नयी दिल्ली, 11 दिसंबर, ग्रामीण इलाकों में माँग घटने के बावजूद शहरों में नये माॅडलों के ग्राहकों को लुभाने में सफल रहने से नवंबर में देश में यात्री कारों की बिक्री 10.39 प्रतिशत की मजबूत बढ़ोतरी के साथ 173111 पर पहुँच गयी। पिछले साल नवंबर में यह 156811 इकाई रही थी। वाहन निर्माता कंपनियों के संगठन सियाम के आज जारी आँकड़ों के अनुसार, इस दौरान मोटरसाइकिलों की बिक्री 1.58 प्रतिशत बढ़कर 866705 इकाई पर तथा स्कूटरों और स्कूटी की बिक्री 2.45 फीसदी की बढ़त के साथ 396024 इकाई रही। आँकड़े पेश करते हुये सियाम के महानिदेशक विष्णु माथुर ने कहा कि साल दर साल आधार पर बेस अफेक्ट के कारण बिक्री बढ़ी है क्योंकि पिछले साल नवंबर में बिक्री काफी कम रही थी। उन्होंने कहा कि दीपावली का पर्व होने के बाद भी इस साल अक्टूबर की तुलना में बिक्री काफी घटी है। अक्टूबर में देश में 194158 कारें, 1065856 मोटरसाइकिलें तथा 525138 स्कूटर और स्कूटी बिकी थी।
श्री माथुर ने बताया कि ग्रामीण इलाकों से प्राप्त रिपोर्टों के अनुसार, ग्रामीण अर्थव्यवस्था की कमजोरी से छोटी कारों तथा मोटरसाइकिलों की बिक्री लगातार प्रभावित हो रही है। वहीं, एस्पायर, क्विड और बुलेना समेत अन्य नये लांच किये गये मॉडलों की शहरी क्षेत्रों में माँग बढ़ने से थोड़ी राहत मिली है। उद्योग सूत्रों के अनुसार तमिलनाडु, पुड्डुचेरी और आँध्र प्रदेश में पिछले दिनों भीषण बारिश और बाढ़ के कारण दिसंबर में उत्पादन 10 से 15 प्रतिशत कम रह सकता है। इसके बारे में पूछे जाने पर उन्होंने स्वीकार किया कि बाढ़ और बारिश से एक डेढ़ महीने तक उत्पादन प्रभावित रहेगा, विशेषकर कारों और ट्रकों का। उन्होंने कहा कि हुंडई, फोर्ड, अशोक लेलैंड और बीएमडब्ल्यू जैसी कंपनियों के प्लांट उन इलाकों में है। मुख्यत: उत्पादन में कमी इसलिए आयेगी क्योंकि इन कंपनियों के लिए कलपुर्जे बनाने वाली फैक्ट्रियों को बारिश और बाढ़ से काफी नुकसान उठाना पड़ा है।
श्री माथुर ने बताया कि वाहन उद्योग धीरे-धीरे पटरी पर लौट रहा है। इसमें लगातार 13वें महीने बढ़ोतरी दर्ज की गयी है। उन्होंने उम्मीद जाहिर की कि सातवाँ वेतन आयोग लागू होने से अगले वित्त वर्ष में बिक्री और बढ़ेगी। सियाम के आँकड़ों के अनुसार, नवंबर में भारी तथा मध्यम औद्योगिक वाहनों का प्रदर्शन बेहतर बना रहा और इनकी बिक्री 24.75 प्रतिशत बढ़कर 20145 पर पहुँच गयी। हालाँकि, हल्के व्यावसायिक वाहन अभी भी संघर्ष के दौर में हैं और उनकी बिक्री 0.26 फीसदी बढ़कर 31621 इकाई रही।
ग्रामीण अर्थव्यवस्था के कमजोर रहने से मोटरसाइकिलों पर लंबे समय से दबाव था, लेकिन स्कूटरों और स्कूटी की बिक्री कमजोर पड़ने के बारे में पूछे जाने पर श्री माथुर ने कहा कि अभी देखना होगा कि यह कमजोरी जारी रहती है या आने वाले महीनों में एक बार फिर इसकी बिक्री जोर पकड़ती है। उल्लेखनीय है कि शहरी माँग पर निर्भर स्कूटरों और स्कूटी की बिक्री कई महीने से 20 प्रतिशत के आसपास बढ़ रही थी। यात्री, व्यावसायिक, दुपहिया और तिपहिया समेत सभी श्रेणी के वाहनों की कुल घरेलू बिक्री 3.18 प्रतिशत बढ़कर नवंबर में 1654226 पर पहुँच गयी जबकि निर्यात 17.61 फीसदी घटकर 275639 इकाई रहा।