नयी दिल्ली 14 दिसंबर, विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने भारत और पाकिस्तान के बीच समग्र वार्ता फिर से शुरू करने को सही ठहराते हुए आज कहा कि इन दोनों देशों के रिश्तों के कारण दक्षिण एशियाई क्षेत्रीय सहयोग संघ (दक्षेस) तेजी से आगे नहीं बढ़ पा रहा है और इस वार्ता से इस क्षेत्र में शांति और विकास का नया अध्याय शुरू होगा। श्रीमती स्वराज ने अपनी पाकिस्तान यात्रा तथा भारत-पाकिस्तान संबंधों में नये घटनाक्रम पर संसद के दोनों सदनों में दिये गये वक्तव्य में कहा कि सरकार पाकिस्तान समेत सभी पड़ोसी देशों के साथ शांतिपूर्ण और सहयोगात्मक संबंधों के प्रति वचनबद्ध हैं जिससे दक्षिण एशिया में शांति एवं विकास के लिए जो प्रयास इस सरकार ने शुरू किये थे उन्हें आगे बढ़ाया जा सके।
विदेश मंत्री ने स्पष्ट किया कि बैंकॉक में छह दिसंबर को दोनों देशों के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकारों (एनएसए) के बीच हुई वार्ता में जम्मू-कश्मीर के राजनीतिक पक्ष पर चर्चा नहीं हुई थी बल्कि राज्य में आतंकवाद और नियंत्रण रेखा पर संघर्षविराम के उल्लंघन पर बात हुयी थी। राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार जम्मू-कश्मीर के राजनीतिक पक्ष पर बातचीत के लिये अधिकृत नहीं हैं। उन्होंने स्वीकार किया कि सितंबर और दिसंबर के बीच भारत और पाकिस्तान के रिश्तों में जमीन पर कुछ नहीं बदला है लेकिन पेरिस में दोनों देशों के प्रधानमंत्रियों के बीच हुयी बातचीत में उफा में बनी सहमति को आगे बढ़ाने पर बात हुयी। इसके बाद बैंकॉक में एनएसए स्तर की बातचीत के बाद अगला कदम उनकी पाकिस्तान यात्रा थी।