नयी दिल्ली, 23 नवम्बर, खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता मामलों के मंत्री राम विलास पासवान ने आज कहा कि परिवहन सम्बन्धी समस्याओं तथा कई स्थानों पर भारी वर्षा के कारण टमाटर की कीमतें बढ गयी है। श्री पासवान ने राज्यों के खाद्य सचिवों के सम्मेलन से इतर संवाददाताओं से बातचीत में कहा कि टमाटर की कीमतों में वृद्धि मौसमी है। उन्होंने कहा कि आलू, प्याज, और टमाटर के उत्पादन में कमी नहीं आई है फिर भी इनके मूल्य में वृद्धि परिवहन संबंधी समस्याओं तथा तमिलनाडु एवं कुछ अन्य स्थानों में भारी वर्षा के कारण हुई है। उन्होंने कहा कि देश में 50 से भी कम बडे व्यापारी हैं जो प्याज बाजार को नियंत्रित करते हैं। उन्होंने कहा कि टमाटर की जमाखोरी नहीं की जा सकती क्योंकि दो तीन दन के बाद ये खाराब होने लगती है1 खाद्य मंत्री ने कहा कि आवश्यक वस्तुओं की कीमतों की समीक्षा के कृषि, खाद्य एवं अापूर्ति, वित्त एवं वाणिज्य मंत्रालय के सचिवों की अब हरेक सप्ताह बैठक होगी। उल्लेखनीय है कि टमाटर की खुदरा कीमत 50 रूपये प्रति किलो के आसपास पहुंच गयी है।
श्री पासवान ने मांग के अनुरुप दालों की आपूर्ति नहीं होने की चर्चा करते हुए कहा कि देश में दालों का उत्पादन 172 लाख टन है जबकि खपत 225 लाख टन की है। लगभग 45 लाख टन दाल का आयात किया जाता है, इसके बावजूद 11 लाख टन दाल की कमी रह जाती है। उन्होंने कहा कि दालों की कीमतों में वृद्धि की रोकथाम को लेकर जमाखोरी के खिलाफ कड़ाई से कदम उठाये गये और इसकी भंडारण सीमा निर्धारित की गई। गत 19 अक्टूबर से दो नवंबर के दौरान दालों की जमाखोरी के खिलाफ की गयी छापेमारी में एक लाख 30 हजार टन दाल जब्त की । केवल महाराष्ट्र में 87 हजार टन दाल जब्त की गयी। खाद्य मंत्री ने कहा कि सरकार दालों का आयात नहीं करती है और यह काम निजी क्षेत्र के अधीन है । उन्होंने कहा कि सरकार दाल की मांग और आपूर्ति के अंतर को कम करने का प्रयास कर रही है।