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उत्तराखंड की विस्तृत खबर (03 जनवरी )

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बहुगुणा के राजनैतिक चरित्र में अचानक आए बदलाव से जनता हतप्रभ
  • कांग्रेसी ही बता रहे हैं, कंबल बांटना मुख्यमंत्री का राजनैतिक नाटक

bahuguna kambal
देहरादून, 3 जनवरी। प्रदेश की जनता के अभिवादन का सीधे मुंह जवाब न देने वाले मुख्यमंत्री विजय बहुगुणा में अचानक जनता के प्रति उमड़ा प्रेम राज्यवासियों को रास नहीं आ रहा है। राज्यवासियों को मुख्यमंत्री के चरित्र में आया अचानक राजनैतिक बदलाव या तो आलाकमान के डंडे के बाद नजर आ रहा है या फिर आप पार्टी का डर, या फिर आगामी लोकसभा चुनाव में खुद की परर्फोमेंस को साबित करना। उल्लेखनीय है कि बीते लगभग नौ महीने से प्रदेश के मुखिया द्वारा जनता दरबार न लगाए जाने को लेकर तरह-तरह की चर्चाएं चल रही थी, अप्रैल माह में जनता दरबार के बाद अब पांच जनवरी को मुख्यमंत्री आवास में जनता दरबार लगाया जाने से प्रदेश की जनता मुख्यमंत्री के राजनैतिक चरित्र में आए अचानक बदलाव से हतप्रभ है। इतना ही नहीं बीते दिन एक विधायक के विधानसभा क्षेत्र के चुनिंदा स्थानों पर मुख्यमंत्री द्वारा कंबल बांटने को लेकर भी तरह-तरह की चर्चाएं आम हैं। नए साल पर जहां हर राजनैतिक व्यक्ति अपनी नई राजनैतिक पारी की शुरूआत करता है, वहीं उत्तराखण्ड के मुख्यमंत्री दिल्ली तक ही सिमटे हुए नजर आए और उन्होंने नए साल का जश्न भी दिल्ली में ही मनाया, जबकि उन्हीं के कैबिनेट के एक दूसरे मंत्री हरक सिंह रावत ने अपना नया साल का आगाज आपदा प्रभावितों के बीच उनके दुखो को बांटकर किया। राजनैतिक विश्लेषकों का कहना है कि जहां मुख्यमंत्री 16-17 जून को आई विनाशकारी आपदा के बाद पड़ने वाली ठण्ड में वहां के निवासियों को एक कंबल भी नहीं ओढ़ा पाया, यह अपने आप में कुछ अजीब सा लगता है। उनका कहना है कि देहरादून जैसे शहरी क्षेत्र में नगर-निगम के पार्षद व विधायक भी कंबल बांट सकते थे, असल में कंबल की असली जरूरत फिलवक्त में आपदा प्रभावित क्षेत्र के लोगों को है। इतना ही नहीं मुख्यमंत्री द्वारा नगर क्षेत्र में कंबल बांटे जाने के दौरान रैन बसेरे बनाए जाने की घोषणा भी की गई, वहीं विश्लेषकों का मानना है कि छहः माह में मकान देने की घोषणा करने वाले प्रदेश के मुख्यमंत्री जब आपदा प्रभावित क्षेत्र में प्रभावित जनता के लिए एक कमरा भी नहीं बनवा पाए, तो ऐसे में राजधानी के आस-पास रैन बसेरे कब तैयार होंगे, यह अपने आप में विचारणीय है। इतना ही नहीं उनका कहना है कि मुख्यमंत्री को उन लोगों पर तरस भी नहीं आया, जो आपदा के छहः महीने बाद आज भी तम्बूओं में जीवन गुजर-बसर कर रहे हैं। गौरतलब हो कि प्रदेश के तमाम आलानेताओं को पार्टी आलाकमान का यह निर्देश है कि वे महीने में एक दिन जिस जनपद के वे प्रभारी मंत्री हैं, वहां जाकर जनता दरबार लगाकर जनता की समस्याओं से रूबरू हों, इतना ही नहीं पार्टी आलाकमान का यह भी निर्देश था कि पार्टी के नेता जो सरकार में महत्वपूर्ण पदों पर हैं, वे कांग्रेस भवन में बैठकर जनता की समस्याओं के साथ-साथ कार्यकर्ताओं की समस्याओं को भी हल करने का प्रयास करेंगे, लेकिन उत्तराखण्ड में बीते 21 महीनों में न तो प्रभारी मंत्रियों ने ही जनता दरबार लगाए, वहीं कांग्रेस भवन में एकआध मंत्रियों ने ही शुरूआती दौर में सांकेतिक जनता दरबार लगाकर आलाकमान के आदेशों की रस्मअदायगी की। कांग्रेस के ही कुछ नेता दबी जुबान से इसे मुख्यमंत्री का नाटक करार देते हैं, उनका कहना है कि पार्षद से विधायक बने एक व्यक्ति के कहने पर तो मुख्यमंत्री उसी की विधानसभा क्षेत्र के कुछ स्थानों पर कंबल बांटते हैं, इससे यह साबित होता है कि जो मुख्यमंत्री पार्षद की मानसिकता रखने वाले विधायक के कहने पर केवल सुर्खियां बटोरने के लिए यह नाटक करता है, क्या ही अच्छा होता वह अपने को मुख्यमंत्री समझ समूचे प्रदेश की चिंता कर आपदा प्रभावित क्षेत्रों में जाकर उन असहाय लोगों को कंबल वितरित करता। कांग्रेस के ही एक खेमें के नेताओं का कहना है कि मुख्यमंत्री बहुगुणा राजधानी के सुगम इलाकों में कंबल बांटकर राजनैतिक नाटक कर रहे हैं। 
    
सरकारी आवास के मामले पर हरक ने घेरा निशंक को

देहरादून, 3 जनवरी। उत्तराखण्ड सरकार के कैबिनेट मंत्री डा. हरक सिंह रावत ने एक बार फिर पूर्व मुख्यमंत्री डा. रमेश पोखरियाल निशंक पर राजनैतिक हमला तेज कर दिया है। पिछले काफी समय से दोनों ही नेता एक-दूसरे के धुर विरोधी बने हुए हैं। ताजा मामला बीते दिनों पूर्व मुख्यमंत्री निशंक द्वारा सरकारी गाड़ियों से लालबत्ती हटाए जाने के बाद गर्माता हुआ नजर आ रहा है। सरकार में कैबिनेट मंत्री डा. हरक सिंह रावत ने निशंक को ललकारते हुए कहा कि लालबत्ती के साथ-साथ वह सुरक्षा और सरकारी गाड़ियों को भी वापस कर दें और एनैक्सी के सरकारी आवास को भी खाली करें, क्योंकि निशंक के पास यमुना कॉलोनी में सरकारी आवास पूर्व में ही आवंटित किया जा चुका है। उन्होंने कहा उनके पास देहरादून में अपना निजी मकान है, उन्हें उत्तराखण्ड के पहले मुख्यमंत्री नित्यानंद स्वामी से प्रेरणा लेते हुए सरकारी आवासों को छोड़ अपने मकान में रहने की मिसाल देनी चाहिए। गौरतलब है कि डा. हरक सिंह रावत और डा. निशंक के बीच राजनैतिक लड़ाई पूर्व में भी कई मामलों को लेकर खुलकर सामने आ चुकी है, पूर्व में जब भाजपा की सरकार अस्तित्व में थी और डा. निशंक मुख्यमंत्री की कुर्सी पर विराजमान थे, उस समय सरकारी आवास पर डा. हरक सिंह रावत के मामले को लेकर मकान खाली कराए जाने की कार्यवाही को अंजाम दिया गया था और यह मामला उस समय राजनैतिक दृष्टिकोण से काफी उछला था। अब उत्तराखण्ड में कांग्रेस की सरकार होने के बाद हरक सिंह रावत ने निशंक के खिलाफ सरकारी आवास पर काबिज होने को लेकर मोर्चा खोल दिया है। राजनैतिक विश्लेषकों का मानना है कि हरक सिंह रावत का बयान राजनैतिक बदले की भावना से दिया गया बयान है, राजनीति में इस तरह की दुरागृह ठीक नहीं। 

भाजपा व कांग्रेस डूबते हुए टाईटैनिक जहाज: आप पार्टी
  • आप पार्टी टीपीएस और मुन्ना सिंह चौहान को नहीं देगी टिकट

देहरादून, 3 जनवरी (राजेन्द्र जोशी)। भाजपा व कांग्रेस डूबते हुए टाईटैनिक जहाज की तरह हैं और आप पार्टी कार्यकर्ताओं की पसंद के आधार पर ही लोकसभा का टिकट देती। यह बातें आम आदमी पार्टी के उत्तराखण्ड प्रदेश कार्यकारिणी सदस्य भार्गव चन्दोला ने पत्रकारों से बातचीत के दौरान कही। उन्होंने कहा कि भ्रष्टाचारियों को किसी भी कीमत पर आम आदमी पार्टी लोकसभा का चुनाव नहीं लड़वाएगी और देश के अंदर परिवर्तन की लहर आम जनता के बीच दौड़ती हुई दिख रही है। दिल्ली में सरकार गठन के बाद उत्तराखण्ड में आप का सदस्यता अभियान तेजी से आगे बढ़ रहा है और रोजनाना छहः से सात हजार लोग आम आदमी पार्टी की सदस्यता ग्रहण कर रहे हैं। उन्होंने कहा पार्टी की वैबसाईट से लोकसभा चुनाव में आवेदन करने वाले हजारों लोग आवेदन कर चुके हैं और उत्तराखण्ड की लोकसभा सीटों से चुनाव लड़ने के लिए भाजपा व कांग्रेस के कई लोग सम्पर्क में बने हुए हैं। उन्होंने इस बात का खण्डन करते हुए कहा कि मुन्ना सिंह चौहान और टीपीएस रावत को आम आदमी पार्टी किसी भी लोकसभा सीट से चुनाव नहीं लड़ाएगी। बीतें दिनों मीडिया में आई खबरें पूरी तरह भ्रामक हैं। उन्होंने कहा कार्यकर्ताओं की पसंद के आधार पर ही लोकसभा सीटों पर पार्टी अपने प्रत्याशियों को चुनाव लड़वाएगी। आम आदमी पार्टी परिवर्तन के बाद अब देशभर में अपना परचम लहराने के लिए तैयारी में जुट गई है और आगामी पांच जनवरी को पौड़ी जनपद के श्रीनगर, छहः जनवरी को रूद्रप्रयाग, सात जनवरी को चमोली जनपद के कर्णप्रयाग में सम्मेलन आयोजित किए जा रहे हैं और इन सम्मेलनों के बाद प्रदेश के सभी जिलों में जिला सम्मेलन आयोजित किए जाएंगे। उन्होंने बताया कि पूर्व में आम आदमी पार्टी अल्मोड़ा में राज्य कार्यकर्ताओं का सम्मेलन आयोजित कर चुकी है और उत्तराखण्ड के त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव की तैयारी में भी जुटी हुई है। पार्टी जल्द ही युद्धस्तर पर सदस्यता अभियान चलाकर पंचायत चुनाव में भी भागीदारी निभाने की रणनीति को अंतिम रूप देगी। उन्होंने यह भी कहा कि आम आदमी पार्टी के अंदर निष्क्रीय पदाधिकारियों को जल्द ही बाहर का रास्ता दिखाएगी और ईमानदारी से काम करने वाले कार्यकर्ताओं को सम्मान भी देगी। प्रेस वार्ता के दौरान सोनिया बेनिवाल एवं राजेन्द्र भट्ट कोटी ने पार्टी की सदस्यता भी ग्रहण की।

मांग 2 करोड़ की, मिले महज 20 लाख

लालकुआं/देहरादून, 3 जनवरी (राजेन्द्र जोशी)। नन्धौर वाईल्डलाईफ सेन्चुरी को केन्द्रीय वन एवं पर्यावरण मंत्रालय से अनुमति मिलने के बाद उसे पर्यटकों के लिये खोल तो दिया परन्तु राज्य सरकार की बेरूखी के चलते यहां अब तक मात्र 20 लाख रूपये ही भेजे गये है जबकि वन विभाग ने डेढ वर्ष पूर्व ही 2 करोड़ रूपये की मांग की थी। साथ ही स्थानीय जनप्रतिनिधियों की अनदेखी से लालकुआं से गेट खोलने की अभी तक दूर-दूर तक कोई कार्यवाही नहीं हुई है। अधिकारियों की मानें तो शासन स्तर से टनकपुर की ओर गेट खोलने की कार्यवाही तो सामने आयी है परन्तु लालकुआं क्षेत्र से गेट खोलने की बात तो अधिकारियों के संज्ञान में ही नहीं है। उत्तराखण्ड में पर्यटक को बढावा देने के लिऐ केन्द्र सरकार द्वारा नन्धौर वाईल्डलाईफ सेन्चुरी की स्थापना करके वन्य जीव प्रेमियों के लिए खुशखबरी की सौगात दी है। यहां प्रथम चरण में एक गेट चोरगलिया में खोला गया है जिनमे तीन जोन बनाये गये है  नन्धौर प्रवेश द्वार के अर्न्तगत मछलीवन सुनखेडी, नन्धौर जौलासाल एवं नन्धौर सूर्यादेवी  शामिल किये गये है। यहां पर पर्यटक चहलकदमी कर वन्य जीवों का दीदार कर सकेंगे। फिलहाल इस सैन्चुरी में सिर्फ दिन में ही पर्यटको की आवाजाही है , साम को अभ्यारण बन्द कर दिया जा रहा है। वनाधिकारियों के मुताबिक वन्य जीवों को किसी भी तरह की परेशानी ना हो इसके पूरे प्रयास किये जा रहे है जिसके चलते पर्यटकांे को सीधे जंगल में ना ले जाकर उन्हे जंगल के बाहरी किनारांे से अवलोकन करने दिया जा रहा है। एसडीओ नन्धौर प्रकाश चन्द्र आर्य के अनुसार अभी इस अभ्यारण में कई और कार्य होने शेष है । जिसमें सडक निर्माण,नन्धौर, सोनापानी, शारदा व जौलासाल मे पर्यटको के लिये रेस्ट हाउस तैयार करने की कार्यवाही की जा रही है। इसके अलावा पर्यावरण से सम्बन्धित कार्य भी किये जाने बाकी है। वर्तमान में आवागमन के लिये पर्यटकांे को अपने वाहनांे से आने की स्वीकृति दी गयी हैं वन्य प्राणियों की स्वतंत्रता मे खलल ना पडे इसके पूरे प्रयास किये जा रहे उन्होंने बताया कि जंगल को सैंस्टिव जोन, सैंस्टिव कोर जोन एवं इको सैंस्टिव जोन मे चयनीत किया गया है वहीं बारह वर्डनेचर गाइडो को प्रशिक्षित कर उन्हे पर्यटकों के साथ भेजा जा रहा हैै तथा प्रति वाहन 250 रूपये एवं प्रति पर्यटक सौ रूपये शुल्क लिया जा रहा है । श्री आर्या ने बताया कि जिस दौरान उक्त सैन्चुरी निर्माण की घोषणा हुई थी उन्होंने तमाम कार्यों के लिए 2 करोड़ रूपये की मांग राज्य सरकार से की थी परन्तु उन्हें अभी तक इकोट्यूरिज्म विभाग द्वारा मात्रा 20 लाख रूपये भेजे गये है। जैसे ही और पैसा आयेगा तभी वहां निर्माण कार्य तेजी से शुरू हो सकंेगे। उन्होंने कहा कि लगभग दो सौ सत्तर वर्ग किलोमीटर क्षेत्र में फैली शिवालिक ऐशियन ऐलीफेन्ट कॉरिडोर  वाईल्डलाईफ सेन्चुरी अभ्यारण में फिलहाल  हाथी, बाघ ,तेन्दुऐ, लेपर्ड, टाइगर, भालू, दुर्लभ हाईना लकड़बग्घा सहित 250 से अधिक पक्षियों की प्रजाति हैं। जिनका पर्यटक दीदार कर सकते है। एसडीओ आर्य के मुताबिक वर्तमान में काफी कम संख्या में लगभग तीन से चार गाड़िया प्रतिदिन यहां आ रही है जबकि विभाग ने प्रतिदिन 20 गाड़ियांे की अनुमति दे रखी है। फिलहाल नन्धौर वाईल्डलाईफ सेन्चुरी का लालकुआं बिन्दुखत्ता समेत भाबरी क्षेत्र को कोई फायदा होने वाला नहीं है क्योंकि वन विभाग के जिम्मेदार अधिकारियों का कहना है कि लालकुआं क्षेत्र से गेट खोलने की बात अब तक वन विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों के संज्ञान में ही नहीं है। जबकि राज्य सरकार में वन एवं पर्यावरण के सभा सचिव हेमेश खर्कवाल ने टनकपुर क्षेत्र को गेट खोलने की कार्यवाही करवा दी है। यदि लालकुआं क्षेत्र से उक्त सैन्चुरी का गेट खुल जाता तो इस क्षेत्र को इसका अत्यन्त लाभ पहुॅचता। परन्तु स्थानीय जनप्रतिनिधियों की अनदेखी व विकास के प्रति अरूचि के चलते लालकुआं क्षेत्र से  नन्धौर वाईल्डलाईफ का गेट खुलने की कोई सम्भावना नहीं है।  

बेटा निकला बाप का कातिल

देहरादून, 3 जनवरी (राजेन्द्र जोशी)। अपने पिता को संपत्ति के लिए कलियुगी बेटे ने मौत के घाट उतार दिया। पुलिस ने इस मामले का खुलासा करते हुए मृतक के पुत्र को गिरफ्तार कर लिया है। शुक्रवार को वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक केवल खुराना ने कार्यालय में पत्रकार वार्ता के दौरान बताया कि सहसपुर थाना क्षेत्र में 11/12 दिसंबर की रात को एक 65 वर्षीय वृद्ध फकीरा को मौत के घाट उतार दिया गया था। फकीरा झोटा बुग्गी चलाने का काम करता था। फकीरा के पास काफी जमीनें थी जिस पर बाहरी लोगों के साथ ही उसके रिश्तेदारों की नजरें भी गड़ी हुई थी। हत्या वाली रात फकीरा खाना खा कर सोने के लिए चला गया था। सुबह उठने पर उसके लड़कों ने उसकी खून सनी लाश देख कर पुलिस को सूचना दी। मौका मुआयना करने पर पुलिस ने अंदेशा जताया था कि किसी परिचित द्वारा ही यह हत्या की गयी है। फकीरा की मौत पर पुलिस लगातार जांच कर रही थी। इस दौरान शक की सुई कई बार मृतक के बेटों पर भी घूमी लेकिन बात केवल पूछताछ पर आ कर ही समाप्त हो रही थी। छानबीन के दौरान पुलिस को पता चला कि जमीन को लेकर फकीरा का अपने बेटे के साथ कुछ विवाद भी चल रहा था। वहीं इस दौरान मृतक के पुत्र वाजिर खान की संदिग्ध गतिविधियों को देखते हुए पुलिस ने उससे सख्ती से पूछताछ की तो वह टूट गया और उसने अपने पिता का कत्ल करने का अपराध स्वीकारा। एसएसपी ने बताया कि पूछताछ में वाजिर ने बताया कि उसने अपने पिता द्वारा 13 बीघा जमीन अपनी बहन के लड़के के नाम किये जाने की बात सुन ली थी। जिस पर उसे यह चिंता हो गयी कि यदि पूरी जमीन उसके भांजे को दे दी जायेगी तो वे क्या करेंगे। इस संबंध में उसने कई बार अपने पिता से बात भी की लेकिन वे नहीं माने जिस पर उसने रात को सोते समय अपने पिता पर ब्लेड, पाठल व चाकु से हमला कर हत्या कर दी। जिसके बाद वह चुपचाप जा कर सो गया।

आयु सीमा बढ़ाने की मांग को धरना दिया

देहरादून, 3 जनवरी (राजेन्द्र जोशी)। उत्तराखण्ड क्रांति दल (पी) ने सरकारी नौकरियों में आयु सीमा बढ़ाने सहित अन्य मांगों को लेकर घण्टाघर स्थित स्व. इन्द्रमणि बड़ोनी की प्रतिमा के समक्ष धरना दिया। उक्रांद के केन्द्रीय अध्यक्ष त्रिवेन्द्र सिंह पंवार के नेतृत्व में कार्यकर्ताओं ने धरना दे कर सरकार के प्रति रोष जाहिर किया। उक्रांद अध्यक्ष पंवार का कहना था कि सरकारी नौकरियों में आयु सीमा घटा कर 35 वर्ष कर दी गयी है। जो बेरोजगारों के साथ छल है। बेरोजगारों के हित में आयु सीमा को बढ़ा कर 40 वर्ष किया जाये। उनका कहना था कि उत्तराखण्ड शासन द्वारा बिल्डरों को लाभ पहंुचाने के लिए काम किया जा रहा है। शासन की शह पर एमडीडीए द्वारा कृषि भूमि को आवासीय में तब्दील करने पर पूरी छूट दे रखी है जिसके चलते यहां की कृषि भूमि समाप्त होती जा रही है। उनका कहना था कि घरेलू सिलेण्डरों के दामों हुई वृद्धि को वापस लिया जाये। जनता महंगाई से पहले ही बुरी तरह से त्रस्त हो रखी है और उस पर अब फिर से सिलेण्डरों के दामों में वृद्धि कर दी गयी है। इस वृद्धि को तत्काल वापस लिया जाये अन्यथा उक्रांद सड़कों पर उतर कर केन्द्र और राज्य सरकार के खिलाफ आंदोलन करने के लिए बाध्य होगा। धरने पर एपी जुयाल, लताफत हुसैन, मनमोहन लखेड़ा, प्रमिला रावत, पूरन सिंह बिष्ट, प्रवीण नौटियाल, किशन सिंह रावत, सुलोचना बहुगुणा, गीता बिष्ट, नर्मदा नेगी तथा विरेन्द्र मोहन उत्तराखण्डी आदि बैठे।

भाजयुमो ने फूंका हिमाचल के मुख्यमंत्री का पुतला

देहरादून, 3 जनवरी (राजेन्द्र जोशी)। भाजयुमो कार्यकर्ताओं ने हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह पर लगे भ्रष्टाचार को लेकर धरना दिया। इस दौरान कार्यकर्ताओं ने जुलूस निकालकर घंटाघर चौक में उनका पुतला फंूका। शुक्रवार को भारतीय जनता युवा मोर्चा कार्यकर्ताओं ने पं. दीनदयाल उपाध्याय पार्क में एकत्रित होकर हिमाचल के मुख्यमंत्री पर लगे भ्रष्टाचार के आरोप को लेकर धरना दिया। जिसके बाद कार्यकर्ताओं ने घंटाघर चौक तक जुलूस निकाला। जहां उन्होंने नारेबाजी कर सीएम वीरभद्र का पुतला फूंका। वक्ताओं ने कहा कि हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह पर भ्रष्टाचार करने का आरोप है। ऐसे में मुख्यमंत्री को अपने पद से इस्तीफा दे देना चाहिए। पुतला फंूकने वालों में प्रदेश महामंत्री मनोज जखमोला, प्रदेश उपाध्यक्ष जितेन्द्र सिंह रावत, विशाल गुप्ता, सचिन गुप्ता, राजेंद्र ढिल्लो, विपिन राणा, संतोष सेमवाल, रवि ठाकुर, श्याम अग्रवाल, अमित डबराल, सुरेन्द्र, रवि रावत, रविन्द्र बेलवाल, मयूर राणा, प्रशांत, नवीन ठाकुर आदि शामिल थे।

सेवा में बहाली की मांग को लेकर धरना जारी

देहरादून, 3 जनवरी (राजेन्द्र जोशी)। बर्खास्त पुलिसकर्मियों ने सेवा में बहाली की मांग को लेकर 133वें दिन भी धरना जारी रखा। परेड ग्राउण्ड में धरना स्थल पर आंदोलनरत बर्खास्त पुलिसकर्मियों का धरना 133 दिनों से अनवरत चल रहा है। उनका कहना है कि पुलिस भर्ती में दो स्थानों से आवेदन करने वाले पुलिसकर्मियों को नौकरी से निकाल दिया गया था। जबकि उनकी ही तरह दो स्थानों से आवेदन करने वाले पुलिसकर्मी अभी भी सेवा में बने हुए हैं। उनका कहना था कि सरकार द्वारा उनके आंदोलन को समाप्त करने के लिए एक सब कमेटी का गठन कर उनकी समस्या का निस्तारण करने की बात कही थी लेकिन तीन माह से अधिक का समय बीत जाने के बावजूद कमेटी की एक भी बैठक अब तक नहीं हुई है। कमेटी के सदस्यों द्वारा लगातार बैठक को टाला जा रहा है जिसकारण बर्खास्त पुलिसकर्मियों को अपना आंदोलन जारी रखने के लिए बाध्य होना पड़ रहा है। उन्होंने चेतावनी दी है कि यदि पांच जनवरी तक उनकी बहाली पर कोई सकारात्मक निर्णय न लिया गया तो वे उग्र धरना, प्रदर्शन करने के लिए मजबूर होंगे। वे सड़कों पर उतर कर सरकार कर हर स्तर
पर विरोध करेंगे। धरने पर राजीव लोचन, प्रवीण सैनी, मुन्ना चौहान, अजय नेगी, विनोद गुसाईं तथा दीपक सेमवाल आदि बैठे।

सरदार बल्लभभाई पटेल की प्रतिमा बनाने के लिए संदेश यात्रा निकाली

देहरादून, 3 जनवरी (राजेन्द्र जोशी)। लौह पुरूष सरदार बल्लभभाई पटेल की गुजरात में सबसे लंबी प्रतिमा बनाने के संदेश यात्रा निकाली गयी। संदेश यात्रा के द्वारा जन जागरण कर प्रत्येक ग्राम पंचायत से प्रतिमा के लिए लोहा और माटी इकट्ठा करने के लिए संदेश यात्रा रवाना हुई शुक्रवार को लौह संग्रह सहायता समिति की ओर से निकाली जा रही सरदार बल्लभ भाई पटेल संदेश यात्रा के लिए भारतीय जनता पार्टी के सैकडों कार्यकर्ता प्रदेश कार्यालय में एकत्रित हुए। गुजरात में लौह पुरूष सरदार बल्लभभाई पटेल की प्रतिमा बनाने के लिए जनजागरण के तहत एक संदेश यात्रा निकाली गयी। भाजपा प्रदेश अध्यक्ष तीरथ सिंह रावत ने हरी झंडी देकर संदेश यात्रा को रवाना किया। इस मौके पर उन्होंने कहा कि लौह पुरूष सरदार बल्लभ भाई पटेल की सबसे बडी करीब 80 फुट लंबी स्मारक गुजरात में बनायी जानी है। इसके लिए देशभर में जन जागरण चलाया जा रहा है। उन्होंने कहा कि सरदार पटेल की स्मारक बनाने के लिए देश के कोने-कोने से लोहा और माटी इकट्ठा किया जा रहा है। देश के सभी स्थानों से इकट्ठा किया गया लोहा को पिघलाकर सरदार बल्लभ भाई की स्मारक बनाया जाएगा। उन्होंने कहा कि सरदार बल्लभभाई पटेल प्रतिमा संदेश यात्रा के दौरान हर ग्राम पंचायत में जाकर वहां से लोहा और माटी को इकट्ठा किया जाएगा। इस अवसर पर यात्रा संयोजक कुलदीप सिंह, किसान मोर्चा के प्रदेश अध्यक्ष सुशील चौहान समेत कई कार्यकर्ता मौजूद थे।

ओम प्रकाश को प्रमुख सचिव, कारागार का दायित्व सौंपे जाने का निर्णय

देहरादून, 3 जनवरी (राजेन्द्र जोशी)। शासन द्वारा जनहित में प्रमुख सचिव, गृह, चिकित्सा स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण तथा आयुष एवं आयुष शिक्षा ओम प्रकाश को वर्तमान पदभार के साथ-साथ प्रमुख सचिव, कारागार का दायित्व सौंपे जाने का निर्णय लिया गया है। यह जानकारी देते हुए अपर सचिव कार्मिक रमेश चन्द्र लोहनी ने बताया कि सचिव कारागार, जनगणना व भाषा, खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति तथा आयुक्त खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति मंजुल कुमार जोशी को सचिव कारागार के दायित्व से मुक्त किया गया है। इसी के साथ अपर सचिव गन्ना-चीनी तथा महानिदेशक कारागार विनोद शर्मा को वर्तमान पदभार के साथ-साथ अपर सचिव कारागार का दायित्व सौंपा गया है। 

राज्यपाल ने मृतकों के प्रति शोक व्यक्त किया 

देहरादून, 3 जनवरी (राजेन्द्र जोशी)। उत्तराखण्ड के राज्यपाल डॉ. अजीज कुरैशी ने देहरादून जनपद  के चकराता तहसील के नाड़ा गांव के पास यात्रियों से भरे वाहन के विगत दिवस दुर्घटनाग्रस्त होने पर उसमें सवार 12 ग्रामीणों की मृत्यु तथा 5 लोगों के घायल होने पर गहरा शोक एवं संवेदना व्यक्त की है। उन्होंने दुर्घटना को अत्यन्त दुःखद बताते हुए मृतकों की आत्मा की शान्ति, घायलों के शीघ्र स्वास्थ्य लाभ की कामना करते हुए मृतकों के परिजनों को धैर्य प्रदान करने की ईश्वर से प्रार्थना की है।       

बैकफुट पर आये व्यापारी, एसडीएम कार्यालय पहुंचकर घटना पर खेद जताया
  • सामंजस्य बनाये जाने पर दिया जोर

काशीपुर/देहरादून, 3 जनवरी (राजेन्द्र जोशी)। बीते रोज मुख्य बाजार में अतिक्रमण चिन्ह्किरण को लेकर व्यापारियों एवं एसडीएम डा. एके श्रीवास्वत के बीच हुई नोंक-झोंक के बाद व्यापारियों द्वारा एसडीएम का पुतला फूंके जाने व बाजार बंद कराये जाने के बाद व्यापारी बैकफुट पर नजर आये। व्यापारियों के एक दल ने एसडीएम कार्यालय में जाकर एसडीएम डा. श्रीवास्तव से गुरूवार की घटना पर खेद व्यक्त करते हुए भविष्य में सामंजस्य बनाये जाने पर जोर दिया। इस दौरान डा. श्रीवास्तव ने भी व्यापारियों से कल की घटना के बावत अपना रोष जताते हुए कहा कि बीते रोज वह सिर्फ फड़ हटवाने के लिए गये थे, परंतु इस दौरान कुछ व्यापारियों द्वारा बेवजह अन्य मुद्दों को उठाया गया, जो गलत था। उन्होंने कहा कि ताजुब्ब की बात यह है कि उन्हें बाद में पता चला कि कुछ व्यापारियों द्वारा मुख्य चौराहे पर उनका पुतला भी फूंका गया है। जिसका कोई ना तो औचित्य था और न ही इस तरह के विरोध का कोई कारण। आज व्यापारियों द्वारा बीते रोज की घटना पर खेद व्यक्त करने के बाद मामले का पटाक्षेप करते हुए भविष्य में इस तरह की पुनरावृत्ति न होने एवं सामंजस्य के साथ मिलजुलकर कार्य किये जाने पर जोर दिया गया। बैठक के दौरान व्यापार मण्डल अध्यक्ष राजीव सेतिया, पूर्व व्यापार मण्डल अध्यक्ष दीपक वर्मा, मुकेश पाहवा, नईम सिद्दीकी आदि थे। बीते रोज एसडीएम का मुख्य चौराहे पर पुतला फूंकने वाले व्यापारी आज सुबह ही एसडीएम कार्यालय जाकर खेद व्यक्त करने पहुंचे। सूत्र बताते हैं कि बीते रोज अपना पूतला फूंका जाने से एसडीएम खासे नाराज थे और उन्होंने व्यापारियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराने का मन बना लिया था। इसकी भनक लगते ही आज व्यापारी उनसे खेद व्यक्त करने पहुंच गये। यह मामला चर्चा का विषय बना हुआ है। 

दिन दहाडे पडी बैंक में डकैती बनी पुलिस के लिए चुनौती 
  • एएसपी ने डाला डेरा, तहरीर मिलते ही रिपोर्ट दर्ज 
  • एसओजी समेत अन्य टीमें विभिन्न प्रांतों को रवाना 

काशीपुर/देहरादून, 3 जनवरी (राजेन्द्र जोशी)। गुरूवार को दिन दहाडे बैंंक मंे पडी डकैती पुलिस के लिए चुनौती बन गई है। योजनाबद्व तरीके से बोला गया धावा पर पुलिस के आला अधिकारी कई बिंदुओं पर गहन मंथन कर रहे हैं। बैंक कर्मियों द्वारा बताए गए बदमाशों के हुलिया व भाषा पर भी ज्यादा तज्जबों दिया जा रहा है। जबकि डकैती के दौरान एक बदमाश थोडा लचक कर चल रहा था। अब पुलिस यहां के बदमाशों को तलाश कर इस बिंदू पर विशेष जोर दे रही है। साथ ही सीमांत अंचलों के संदिग्ध लोगों से पूछताछ भरी जारी है। ताकि डकैती कांड का जल्द ही पर्दाफाश किया जा सके।  मेडिकल व्यवसायी की दुकान पर पडी डकैती के खुलासे के बाद चैन की नींद सो रही पुलिस को फिर से डकैतों ने खुली चुनौती दी है। याद रहे कि अलीगंज रोड स्थित पैगा शाखा की इलाहाबाद बैंक में बीती रोज धारदार हथियरों के बल पर बदमाशों ने बैंक में धावा बोल दिया था। डकैती को अंजाम देने के बाद बैंक प्रबंधक समेत अन्य स्टाफ के साथ मारपीट भी की थी। डकैत 6 लाख 68 हजार की नगदी भी साथ ले गए थे। पुलिस ने मौके पर पहुंच कर बैंक प्रबंधक समेत मौजूद कर्मियों से जानकारी भी जुटाई थी। बदमाशों का हुलिया व उनकी भाषा की जानकारी हासिल की तो पता चला की सभी बदमाश हरियाणवी भाषा का इस्तेमाल कर रहे थे। जबकि एक डकैती मुंह पर पकडा बांधा हुआ था। बैंक स्टाफ ने पुलिस को बताया कि कपडा बांधे हुए बदमाश थोडा लचक कर चल रहा था। इन्हीं बिंदुओं पर अब पुलिस के आलाधिकारी गहन मंथन कर रहे हैं। साथ ही जिले के ऐसे बदमाशों का रिकार्ड खंगालने में लगे हुए हैं, जो हरियाणवी भाषा के साथ ही थोडा लचक कर चलते हैं। हालांकि एसओजी समेत पुलिस की विभिन्न टीमों को यूपी, समेत विभिन्न प्रांतों में दबिश को भेज दी गई है। पुलिस के अनुसार डकैती को अंजाम देने वाले बाहर के बदमाश हो सकते हैं। जो यहां के बदमाशों से तालमेल मिला कर डकैती को अंजाम दिया है। इधर, बैंक में दिन दहाडे पडी डकैती के बाद एएसपी ने काशीपुर में डेरा डाल लिया है। उन्होंने पुलिस कर्मियों को बदमाशों डकैती जैसे मामलों में पकडे गए बदमाशों का रिकार्ड खंगालने के निर्देश भी दिए हैं। पैगा स्थित इलाहाबाद के बैंक प्रबंधक राजेंद्र पयाल पुत्र मंशाराम पयाल ने डकैती कांड में तहरीर सौंपी है। पुलिस ने तहरीर के आधर पर पांच से छह अज्ञात बदमाशों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर धरपकड शुरू कर दी है। पुलिस के अनुसार पैगा स्थित इलाहाबाद बैंक में सुरक्षा के पूरे मानक नहीं थे। बैंक को नोटिस भेजने के बाद भी वहां पर न तो गार्ड था और न ही अन्य सुरक्षा की व्यवस्थाएं थी। बैंक में डकैती पडने के बाद पुलिस अधिकारियों ने बैंक को पूरी तरह से बंद कराने निर्णय लिया, जो विफल साबित हुआ है। एएसपी जसवंत चौहान के अनुसार डकैती का जब तक खुलासा व मामला शांत नहीं होता तब तक ही बैंक की शाखा को बंद किया जाएगा। 

नगर में आधा से ज्यादा बैंक में नहीं सुरक्षा के ‘नामक’ कडे कदम उठाने को तैयार पुलिस

काशीपुर/देहरादून, 3 जनवरी (राजेन्द्र जोशी)। पुलिस के नोटिस का बैंक प्रशासन पर कोई असर नहीं। नगर में नोटिस के बाद भी आधे से ज्याद बैंक बिन सुरक्षा मानक के चल रहे हैं। ऐसे में वहां पर बडी वारदात होने की संभावनाएं बनी हुई हैं। जो पुलिस के लिए सिर दर्द बन सकती है। इसी को देखते हुए पुलिस के आलाधिकारियों ने सुरक्षा के मानक पूरे न करने वाले बैंकांे पर कार्रवाई के लिए विचार-विमर्श किया है। उन्हें दोबार से नोटिस भेजा जाएगा। पैगा स्थित इलाहाबाद बैंक की शाखा में दिन दहाडे पडी डकैती के बाद पुलिस अब सतर्क हो गई है। हालांकि पहले भी पुलिस बैंकों को नोटिस थमा कर सुरक्षा व्यवस्था चाक चौबंद करने के निर्देश दे चुके हैं। इसके बावजूद नगर में आधे से ज्यादा बैंक में सुरक्षा गार्ड व सीसी टीवी कैमरे तक नहीं लगाए गए हैं। ऐेसे में बदमाश आसानी से डकैती जैसी घटनाओं को अंजाम दे सकते हैं। जो पुलिस के लिए सिर दर्द बनने के साथ ही लोगों के लिए भी परेशानी का सबब भी बनेगी। इसी को देखते हुए पुलिस के आलाधिकारियों ने बैंक के अधिकारियों को फिर से नोटिस भेज कर सुरक्षा मानक पूरे करने के निर्देश देने का मन बना लिया है। साथ ही बार-बार चेताने के बाद भी न मानने वाले बैंकों के खिलाफ कडी कार्रवाई भी किए जाएंगे।

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