नासिक, 29 नवम्बर, महाराष्ट्र के अहमदनगर जिला के शनि शिंगनापुर गांव स्थित प्रसिद्ध भगवान शनि मंदिर के गर्भगृह में एक अज्ञात महिला के घुसने के विरोध में शनि शिंगनापुर के ग्रामीणों ने आज कई घंटों तक बंद का आयोजन किया। शनि शिंगनापुर के शनि मंदिर के गर्भगृह में कल एक महिला घुस गयी थी जिसके कारण आज शनि देव का दूध से अभिषेक किया गया। ग्रामीणों ने आज सुबह सरपंच बालासाहेब बांकर की अध्यक्षता में एक बैठक की। सरपंच ने यूनीवार्ता को बताया कि ग्रामीणों ने अचानक यह बैठक बुलायी। उन्होंने बताया, “इस बैठक में मंदिर के ट्रस्टियों को हटाये जाने की मांग की गयी। ट्रस्टियों को मंदिर परिसर में एक कमरा मिला हुआ है। वहां पर कड़ी सुरक्षा व्यवस्था के बावजूद यह घटना कैसे हुई। यह सुरक्षा की बहुत ही भारी चूक है।”
श्री बांकर ने कहा कि सभी धर्मों की परंपराएं होती हैं और धर्म, परंपरा के आधार पर काम करते हैं। पिछले 500 वर्षों से मंदिर के गर्भगृह में महिलाओं का प्रवेश वर्जित है। उन्होंने कहा, “हालांकि ग्रामीणों ने श्रद्धालुओं की असुविधा को देखते कुछ घंटों के बाद दुकानें खोल दीं। अंधश्रद्धा निर्मूलन समिति (एएनएस) की कार्यकारी अध्यक्ष वकील रंजना पगार-गावंडे के मुताबिक इस परंपरा को लेकर एएनएस पहले भी इसके खिलाफ प्रदर्शन का नेतृत्व कर चुकी है।
उन्होंने कहा, “हमारे दिवंगत संस्थापक डॉ नरेन्द्र दाभोलकर, डॉ श्री राम लागू और अन्य लोगाें को इस परंपरा के खिलाफ बोलने और विरोध करने को लेकर गिरफ्तार किया जा चुका है।” उन्होंने कहा कि एक पुत्र को जन्म देनेवाली महिला कैसे अपवित्र हो सकती है। अगर एक मां अपवित्र है तो उसका पुत्र भी तो अपवित्र होगा। हम लोगों ने बम्बई उच्च न्यायालय की औरंगाबाद पीठ में एक याचिका दायर की है जो अब तक लंबित है।