इस्लामाबाद, 08 दिसंबर, विदेश मंत्री सुषमा स्वराज अफगानिस्तान के पुनर्निर्माण में सहायता के मुद्दे पर आयोजित पांचवे हार्ट ऑफ एशिया सम्मेलन में भाग लेने के लिये आज शाम यहाँ पहुँची। यहाँ उनकी पाकिस्तानी समकक्ष के साथ द्विपक्षीय बैठक होगी और वह पाकिस्तान के प्रधानमंत्री नवाज शरीफ से भी मुलाकात करेंगी। श्रीमती स्वराज भारतीय वायुसेना के विशेष विमान से स्थानीय समयानुसार करीब साढ़े पांच बजे इस्लामाबाद के हवाई अड्डे पर उतरीं जहाँ पाकिस्तान में भारत के उच्चायुक्त टीसीए राघवन ने उनकी अगवानी की। विदेश सचिव एस. जयशंकर, विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता विकास स्वरूप एवं कुछ अन्य अधिकारी भी उनके साथ आये हैं। हवाई अड्डे पर उन्होंने मीडिया से बातचीत में कहा कि वह यहाँ खासतौर पर हार्ट आॅफ एशिया सम्मेलन में भाग लेने आयीं हैं क्याेंकि यह अफगानिस्तान से संबंधित हैं।
उन्होंने कहा कि वह यहाँ पाकिस्तान के प्रधानमंत्री आैर अपने समकक्ष सरताज अजीज से मुलाकात करेंगीं। इन मुलाकातों में दोनों मुल्कों के संबंधों को सुधारने के प्रयास होंगे। वह आज रात पाकिस्तानी प्रधानमंत्री के विदेश मामलों के सलाहकार सरताज अजीज द्वारा हार्ट ऑफ एशिया इस्तांबुल प्रोसेस सम्मेलन में भाग लेने वाले मेहमान मंत्रियों के स्वागत में आयोजित भोज में शामिल होंगी, जिसमें श्रीमती स्वराज की श्री अजीज से मुलाकात होगी। सूत्रों के अनुसार श्रीमती स्वराज कल सुबह नौ बजे से शुरू हाेने वाले इस सम्मेलन में भारतीय प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व करेंगी, जो लगभग ढाई बजे तक चलेगा। इसके बाद शाम पांच बजे उनकी श्री अजीज के साथ द्विपक्षीय बैठक होगी। उन्होंने बताया कि इस बैठक के बाद विदेश मंत्री पाकिस्तान के प्रधानमंत्री से भी मिलेंगी और उसके पश्चात स्वदेश रवाना होंगी। सूत्रों के अनुसार श्रीमती स्वराज पाकिस्तानी समकक्ष के साथ होने वाली बैठक के लिये कोई खास एजेंडा लेकर नहीं आयीं हैं। वह खुले मन से बात करेंगीं और चाहेंगी कि पाकिस्तान के मन का भी खुलासा हो।
सूत्रों ने कहा कि भारत का पक्ष पहले से ही स्पष्ट है। वह हिंसा एवं आतंकवाद से मुक्त वातावरण में हर मुद्दे पर बातचीत के लिये तैयार हैं। इसलिये श्री अजीज के साथ बैठक में भारत की ओर से इसी लाइन पर बातचीत की जाएगी। हार्ट आॅफ एशिया सम्मेलन में इस बार का मुद्दा सुरक्षा एवं कनेक्टिविटी है। इसलिये भारत इस बात पर जोर देगा कि पाकिस्तान अफगानिस्तान को अगर एक क्षेत्रीय व्यापारिक हब के रूप में विकसित किये जाने के हक में है तो उसे भारत एवं अफगानिस्तान के ट्रकों को सीधे भारत की अटारी वाघा सीमा तक आने की इजाजत देनी चाहिये। हार्ट ऑफ एशिया सम्मेलन में अफगानिस्तान के राष्ट्रपति अशरफ गनी के अलावा अजरबैजान, चीन, ईरान, कजाखस्तान, किर्गिजिस्तान, रूस, सऊदी अरब, ताजिकिस्तान, तुर्की, तुर्कमेनिस्तान और संयुक्त अरब अमीरात के प्रतिनिधियों के भाग लेने की आशा है।