- मिशन इन्द्रधनुष 25 दिसम्बर 2014 से शुरू
- प्रत्येक माह की 7 तारीख से 7 दिन के लिए 7 जानलेवा बीमारियों के टीकाकरण
पटना। सूबे में राज्य स्वास्थ्य समिति द्वारा नियमित टीकाकरण करवाया जाता है। मात्रः 65 फीसदी ही 30 साल में टीकाकरण किया जा सका। शिशु 2 करोड़ 70 लाख जन्म लिए। 89 लाख शिशु नियमित टीकाकरण कराए। 17 लाख शिशु नियमित टीकाकरण से वंचित रह गए। इसके आलोक में 25 दिसंबर 2014 से ‘मिशन इन्द्रधनुष’शुरू किया गया।
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय, भारत सरकार ने सुशासन दिवस के मौके पर ‘मिशन इन्द्रधनुष’ 25 दिसंबर 2014 को शुरू किया। इस मिशन का उद्देश्य वर्ष 2020 तक ऐसे सभी बच्चों का टीकाकरण करना है, जिन्हें सात बीमारियों से लड़ने के टीके नहीं लगाये गए हैं या आंशिक रूप से लगाये गये हैं। ये सात बीमारियां-डिफ्थीरिया, काली खांसी, टिटनेस, पोलियो, टीबी, खसरा और हैपेटाइटिस-बी हैं।
‘मिशन इन्द्रधनुष’ 7 अप्रैल 2015 से शुरू हुआ। 7 से 14 अप्रैल तक चला। इसी तरह 7 से 14 मई तक, 7 से 14 जून तक और 7 से 14 जुलाई तक चला। इसे प्रथम चरण में 201 जिलों में लागू किया गया। इस अवधि में इस मिशन को 50 जिलों में चालू नहीं किया गया।
अब द्वितीय चरण जारी है। 7 से 14 अक्टूबर और 7 से 14 नवम्बर तक हो गया। 7 से 14 दिसम्बर और 7 से 14 जनवरी 2016 को होने वाला है। 297 जिलों में लागू हो रहा है। 73 हाई फोकस वाले भी जिलों को शामिल किया गया है। इसमें भी 40 जिलों में नहीं हो रहा है।
लोक सभा में माननीय सदस्यों के सवाल के जवाब में केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री जगत प्रकाश नड्डा ने कहा कि 352 जिलों में पलायन की समस्या अधिक है। माता टीकाकरण करवाने से डरती हैं। वहीं ए0एन0एम0की संख्या भी कम है। अब दुरूस्त कर दिया गया है। इसकी निगरानी करने में 3500 मोनिटर बहाल हैं। संसार में सबसे बड़ा टीकाकरण अभियान चलाने में सर्मथ हो रहे हैं। इसके बल पर बाल मृत्यु दर 69 प्रतिशत को घटाकर 49 प्रतिशत करने में कामयाब हो रहे हैं। वहीं टीकाकरण दर 1 प्रतिशत में वृद्धिकर 5 प्रतिशत कर पा रहे हैं। पांच साल में 90 प्रतिशत कर देना है।
पोलियो कार्यक्रम को सफलता पूर्वक लागू करने के लिए जिन उपायों को अपनाया गया था, उनको इस मिशन की योजना बनाने और उसे लागू करने में इस्तेमाल किया जा रहा है। टीकाकरण से छूटे हुए बच्चों को टीकाकरण की सम्पूर्ण खुराक दिलाने की व्यवस्था मिशन इन्द्रधनुष में किया जा रहा है। मिशन इन्द्रधनुष के अंतर्गत बच्चों, गर्भवती महिलाओं और माताओं में विभिन्न प्रकार की बीमारियों से बचाव के लिए टीकाकरण किया जायेगा।
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री जे पी नड्डा द्वारा 5 अक्टूबर 2015 को मिशन इन्द्रधनुष का दूसरा चरण आरंभ किया गया. दूसरे चरण में, 352 जिले शामिल किये गये हैं जिसमें 279 जिले मध्यम प्राथमिकता पर होंगे. 33 जिले उत्तर-पूर्वी राज्यों तथा 40 जिले पहले चरण के क्षेत्रों से शामिल होंगे जहां बड़ी संख्या में बच्चे टीकाकरण से वंचित हैं.
इसके चार चरणों में संपूर्ण टीकाकरण कार्यक्रम चलाया जायेगा. पहले चरण का टीकाकरण 7 अक्टूबर से 17 अक्टूबर तक चलेगा. उसके बाद दूसरे चरण में 7 से 17 नवंबर, तीसरे चरण में 7 से 17 दिसंबर और चैथे चरण में 7 से 17 जनवरी 2016 तक टीकाकरण होगा.
मिशन इन्द्रधनुष के दूसरे चरण के उद्घाटन के दौरान केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री जे पी नड्डा ने देश के सभी स्वास्थ्य मंत्रियों एवं राज्य सचिवों से मुलाकात की तथा उनसे मिशन की तैयारियों के बारे में जानकारी प्राप्त की. इस टीकाकरण अभियान का उद्देश्य वर्ष 2020 तक देश में 90 प्रतिशत से अधिक बच्चों का पूर्णतया टीकाकरण.
भोपाल। मिशन इन्द्रधनुष आगामी 7 अप्रैल से शुरू हो रहा है । प्रदेश में पहले चरण में मिशन इन्द्रधनुष में 15 जिले शामिल किये गये हैं । अलीराजपुर, अनुपपुर, छतरपुर, दमोह, झाबुआ, मंडला, पन्ना, रायसेन, रीवा, सागर, सतना, शहडोल, टीकमगढ़, उमरिया और विदिशा पहले चरण में शामिल हैं । देश के 28 राज्यों के 201 जिलों में यह कार्यक्रम एक साथ चलाया जायेगा ।
भारत सरकार के स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा ऐसे बच्चे जो किन्हीं कारणों से टीकाकरण से छूट जाते हैं अथवा आंशिक रूप से ही टीकाकरण का लाभ प्राप्त कर पाते हैं। उनके टीकाकरण हेतु मिशन इन्द्रधनुष का संचालन सराहनीय प्रयास है।
जन्म से 2 वर्ष तक के बच्चों तथा गर्भवती माताओं का टीकाकरण मिशन के तहत किया जाएगा। इसके लिए नियमित टीकाकरण के अतिरिक्त प्रत्येक माह की 7 तारीख से 7 दिन के लिए 7 जानलेवा बीमारियों के टीकाकरण किए जाएंगे। अभियान का संचालन उन क्षेत्रों में किया जाएगा, जहां सम्पूर्ण टीकाकरण न हो पाने या आंशिक टीकाकरण के कारण शत्-प्रतिशत् बच्चों का टीकाकरण नहीं हो पाया है। इसके लिए ऐसे क्षेत्रों को चिन्हित कर व्यापक जन जागरूकता अभियान तथा सूचना तंत्र को प्रभावी बनाया जाएगा। जिसे मिशन इन्द्रधनुष के तहत विशेष 4 चरणों में टीकाकरण कार्यक्रम का संचालन कर बढ़ाना है। इस मिशन का उद्देश्य है, हम पहुंचे उन तक जो न पहुंचे हम तक।
मिशन इन्द्रधनुष एक अत्यंत महत्वाकांक्षी प्रयास है, जिसका उद्देश्य टीकाकरण के माध्यम से बच्चों एवं गर्भवती माताओं को रोग-प्रतिरोधक क्षमता प्रदान करना है। इस मिशन का संचालन योजनाबद्ध तरीके से किया जाएगा। जिन क्षेत्रों में टीकाकरण से बच्चे वंचित हैं, उनका चिन्हांकन कर सूची तैयार की जाएगी तथा जिला स्तर पर रणनीति तैयार कर लक्ष्य को प्राप्त किया जाएगा। इस कार्य में संलग्न मानव संसाधन के प्रभावी प्रशिक्षण पर जोर दिया जाएगा तथा टीकाकरण हेतु आवश्यक वैक्सीन, कोल्ड चैन की व्यवस्था, मॉनीटरिंग एवं रिपोर्टिंग की बेहतर व्यवस्थाएं सुनिश्चित की