रियाद 13 दिसंबर, तरह-तरह की पाबंदियों के बावजूद सऊदी अरब के काउंसिल चुनाव में अपनी दावेदारी पेश करने वाली महिलाओं ने अब तक की मतगणनाा के अनुसार ऐतिहासिक जीत हासिल करते हुए पहली बार दो सीटों पर अपना कब्जा जमा लिया है। काउंसिल चुनाव के लिए कल मतदान हुआ था और आज मतगणना के बाद कुछ सीटों के लिए परिणाम की घोषणा की गयी । काउंसिल चुनाव में मक्का और अल-जॉफ सीटों पर महिला प्रत्याशियों ने जीत का झंडा फहराया है। यह चुनाव इस मामले में ऐतिहासिक है क्योंकि इसमें पहली बार महिलाओं को चुनावी मैदान में खड़े होने और वोट देने का अधिकार मिला ।
महिलाओं के अधिकारों की लड़ाई की पहली फतह इस्लाम के सबसे पवित्र धार्मिक स्थल मक्का में हुई है, जहां के मदरिका जिले की एक सीट पर सलमा बिंत अल-ओतैबी ने जीत हासिल की है। इसी तरह उत्तरी इलाके अल जॉफ में हनूफ बिंत मुफरेह बिन अयाद अल-हाजिमी ने जीत का परचम लहराया है। इसके अलावा उत्तरी सीमावर्ती प्रांतों,दक्षिणी पश्चिमी प्रांत असीर और पूर्वी प्रांत के अल-अहसा जिले में परिणाम की घोषणा हुई है लेकिन इनमें से किसी भी जगह पर कोई महिला प्रत्याशी नहीं जीती है।
चुनाव में दावेदारी पेश करने वाली महिलाओं और मतदाता के लिए अपना पंजीकरण कराने की इच्छुक महिलाओं के लिए राह आसान नहीं थी। चुनाव आयोग ने महिला प्रत्याशियों पर कई पांबदियां लगाने के बाद चुनाव में खड़े होने की इजाजत दी थी। उल्लेखनीय है कि कांउसिल की मात्र दो तिहाई सीटों के लिए यह चुनाव हुआ है। देश में पहले कांउसिल चुनाव 2005 में हुआ था और तब सिर्फ पुरूष ही इसके लिए खड़े हो सकते थे और वोट डाल सकते थे। दूसरी बार कांउसिल चुनाव 2011 में हुआ और तब ही तत्कालीन सुल्तान अब्दुल्ला ने ऐतिहासिक घोषणा की कि अगली बार इस चुनाव में महिलाओं को दावेदारी पेश करने का और वोट देने का अधिकार मिलेगा।