भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी और भारत की कम्युनिस्ट पार्टी (मा॰) के राज्य नेताओं की बैठक आज यहां हुई जिसमें बिहार को विशेष राज्य का दर्जा देने की मांग को लेकर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार द्वारा 2 मार्च,2014 को बिहार बंद के आह्वान का समर्थन किया गया। बैठक के बाद निम्नांकित संयुक्त बयान जारी किया गया:-
भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी और भारत की कम्युनिस्ट पार्टी (माक्र्सवादी) बिहार को विशेष राज्य का दर्जा देने मेें केन्द्र सरकार की आनाकानी के खिलाफ मुख्यमंत्री श्री नीतीश कुमार के आह्वान पर 2 मार्च, 2014 को होनेवाले बिहार बंद का समर्थन करती है।
बिहार के विभाजन के समय से ही हम केन्द्र सरकार से इस राज्य को विशेष पैकेज देकर क्षतिपूत्र्ति करने की मांग और आन्दोलन करते रहे हैं। लेकिन बिहार पहले की तरह ही केन्द्र सरकार की उपेक्षा का शिकार बना रहा। खुद केन्द्र सरकार की रघुराम राजन कमिटी ने माना है कि बिहार देश में ओडीशा के बाद सबसे गरीब और पिछड़ा राज्य है। यह केन्द्र सरकार की लगातार उपेक्षा का नतीजा है।
इस पृष्ठभूमि में बिहार सरकार ने राज्य को विशेष राज्य का दर्जा देने की मांग उठायी तो हमने उसका समर्थन किया। लेकिन केन्द्र सरकार टालमटोल कर रही है। अभी तेलंगाना को अलग राज्य बनाने के साथ-साथ शेष आंध्र प्रदेश यानी सीमांघ्र को जिस तरह से विशेष राज्य का दर्जा दिया गया है उससे साफ हो गया है कि बिहार को विशेष राज्य का दर्जा न देना सरासर नाइंसाफी है।
इसलिए हम 2 मार्च, 2014 के बिहार बंद का पुरजोर समर्थन करते हुए राज्य की जनता से अपील करते हैं कि बड़ी तादाद में सड़कों पर उतरकर बिहार बंद को पूरी तरह सफल बनावें और केन्द्र सरकार की इस नाइंसाफी के खिलाफ जोरदार आवाज उठावें।