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विशेष आलेख : पर्यावरण व जल संरक्षण को समर्पित संघर्षशील रमेेश गोयल

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  • पर्यावरण व जल संरक्षण को समर्पित प्रतिष्ठित आयकर व्यवसायी तथा वरिष्ठ नागरिक ‘जल स्टार अवार्ड‘, ‘डायमंड आफ इंडिया अवार्ड’ तथा सोशल जस्टिस बैस्ट मैन अवार्ड’ से सम्मानित   


water-and-lifeवरिष्ठ नागरिक, प्रतिष्ठित आयकर व्यवसायी रमेश गोयल आज एक नाम बन गया है जल बचत अभियान का, पर्याय है जल संरक्षण कार्य का, मिशन है जल सम्बन्धी जन जागरण का। अखबारों में जल संकट के लेख पढते पढते सोचा कि इस संभावित भयावह स्थिति से बचाने में देश व समाज के लिए ‘‘मैं क्या कर सकता हूं‘‘ और 2008 में 60 वर्ष की आयु में लग गए ‘जल बचत जागरूकता अभियान‘‘ में। देश की लगभग 250 शिक्षण संस्थाओं व अन्य कार्यक्रमों में जा जा कर लाखों विद्यार्थियों, शिक्षकों व जनता को प्रत्यक्ष रूप से तथा 35-40 लाख लोगों को टीवी, दूरदर्शन, रेडियो व समाचार पत्रों के माध्यम से जल बचत हेतु प्रेरित कर चुके हैं। 2.5 लाख विज्ञप्तियां विद्यार्थियों व संस्थाओं के माध्यम से उनके परिवारों मे वितरित कर चुके हैं। 2ग3 फुट के 700 से अधिक जल बचत प्रेरक बैनर शिक्षण संस्थानों, मन्दिरों व सार्वजनिक स्थानों पर लगवा चुके हैं और निरन्तर लगवाये जा रहे हैं ।

जल बचत की इतनी धुन सवार हुई कि जल चालीसा लिख दी, जिसके प्रथम संस्करण का विमोचन हरियाणा के मुख्यमन्त्री द्वारा 24/4/2012 को किया गया था। छः संस्करणों में अब तक 30 हजार प्रतियां प्रकाशित हो चुकी हैं। फेसबुक पर ग्रुप शेयरिंग के माध्यम से 5 लाख से अधिक लोगों को ’जल चालीसा’ भेजी है और हजारों लोगों को ई-मेल की है। दूरदर्शन केन्द्र हिसार पर जुलाई 2010 व मई 2012 में जल संरक्षण पर 30-30 मिनट की रिकार्डिग व एम एम रेडियो 90.4 पर 22 मार्च जल दिवस पर 2010 से 2015 तक हर वर्ष लाईव परिचर्चा के अतिरिक्त अनेक बार विभिन्न विषयों, पर्यावरण, उर्जा बचत, योग, स्वच्छता, पौधारोपण आदि विषयों पर लाईव चर्चा। डीडी न्यूज ने गुडन्यूज इंडिया कार्यक्रम में 23 व 24 अगस्त 2015 को तथा डीडी किसान चैनल ने 21-22 अगस्त 2015 इस मिशन व जल चालीसा पर चर्चा की थी। जल चालीसा फेसबुक ूूूण्ंिबमइववाण्बवउध् तंउमेीहवलंसेते तथा ल्ंीववए हववहसमए लवनजनइम आदि पर रमेश गोयल वाटर कंजरवेशन में देख सकते हैं। इंडिया वाटर पोर्टल के हिन्दी संस्करण में जल चालीसा प्रकाशित हैं। चालीसा का पोस्टर दिल्ली पुस्तक मेले में लगा जिसकी बहुत प्रशंसा हुई। गायन (आडियो) भी उपलब्ध है। उनके द्वारा लिखी ‘‘बिन पानी सब सून‘‘ पुस्तक का विमोचन 8 मई, 2010 को हरियाणा के राज्यपाल श्री जगननाथ पहाडि.या द्वारा किया गया। 6000 प्रतियां प्रकाशित।

’जल ही जीवन है‘ को मिशन मान रहे श्री गोयल जल बचत जागरूकता प्रचार के लिए हर समय व हर स्थान पर पहुंचने को तत्पर रहते हैं। उनकी इसी लग्न व निष्ठा के फलस्वरूप ही उन्हें दिसम्बर 2011 में केन्द्रीय भू-जल बोर्ड की सात सदस्यीय जिला सलाहकार कमेटी का एक मात्र गैर सरकारी सदस्य मनोनीत किया गया तथा अप्रैल 2013 से अन्तर्राष्ट्रीय सामाजिक संस्था भारत विकास परिषद् द्वारा उन्हें राष्ट्रीय संयोजक पर्यावरण तथा 1-4-15 से राष्ट्रीय मन्त्री पर्यावरण मनोनीत किया है। नैशनल बार एसोसिएशन आफ इंडिया ने उन्हंे 1-4-13 से जिलाध्यक्ष मनोनीत किया। दैनिक भास्कर समाचारपत्र समूह द्वारा चण्डीगढ़ में 15/4/2011 को हरियाणा राज्य के लिए जल स्टार अवार्ड 2011 तथा 15 अगस्त 2011 को जिला प्रशासन और सितम्बर 2011 में ह. प्रा. हिन्दी साहित्य सम्मेलन द्वारा व अन्य सामाजिक संस्थाओं द्वारा जल संरक्षण के लिए सम्मानित किया गया है। मई 2015 में हरियाणा की सामाजिक संस्था अखिल भारतीय प्रतिमा रक्षा सम्मान समिति द्वारा ‘डायमंड आफ इंडिया अवार्ड’ से सम्मानित किया गया। अक्तुबर 2015 में राजस्थान की प्रतिष्ठित संस्था प्राइम टाइम इंडिया द्वारा सोशल जस्टिस बैस्ट मैन अवार्ड’ दिया गया। 

हरियाणा व दिल्ली में ही घुम घुम कर जल बचत सन्देश नहीं देते बल्कि गोहाटी जाते हुए दिल्ली-डिब्रुगढ़ राजधानी एक्सप्रेस हो या चेन्नई जाते दुरेन्तो एक्सप्रैस या उज्जैन के लिए उज्जैई एक्सप्रैस, वाराणसी शिवगंगा हो या दिल्ली-सिरसा किसान एक्सप्रैस, गोहाटी-दिल्ली हवाई यात्रा हो या चेन्नई-दिल्ली, जल बचत विज्ञप्तियां व जल चालीसा बांटने में श्री गोयल कभी भी नहीं चूकते। हरियाणा व दिल्ली के स्कूल कालिजों में ही नहीं रामेश्वरम् गए वहां भी होली आइसलैंड मैट्रीकुलेशन स्कूल तथा केन्दीय विद्यालय के विद्यार्थियों को जल बचत की अनिवार्यता बताने पहंुच गए। उज्जैन (म.प्र.), वाराणसी (उ0प्र), उदयपुर, नाथद्वारा (राजस्थान) गए निजी कार्य से पहुंच गए स्कूलों में। किसी भी संस्था के आयोजन में जब भी बोलते हैं जल की महता व बचत की चर्चा अवश्य करते हैं। हरियाणा में अनेक स्थानों पर भागवत कथा मंच से जल की महता बताते बताते रामेश्वर व उज्जैन में भी कथा मंच से 8 सितम्बर 2013 व 4 सितम्बर 2014 को हजारों लोगों को जल बर्बाद न करने का सन्देश दे आए। जल बचत की आवश्यकता व उपाय बताते हुए कहा कि पीने के पानी की समस्या को समझना अधिक आवश्यक है क्योंकि समुद्र का पानी खारा है जिससे नमक बनाया जा सकता है परन्तु प्यास नहीं बुझाई जा सकती। छोटे छोटे उदाहरणों के साथ वे बताते हैं कि हम कैसे अपने दैनिक जीवन में पानी बर्बाद करते हैं और उसे कैसे बचाया जा सकता है तथा इसकी आवश्यकता क्यों है। जल विद्युत बचत विज्ञप्तियां व जल चालीसा भी वितरित की। 

सितम्बर 2013 में कन्याकुमारी जाते हुए दिल्ली में एक दिन रूके श्री गोयल ने शालीमार बाग एपी ब्लाक स्थित राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय तथा डिस्टिक्ट पार्क में भारतीय योग संस्थान के साधकों को भी जल की महता व बचत की आवश्यकता बताई। 27 अप्रैल 2013 को भारत विकास परिषद् की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक में भाग लेने आए दिल्ली के पीतमपुरा स्थित श्यामा प्रसाद मुखर्जी पार्क व बी डी ब्लाक में जल बचत सम्बन्धी सैंकड़ों विज्ञप्तियां वितरित की और लोगों को जल बचत के लिए प्रेरित किया। राष्ट्रीय कार्यकारिणी सदस्यों को जल चालीसा भेंट की और अगले दिन पूरे देश के प्रान्तीय पदाधिकारियों की बैठक में जल चालीसा वितरित की। इस प्रकार देश के सभी भागों में जल चालीसा पहुंचाई गई। नवम्बर दिसम्बर 2014 में शालीमार बाग दिल्ली के अनेक प्राईवेट व राजकीय विद्यालयों में विद्यार्थीयों को जल महत्व समझाया। जल बचत अभियान अधीन जुलाई 2013 में जल मित्र योजना का शुभारम्भ। ं उपायुक्त सिरसा सहित जिला के सभी अधिकारी जल मित्र बने हैं। देश व दुनिया में जल बचत सन्देश देने के लिए ूूूण्ेंअमूंजमतेंअमसपमिण्बवउ तंउमेीहवलंसेते/तंउमेीण्हवलंसण्52  वैवसाइट लांच की है।

दैनिक जागरण, हिन्दुस्तान टाईम्स, दी ट्रिब्यून, दैनिक भास्कर, दैनिक पलपल, पंजाब केसरी, आज समाज, नायक भारती दिल्ली, टाइम्स आफ इंडिया चण्डीगढ़, पावन संसार दिल्ली किन्तु परन्तु, दैनिक समरघोष, सच्ची परत, में विशेष आलेख प्रकाशित हुए हैं। जल बचत व पर्यावरण उनका मिशन व जीवन लक्ष्य है और वे निरन्तर प्रयासरत रहते हैं कि प्रतिदिन अधिकाधिक लोगों को जल की महता, कमी के कारण, बचत की आवश्यकता व उपाय के बारे में बता सकें। 

23/10/1948 को  सिरसा के एक अति साधारण वैश्य परिवार में जन्मे श्री रमेश गोयल ने बाल्यकाल से ही संघर्षशील जीवन व द्ढ़ संकल्प के सहारे कला, वाणिज्य व विधि स्नातक शिक्षा स्वयंपाठी व पत्राचार के माध्यम से पूर्ण की। श्री गोयल आयकर बार एसोसिएशन सिरसा के कई बार सचिव व अध्यक्ष रहे हैं। 1968-69 में नगर में नेताजी सुभाष बोस की प्रतिमा लगाने में अहम भूमिका निभाने वाले श्री गोयल ह.प्रा. हिन्दी साहित्य सम्मेलन के शाखा कोषाध्यक्ष, सचिव, प्रधान व 4 वर्ष प्रान्तीय संयुक्त मंत्री रहे। 1983 से ंप्रान्तीय उपाध्यक्ष हैं। अन्तर्राष्ट्रीय सामाजिक संस्था भारत विकास परिषद् सिरसा शाखा के संस्थापक अध्यक्ष, प्रान्तीय उपाध्यक्ष व अध्यक्ष रहे तथा 2006-07 से केन्द्रीय टीम में हैं और 1/4/2013 से दो वर्ष राष्ट्रीय पर्यावरण संयोजक रहे तथा 1/4/2015 से राष्ट्रीय मन्त्री पर्यावरण हैं। महाराजा अग्रसेन मैडिकल कालिज, अग्रोहा के आजीवन सदस्य हैं। 3 वर्ष कार्यकारिणी सदस्य रहे। श्री गोयल की कविता, लेख, लघुकथा आदि रचनाएं व व्यवसायिक लेख, प्रादेशिक व राष्ट्रीय स्तरीय विभिन्न पत्र पत्रिकाओं में प्रकाशित होते रहते हैं।

स्थानीय, प्रान्तीय व राष्ट्रीय स्तर की अनेक सामाजिक, धार्मिक व व्यवसायिक संगठनो में सक्र्रिय सदस्य व पदाधिकारी हैं। बाल्यकाल से ही संघर्षशील जीवन के साथ आगे बढ़ते हुए समाज व देश के लिए कुछ विशेष करने के लिए हर समय तत्पर रहते हैं और ‘निज पर शासन फिर अनुशासन‘ तथा दृढ संकल्प, निष्ठा व लगन के साथ आय अर्जन हेतु विभिन्न कार्य व अध्ययन साथ साथ करते हुए आगे बढ़ते रहे हैं और आज एक सफल व्यवसायी व सामाजिक कार्यकर्ता के रूप में पूरे क्षेत्र में प्रतिष्ठित व परिचित हैं।

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