बिहार विधानसभा के बजट सत्र के अंतिम दिन शनिवार को उत्तेजित भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के सदस्यों के हंगामे के कारण कोई कार्य नहीं हो सका। इस बीच सदन की कार्यावाही दो बार स्थगित करनी पड़ी। बिहार विधानसभा की कार्यवाही शनिवार को जैसे ही शुरू हुई वैसे ही भाजपा के सदस्य आसंदी के समीप आकर हंगामा करने लगे। सभी सदस्य मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से भाजपा के पूर्व मंत्रियों पर भ्रष्टाचार के आरोप लगाने को लेकर माफी मांगने की मांग की और नारे लगाने लगे।
इस बीच नेता प्रतिपक्ष नंदकिशोर यादव ने कहा कि उनके दो नेता विधानसभा परिसर में अनशन पर बैठे हैं। उन पर लगे आरोपों के बारे में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार बयान दें तभी सदन की कर्यवाही चलने देंगे। इधर, विधानसभा के अध्यक्ष उदय नारायण चौधरी ने उत्तेजित सदस्यों को कई बार अपने स्थान पर बैठने का आग्रह किया परंतु वे नहीं माने और हंगामा करते रहे। अध्यक्ष ने कार्यवाही दो बजे तक स्थगित कर दी।
दो बजे जब विधानसभा की कार्यवाही शुरू हुई तब भी भाजपा के सदस्य वेल में आकर हंगामा करने लगे। अध्यक्ष ने कार्यवाही चार बजे तक के लिए स्थगित कर दी। उल्लेखनीय है कि भाजपा के दो वरीय नेता और विधायक गिरिराज सिंह और रामाधार सिंह शुक्रवार से बिहार विधानसभा के पोर्टिको में अनशन पर बैठे हैं। दोनों खुद पर लगे घोटाले के आरोप से नाराज हैं। दोनों नेताओं का कहना है 'या तो घोटाले का आरोप साबित किया जाए या मुख्यमंत्री माफी मांगे।'
गौरतलब है कि गुरुवार को जनता दल (युनाइटेड) के विधायक मंजीत सिंह ने इन दोनों पर फसल बीमा योजना में 100 करोड़ रुपये के घोटाले क आरोप लगाया था।