Quantcast
Channel: Live Aaryaavart (लाईव आर्यावर्त)
Viewing all articles
Browse latest Browse all 79216

सीधी (मध्यप्रदेश) की खबर (30 नवम्बर)

$
0
0
पत्रकार प्रताड़ना का मामला, डिप्टी रेंजर की कॉल डिटेल की जांच से हो सकता है षड्यंत्र का खुलासा

सीधी। आरटीआई कार्यकर्ता व पत्रकार अखिलेश द्विवेदी के गिरफ्तारी मामले में यदि डिप्टी रेंजर की फोन से हुई बात की उच्च स्तरीय जांच हो तो षड्यंत्र का खुलासा हो सकता है। घटना के सप्ताह भर पहले से षड्यंत्र रचने की पूरी इवारत फोन पर ही लिखी गई है। वन्य प्राणी के चमड़े के साथ गिरफ्तार हुए अखिलेश को पूरा भरोसा है कि फोन पर हुई वार्तालाप मामले की सच्चाई उजागर करने में काफी है। उल्लेखनीय है कि आरटीआई कार्यकर्ता व पत्रकार अखिलेश द्विवेदी को 27 नवम्बर को बहरी के डिप्टी रेंजर सर्वेश्वर सिंह चैहान ने षड्यंत्रपूर्व तरीके से रेंज कार्यालय बुलाया और उनकी बाइक की डिग्गी में कथित चिंकारा के चमड़े का टुकड़ा रखकर हिरासत में ले लिया। बाद में वन्यप्राणी अधिनियम की कई धारायें लगाकर जेल भिजवा दिया। घटना को लेकर अखिलेश द्वारा शुरू में ही षड्यंत्रपूर्वक फंसाये जाने की बात कही जाती रही लेकिन तब न तो वन विभाग के छोटे कर्मचारी मानने को तैयार हुए और न ही बड़े अधिकारियों ने उनकी बात पर विश्वास किया। केवल डिप्टी रेंजर द्वारा रची गई कहानी को सच मान लिया और उसी आधार पर कार्यवाई पर अपनी मुहर लगा दी। बता दें कि अखिलेश की गिरफ्तारी को लेकर जिले के पत्रकारो ने जहां गहरा आक्रोश जताते हुए डीएफओ कार्यालय के सामने धरना दिया वहीं पत्रकार के साथ हुए अन्याय को लेकर सिहावल विधायक कमलेश्वर पटेल सहित कांग्रेस, भाकपा, माकपा, क्रांतिकारी मोर्चा के नेता भी धरने में शामिल रहे। इस दौरान धरना सभा को सम्बोधित करते हुए सभी नेताओं ने एक स्वर में वन अमले द्वारा की गई कार्यवाई की तीखी निंदा की। फिलहाल अखिलेश द्विवेदी को झूठे मामले में जेल भेज दिया गया है। जेल जाने के पहले अखिलेश से हुई बातचीत के दौरान अपने को निर्दोष बताते हुए कहा कि डिप्टी रेंजर सर्वेश्वर सिंह उनके खिलाफ सप्ताह भर पहले से ही षड्यंत्र रच रहे थे। हालांकि षड्यंत्र की भनक हिरासत में लेने के साथ ही लगी किन्तु यदि डिप्टी रेंजर द्वारा इस बीच में फोन से की गई बात की उच्च स्तरीय जांच की जाये तो न की षड्यंत्र का पर्दाफाश हो सकता है बल्कि षड्यंत्र में कौन-कौन से बड़े अधिकारी शामिल रहे हैं इसका भी पता चल जाएगा। उनसे जब यह जानने की कोशिश की गई कि आखिर वन अमले ने इतनी बड़ी साजिश क्यों कि तो उन्होने बताया कि चूंकि वे लम्बे समय से बहरी रेंज में व्याप्त भ्रष्टाचार की लड़ाई लड़ रहे थे और वन अमला यह नहीं चाहता था कि उसकी काली करतूतो का पर्दाफाश हो। आवाज दबाने के लिए ही इस तरह का षड्यंत्र रचा गया है। श्री द्विवेदी ने कहा कि उनके द्वारा आरटीआई के माध्यम से जहां विभागीय घपले की जानकारी ली जा रही थी वहीं भ्रष्टाचार के मामले को आपराधिक अन्वेषण ब्यूरो तक पहुंचाया गया था। इतना ही नहीं समय-समय पर समाचार पत्र में भी मजदूरी भुगतान न करने सहित अन्य मामलो को प्रकाशित किया जा रहा था। जिस दिन उन्हे फर्जी मामले में गिरफ्तार किया गया उसके दो दिन पहले भी समाचार प्रकाशित किये गये हैं। समाचारो व आरटीआई से खफा डिप्टी रेंजर ने उनकी आवाज दबाने के लिए ही मनगढंत कहानी रची है। उन्होने पूरे भरोसे के साथ कहा कि केवल कॉल डिटेल ही सच्चाई उजागर करने के लिए काफी है।

और भी हैं कई सवाल
आरटीआई कार्यकर्ता अखिलेश द्विवेदी की गिरफ्तारी के मामले में वन विभाग ने जिस चिंकारे के चमड़े को आधार बनाया है उससे ही कई सवाल खड़े हो गये हैं। पहला यह कि वन्य जीवो के चमड़े का तस्करी करने वाला कोई भी व्यक्ति केवल छोटे से टुकड़े को ही क्यों रखेगा? आखिर कथित चिंकारे का पूरा चमड़ा और मांस कहा है? इसके अलावा यह भी सवाल उठ रहा है कि आखिर वन अमले को पुलिस की सहायता की जरूरत क्यों पड़ी? ऐसे कितने अवसर आए हैं जब वन अमले ने किसी की गिरफ्तारी के लिए पुलिस की मदद मांगी है।

शहरी विकास अभिकरण के परियोजना अधिकारी श्री सिंह को सेवानिवृत्त होने पर दी गई भावभीनी विदाई

sidhi news
सीधी 30 नवम्बर 2015, शहरी विकास अभिकरण के परियोजना अधिकारी आनन्द बहादुर सिंह गहरवार के आज सेवानिवृत्त होने पर भावभीनी विदाई दी गई। कलेक्ट्रेट सभागार में आयोजित विदाई समारोह में सम्बोधित करते हुए नगर पालिका अध्यक्ष देवेन्द्र सिंह ने कहा कि परियोजना अधिकारी श्री सिंह कर्तव्यनिष्ठ एवं कार्य के प्रति समर्पित अधिकारी थे। इन्होंने अपना कार्यकाल पूरी इमानदारी और कर्तव्यनिष्ठा के साथ पूरा किया। कभी भी किसी भी काम में कोताही नहीं बरती। नगर पालिका का कार्य जनता की सेवा करना होता है। शहरी विकास अभिकरण से इनका मार्गदर्शन मिलता रहा है। सेवानिवृत्त होने के बाद ये अपना जीवन अपने परिवार के साथ सुखमय व्यतीत करें। इससे पूर्व परियोजना अधिकारी श्री सिंह को कलेक्टर विशेष गढ़पाले, नगर पालिका अध्यक्ष देवेन्द्र सिंह, अपर कलेक्टर डा0 एम.पी.पटेल और स्टाफ ने स्मृतिचिन्ह और शाल श्रीफल प्रदान किया। कलेक्टर विशेष गढ़पाले ने कहा कि परियोजना अधिकारी श्री सिंह की कार्यशैली काफी प्रभावी एवं तेज थी। इनकी फाइलें हमेशा पुख्ता रहती थी। जब भी ये फाइल रखते थे महत्वपूर्ण आदेशों में नियमों का हवाला देते थे। कभी कोई कमी नहीं दिखी। शहरी विकास अभिकरण और नगर पालिकाओं को इनका मार्गदर्शन मिलत रहेगा। अपर कलेक्टर डा0 पटेल ने कहा कि परियोजना अधिकारी श्री सिंह ने काफी तन्मयता और तत्परता के साथ अपने कर्तव्यों का निर्वहन किया और इनका सेवाकाल काफी अच्छा रहा। शेष जीवन ये अपने परिवार के साथ सफलतापूर्वक व्यतीत करेंगे। मुख्य नगर पालिका अधिकारी मकबूल खाॅन ने कहा कि परियोजना अधिकारी श्री सिंह के अनुभवों का लाभ हमेशा मिलता रहा है। जब भी आवश्यक हुआ इन्होंने कार्यो में पूर्ण सहयोग एवं मार्गदर्शन दिया है। इस अवसर पर नगर परिषद चुरहट, रामपुर नैकिन के सीएमओ एवं नगर पालिका सीधी के अधिकारी एवं कर्मचारी तथा सामाजिक न्याय विभाग के उप संचालक संतोष शुक्ला, तहसीलदार संदीप श्रीवास्तव मौजूद थे।

नगर परिषद मझौली में 22 दिसम्बर को होगा मतदान

सीधी 30 नवम्बर 2015     राज्य निर्वाचन आयुक्त ने 8 नगरीय निकाय अ©र जिला पंचायत अनूपपुर तथा उप निर्वाचन-2015 का निर्वाचन कार्यक्रम घ¨षित कर दिया है। घोषित निर्वाचन कार्यक्रम के अनुसार नगर परिषद मझौली में मतदान 22 दिसम्बर, 2015 क¨ ह¨गा। निर्वाचन की घोषणा होते ही नगर परिषद मझौली में आदर्श आचरण संहिता प्रभावशील ह¨ गई है। राज्य निर्वाचन आयुक्त ने जानकारी दी है कि निर्वाचन की सूचना का प्रकाशन अ©र नाम निर्देशन पत्र प्राप्त करने का कार्य आज एक दिसम्बर, 2015 से शुरू ह¨गा। नाम निर्देशन पत्र 8 दिसम्बर तक लिये जायेंगे। नाम निर्देशन पत्र¨ं की संवीक्षा 9 दिसम्बर क¨ ह¨गी। नाम वापसी 11 दिसम्बर तक ह¨गी। प्रतीक आवंटन भी 11 दिसम्बर क¨ ह¨गा। मतदान 22 दिसम्बर क¨ तथा मतगणना अ©र निर्वाचन परिणाम¨ं की घ¨षणा 26 दिसम्बर क¨ ह¨गी। 

Viewing all articles
Browse latest Browse all 79216

Trending Articles



<script src="https://jsc.adskeeper.com/r/s/rssing.com.1596347.js" async> </script>