्यकिया जा रहा है। 'सनातन वर्ल्ड'यूट्यूब चैनल में आप सनातन धर्म से जुड़ी हर कड़ी को पा सकते हैं। 'सनातन वर्ल्ड'यूट्यूब चैनल के माध्यम से आप जो धार्मिक जानकारियां प्राप्त करना चाहते हैं उसका विवरण दे सकते हैं। अपने कंमेंट्स के माध्यम से आप अपने सुझाव लिख सकते हैं। शेअर कर अपने परिवार के अन्य लोगों, रिश्तेदारों और दोस्तों तक यह उत्तम संगीतमय ज्ञान पहुंचा सकते हैं। इस कलयुग में जहाँ लोगों के पास व्यवस्तता के कारण धार्मिक ग्रन्थों को पढ़ने का समयाभाव है या रील्स देखकर पथभ्रष्ट होते लोगों को सन्नमार्ग दिखाने और लघु समय में ज्ञान प्राप्त करने और पुण्यार्जन करने का बेहतर विकल्प होगा। ''तत त्वं असि'और 'अहं ब्रम्हास्मि'के सूत्रों का समावेश केवल 'सनातन वर्ल्ड'में ही मिलेगा।
मुंबई : रेड कलर के हॉट आउटफिट में मंत्रमुग्ध कर देती हैं मधुरिमा तुली
बार-बार, हमने मधुरिमा को लाल रंग के अलग-अलग रंगों में रॉक करते देखा है, यह प्रशंसकों के लिए सर्वोत्कृष्ट दृश्य आनंद से कम नहीं है। खैर, लाल रंग के बारे में बात करते हुए, कुछ समय पहले, मार्च के अंत के आसपास, मधुरिमा ने अपनी शानदार मिडी लाल स्कर्ट पोशाक में अपनी कुछ मंत्रमुग्ध कर देने वाली तस्वीरें पोस्ट की थीं और साथ ही, मैचिंग स्कारलेट लाल लिपस्टिक शेड ने ओम्फ फैक्टर को और बढ़ा दिया था। वह वास्तव में अपने तत्व और अपने बेहतरीन क्षणों में देखी गईं और प्रशंसकों ने इसे पसंद किया। हालाँकि, तस्वीरों, स्थान और कैप्शन के आधार पर, मधुरिमा तुली के वफादार प्रशंसकों का एक वर्ग है, जो मानते हैं कि कैप्शन और तस्वीरें उनके अंत में कुछ दिलचस्प होने का संकेत हो सकती हैं।
पटना : तेजस्वी यादव के 50 हजार करोड़ इन्वेस्टमेंट'के दावे को PK ने बताया निराधार
- तेजस्वी यादव जिस MOU की बात कर रहे हैं उसे इंटेंट कहते हैं, अगर उन्हें समझ नहीं है तो मैं बता देता हूं, MOU जिस कागज पर लिखा होता है उसकी कीमत 1 पैसे की भी नहीं होती, उनके बुलाने पर आया था कोई बड़ा उद्योगपति?
MOU जिस कागज पर ये लिखा होता है उसकी कीमत होती है ज्यादा
तेजस्वी यादव के बौद्धिक स्तर पर तंज कसते हुए प्रशांत किशोर ने आगे कहा कि तेजस्वी यादव को जितनी समझ है उतना ही तो बोलेंगे। बिजनेस समिट के एमओयू की कोई वैल्यू नहीं है और ये नॉन बाइंडिंग एग्रीमेंट है। आप इस समिट में जाइएगा और बिजनेसमैन बनकर कहिएगा कि हम 20 हजार करोड़ रुपये का बिहार में इन्वेस्टमेंट करेंगे। सरकार उसको लिख लेगी कि ये बिहार में 20 हजार करोड़ रुपये का बिहार में इन्वेस्टमेंट करेंगे, तो ये कोई बाइंडिंग एग्रीमेंट नहीं है और इससे पैसा नहीं आया है। मीटिंग में आप आए और आपने कह दिया कि हां! हम पैसा यहां इन्वेस्ट करेंगे। अगर जितने पैसे का एमओयू होता है और उतना पैसा इन्वेस्ट होने लगे तो गुजरात में 90 लाख करोड़ रुपये का एमओयू पिछले 10 सालों में हुआ है। इसकी कोई वैल्यू नहीं है, एक पैसे की भी नहीं है। जिस कागज पर ये लिखा होता है उस कागज की कीमत उससे बहुत ज्यादा है।
मथुरा में चार गांवो ने किया मतदान का बहिष्कार
उच्चतम न्यायालय ने वीवीपीएटी से जुड़ी सभी याचिकाएं खारिज कीं
मोदी, खड़गे, राहुल ने मतदाताओं से बड़ी संख्या में वोट डालने की अपील की
दरभंगा : आतिशबाजी से लगी आग की चपेट में आकर एक ही परिवार के छह लोगों की मौत
सिर्फ बकवास करते हैं तेजस्वी यादव : प्रशांत किशोर
- बिहार की जनता पूछ न ले कि आपके बाबुजी और आप ने 10 लाख नौकरी क्यों नहीं दी, इसी वजह से मुद्दों को अनदेखी कर बकवास करता है
सिर्फ बकवास करते हैं तेजस्वी यादव : प्रशांत किशोर
प्रशांत किशोर ने कहा कि तेजस्वी यादव ने जीवन में न कुछ पढ़ा न समझा, सिर्फ बकवास करेगा खड़ा होकर। किसी विषय का ज्ञान है नहीं, कभी जाति पर बोलना है कभी धर्म के नाम पर बोलना है। दूसरे पार्टियों पर बस आरोप-प्रत्यारोप करना है। बिहार में जितने भी आदमी हैं क्या अनपढ़ हैं? क्या मैं बिहार का नहीं हूं, मैंने सरकारी स्कूलों में पढ़ाई नहीं की है? क्या मैं अंग्रेजी नहीं बोलता हूं फ्रेंच नहीं बोलता हूं? नीतीश कुमार और तेजस्वी यादव क्या मुझसे बढ़िया भोजपुरी बोलेंगे? तेजस्वी यादव को न भोजपुरी बोलना आता है न अंग्रेजी बोलना आता है।
राज्य की जनता के मुद्दों की हो रही अनदेखी : प्रशांत किशोर
प्रशांत किशोर ने तेजस्वी यादव पर राज्य की जनता के मुद्दों की अनदेखी करने की बात कहते हुए कहा कि बिहार की जनता पूछ रही है रोजगार नहीं है तो तेजस्वी यादव बोलते हैं कि बीजेपी को रोको। बिहार की जनता पूछती है कि बालू और शराब माफिया क्यों हैं तो वो जातीय जनगणना की बात करके बिहार के लोगों को बेवकूफ बनाते हैं।
मधुबनी : मैराथन दौड़ में शामिल होंगे डीएम, एसपी, डीडीसी एवं अन्य वरीय पदाधिकारी
मधुबनी : झंझारपुर के महागठबंधन उम्मीदवार सुमन महासेठ के पक्ष में भाकपा माले ने झोका ताकत
- गांव में बूथ स्तर पर बैठक व प्रचार अभियान चलाएगी भाकपा- माले - भूषण सिंह
दरभंगा : स्वास्थ्य समस्याएं, खनिजों की कमी, और संवेदनशीलता विषय पर एक सेमिनार
मधुबनी : जिला निर्वाचन पदाधिकारी-ने मधुबनी संसदीय क्षेत्र निर्वाचन तिथियों का किया एलान
- 1013971 पुरूष, 920173 महिला तथा अन्य 91 मतदाता चुनेंगे अपना प्रतिनिधि
मधुबनी ससंदीय निर्वाचन क्षेत्रवार मतदान केन्द्र विधानसभावार 86-केवटी में जिला के संबद्ध मतदान केन्द्र-305, 87-जाले में 329, 31-हरलाखी में 301, 32-बेनीपट्टी में 307, 35-बिस्फी में 333 तथा 36-मधुबनी विधानसभा में 364 सभी विधानसभा(मधुबनी संसदीय क्षेत्र) में कुल 1939 मतदान केन्द्र संबद्ध है। जिसमें 26 अप्रैल के आधार पर अंतिम निर्वाचक की विवरणी कुल पुरूष-1013971, कुल महिला- 920173 तथा अन्य 91 है। मधुबनी संसदीय निर्वाचन क्षेत्र में वी0टी0आर0 की लक्ष्य प्राप्ति हेतु स्वीप कोषांग द्वारा बृहत पैमाने पर मतदाता जागरूकता अभियान चलाया जा रहा है। ‘‘मेरा पहला वोट, देश के लिए‘‘ अंतर्गत युवा मतदाताओं को निर्वाचन प्रक्रिया से जोड़ने के लिए अभियान चलाया जा रहा है। जिला स्वीप आईकॉन श्रीमती पूनम मिश्रा, लोक गायिका को चयनित किया गया है एवं पी0डब्ल्यू0डी0 आईकॉन मो0 शम्स आलम, तैराक(पैराएथलीट) पूर्व चयनित है। मधुबनी संसदीय निर्वाचन क्षेत्र अंतर्गत 211 सेक्टर बनाया गया है। जिसमें 26 एस0एस0टी0 की टीम तथा 22 एफ0एस0टी0 की टीमें कार्यरत है। कुल निरोधात्मक कार्रवाई के तहत 11518 लोगों को नोटिस भेजा गया है। 9931 लोगों से बंधपत्र भराया गया है। सी0सी0ए0 का 181 प्रस्ताव आया है। जिसमें 174 निष्पादित है। सी-विजिल एप्प पर प्राप्त होनेवाले आदर्श आचार संहिता उल्लंघन के मामलों का ससमय निष्पादन हेतु 24x7 सी-विजिल कोषांग कार्यरत है। निर्वाचन से संबंधित शिकायतों के निष्पादन हेतु हेल्पलाईन कोषांग के नंबर 1950 24x7 कार्यरत है। प्रेस नोट निर्गत होने की तिथि से संपूर्ण जिला में आदर्श आचार संहिता का अनुपालन प्रभावी है।
दरभंगा, नवाचार और उद्यमिता को बढ़ावा देने के लिए एक अभूतपूर्व पहल
महोत्सव का एक मुख्य आकर्षण आसपास से सृष्टि कुमारी (कलाई की संस्थापक), सुरुचि कुमारी (परियोजना प्रबंधक, डीआईसी दरभंगा) आदि जैसी महिलाओं के नेतृत्व वाले स्टार्टअप का शामिल होना था, जो उद्यमशीलता पारिस्थितिकी तंत्र में लिंग विविधता और समावेशन के महत्व को रेखांकित करता है। सभी ने सभा को संबोधित किया और अपनी यात्रा और संघर्ष के बारे में बताया और बताया कि वे एक सफल उद्यमी कैसे बने। उनकी उपस्थिति ने न केवल उनकी उल्लेखनीय उपलब्धियों को प्रदर्शित किया, बल्कि महत्वाकांक्षी महिला उद्यमियों के लिए सशक्तिकरण और प्रोत्साहन के स्रोत के रूप में भी काम किया। स्टार्टअप दिग्गजों के अलावा, इस कार्यक्रम में महिला प्रौद्योगिकी संस्थान, दरभंगा के छात्रों की उत्साहपूर्ण भागीदारी देखी गई। उद्योग विशेषज्ञों के साथ सीखने और जुड़ने की उनकी उत्सुकता क्षेत्र की युवा महिलाओं के बीच उद्यमिता में बढ़ती रुचि और क्षमता को दर्शाती है। महोत्सव में एक प्रेरक प्रश्नोत्तरी प्रतियोगिता भी आयोजित की गई, जिससे प्रतिभागियों को अपने उद्यमशीलता कौशल और ज्ञान का परीक्षण करने का अवसर मिला। प्रोफेसर अंकित ने स्टार्टअप को बढ़ावा देने और क्षेत्र में नवाचार को बढ़ावा देने में दरभंगा कॉलेज ऑफ इंजीनियरिंग, दरभंगा में MIITIE इन्क्यूबेशन सेंटर की महत्वपूर्ण भूमिका पर प्रकाश डाला। प्रोफेसर अंकित ने MIITIE द्वारा पेश किए गए व्यापक समर्थन और बुनियादी ढांचे की रूपरेखा तैयार की, जिसमें अत्याधुनिक सह-कार्यशील स्थान, अच्छी तरह से सुसज्जित प्रयोगशालाएं, नेटवर्किंग के अवसर और निवेश के रास्ते शामिल हैं। ये सुविधाएं उभरते उद्यमियों को सशक्त बनाने और सफलता की दिशा में उनकी यात्रा को प्रेरित करने के लिए तैयार की गई हैं।
इनक्यूबेशन सेंटर के मुख्य सलाहकार के रूप में कार्यरत श्री नवीन झा MIITIE के माध्यम से मिथिला क्षेत्र के उद्यमशीलता पारिस्थितिकी तंत्र का मार्गदर्शन करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं और दुनिया भर में विभिन्न निवेशकों से फंड प्राप्त करने में मदद करते हैं। उनकी विशेषज्ञता और दूरदर्शिता का लाभ उठाते हुए, MIITIE का लक्ष्य क्षेत्र में नवाचार और आर्थिक विकास को बढ़ावा देने में आधारशिला बनना है। इस सेंटर के द्वारा किए जा रहे सेमिनार और कॉलेजों में आयोजित किए जा रहे कार्यक्रमों के माध्यम से, यहां के छात्रों को स्टार्टअप में करियर के बारे में जागरूक किया जा रहा है। इससे छात्रों को नए और विश्वसनीय कैरियर विकल्पों के बारे में जानकारी मिलती है और वे अपने उद्यमी भविष्य की दिशा में निर्णय ले सकते हैं। आगे देखते हुए, MIITIE प्रतियोगिताओं के माध्यम से शुरुआती फंड की पेशकश और विभिन्न सरकारी योजनाओं का लाभ उठाकर अपने समर्थन का विस्तार करने के लिए तैयार है। यह रणनीतिक दृष्टिकोण महत्वाकांक्षी उद्यमियों की आकांक्षाओं को बढ़ावा देने और मिथिला क्षेत्र में नवाचार की संस्कृति को बढ़ावा देने के लिए MIITIE की प्रतिबद्धता को रेखांकित करता है। अपने परिसर से परे उद्यमिता को बढ़ावा देने के लिए, दरभंगा कॉलेज ऑफ इंजीनियरिंग की स्टार्टअप टीम स्टार्टअप संस्कृति के बारे में जागरूकता बढ़ाने और इच्छुक उद्यमियों को प्रोत्साहित करने के लिए डब्ल्यूआईटी दरभंगा और विश्वविद्यालय जैसे विभिन्न संस्थानों के साथ सक्रिय रूप से जुड़ रही है। उत्सव के समापन पर DCE दरभंगा के MIITIE स्टार्टअप संकाय प्रभारी प्रोफेसर अंकित कुमार, विभिन्न स्टार्टअप के सीईओ और संस्थापकों द्वारा संबोधन हुए, जो उद्यमशीलता यात्रा, चुनौतियों और अवसरों में अमूल्य अंतर्दृष्टि प्रदान करते हैं। उनके ज्ञान के शब्द दर्शकों को प्रभावित करते हैं, जिससे उन्हें जुनून और दृढ़ता के साथ अपने उद्यमशीलता के सपनों को आगे बढ़ाने के लिए प्रेरणा मिलती है
साहित्य चेतना,समाज और अभिव्यक्ति के बदलाव का माध्यम है : उदय प्रकाश
- हस्ताक्षर के रजत जयंती अंक का लोकार्पण
उदय प्रकाश ने बताया कि रामविलास शर्मा भी हस्तलिखित पत्रिका निकालते थे जिसका नाम 'सचेतक'था। उन्होंने रामविलास शर्मा, उनकी इस पत्रिका और उनके द्वारा बनाए गए विद्यार्थी संगठन से जुड़े अनेक संस्मरण भी सुनाए। उदय प्रकाश ने कहा कि युवा लेखक यदि अपने आस-पास की चीजें बहुत ध्यान से देखेंगे तो वे अपनी लेखनी को और उत्कृष्ट बना सकेंगे। प्रेमचंद जैसे लेखक गांव के बैल और हल छू कर उन्हें महसूस कर सकते थे तभी वे इतना यथार्थपरक लिख सके। व्याख्यान के बाद एक विद्यार्थी के प्रश्र का उत्तर देते हुए उदय प्रकाश ने अपनी रचना पीली छतरी वाली लड़की के संबंध में कहा कि जब हंस पत्रिका के 15 वर्ष पूरे हुए थे तब राजेंद्र यादव के आग्रह और दबाव से यह लिखी गई थी जो एक लंबी कहानी है किंतु लोग आज भी इसे उपन्यास समझते हैं। लेखक ने बताया कि यह कहानी एक 19 वर्षीय युवक और युवती की प्रेम कथा है जो जीवन और समाज की तमाम टकराहटों से जूझते हैं। यह कहानी इतनी चर्चित रही कि 2010 में न्यूयॉर्क रिव्यू ऑफ बुक ने इसे सबसे चर्चित साहित्यिक पुस्तकों की सूची में दूसरे स्थान पर रखा।
इससे पहले औपचारिक स्वागत करते हुए विभाग के वरिष्ठ शिक्षक प्रो. रामेश्वर राय ने कहा कि हाथ से लिखना आदमी होने की बुनियादी प्रतिज्ञाओं,पहचानाें और अभिलाषाओं में से एक है। उन्होंने आज के युग में हस्तलिखित पत्रिका निकालना अदम्य बताते हुए कहा कि यह आंधी में दिया जलाने जैसा है।और हस्ताक्षर पत्रिका भी उसी आंधी में जलती दिया ही है जो लगातार 25 वर्षों से हिंदी रचना संसार को रौशन कर रहा है। प्रो.राय ने उदय प्रकाश की कहानी वॉरेन हास्टिंग का सांड को इतिहास का रचनात्मक रूपांतरण बताया वहीं उनकी कविता तिब्बत का जिक्र करते हुए कहा कि इस कविता में संस्कृति को कैसे बर्बरता से नष्ट किया गया है उसका नाद सुनाई देता है। हिंदी विभाग की प्रभारी प्रो.रचना सिंह के मार्गदर्शन में आयोजित लोकार्पण समारोह में कार्यक्रम में विभाग के प्राध्यापक अभय रंजन सहित विभाग के अन्य प्राध्यापक भी मौजूद रहे। कार्यक्रम में हिंदी साहित्य सभा की कार्यकारणी, हस्ताक्षर पत्रिका का संपूर्ण संपादन मंडल व बड़ी संख्या में अनेक विद्यार्थी और शोधार्थी मौजूद रहे।