प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने शुक्रवार को कहा कि मीडिया या विपक्ष की तुलना में इतिहास उन पर कहीं अधिक विनम्र होगा। यही नहीं उन्होंने कहा कि गठबंधन की खींचतान और दबाव के बावजूद वह जितना बेहतर कर सकते थे, उन्होंने किया। यह पूछे जाने पर कि क्या संप्रग के विभिन्न घटकों के साथ सामंजस्य स्थापित करने और राजनीतिक रूप से काम करने में कठिनाई महसूस की, प्रधानमंत्री ने कहा, "मुझे लगता है कि समकालीन मीडिया या विपक्ष से कहीं ज्यादा इतिहास मुझ पर मेहरबान होगा।" उन्होंने कहा, "मैं सरकार की मंत्रिमंडल प्रणाली में होने वाली सभी बातों का खुलासा नहीं कर सकता। मैं, गठबंधन की राजनीति में स्थितियों और दबाव के बीच जितना बेहतर कर सकता था मैंने किया।"
प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने घोषणा की कि इस वर्ष मई में प्रस्तावित आम चुनाव के बाद वह पद छोड़ देंगे। लेकिन उन्होंने यह भी कहा कि उनके कार्यकाल के बाकी बचे पांच महीनों में आर्थिक विकास दर में वृद्धि उनकी प्राथमिकता बनी रहेगी। मनमोहन सिंह ने यहां एक संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा कि एशिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था के प्रधानमंत्री के रूप में उनके दशक भर लंबे कार्यकाल में एक सतत उच्च विकास दर उनकी प्रमुख उपलब्धियों में से रहा है।
प्रधानमंत्री ने कहा, "मैंने जिम्मेदारी के साथ काम किया, वैश्विक संकट और यूरोजोन संकट के बावजूद विकास प्रक्रिया सतत बनी रही है।"यह पूछे जाने पर कि बाकी बचे पांच महीनों में वह क्या करना चाहेंगे, मनमोहन ने कहा कि उनका ध्यान विकास दर को पटरी पर लाने पर केंद्रित रहेगा। प्रधानमंत्री ने कहा, "इस देश की विकास दर बढ़ाने के लिए पांच महीने अभी भी एक लंबी अवधि है।"
उल्लेखनीय है कि देश के सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) की वृद्धि दर मौजूदा वित्त वर्ष के पूर्वार्ध में गिरकर 4.6 प्रतिशत पर पहुंच गई। मौजूदा वित्त वर्ष में आर्थिक विकास दर पांच प्रतिशत से कम रहने की संभावना है। यह दर मनमोहन सिंह के नेतृत्व वाली संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (संप्रग) सरकार के प्रथम आठ वर्षो के कार्यकाल में दर्ज आठ प्रतिशत विकास दर से काफी कम है।