काफी पहले की बात है शायद उस शब्द से मैं रूबरू नहीं था लेकिन अखबारों की खबर में इंटरनेट के माध्यम से उस शब्द को सर्च करने का जिक्र था. साथ ही आरोप भी. अब आप को भी निश्चित ही जिज्ञासा होगी, भई ऐसी क्या नई चीज है..फिर क्या सिस्टम में सर्च कर लिया. जो खुला उसने मुंह को खुला का खुला रख दिया. पीछे पिता जी ने झड़ाम से थप्पड़ जड़ा कि ये क्या देख रहे हो. जमकर पिटाई हुई. तब समझ नहीं आया कि गलत क्या था. लेकिन आज जान रहा हूं कि चरित्र हनन के लिए काफी है. शर्म और बेशर्म से जुड़ा है ये शब्द. हालांकि मैं इस पर कोई राय नहीं रख सकता. शायद तमाम जुबाने मुझको गुनहगार बना दें. लेकिन शेयर इट से दूसरे के मोबाइल में ज्यादातर यही जमा होती हैं. नेट के लंबे इस्तेमाल में ये भी शामिल है. गलती से ही सही.
कम उम्र हो या हम उम्र, सब जानते हैं इस शब्द के बारे में. अब इसमें ये तो लिखा नहीं जा सकता कि जो चरित्र हैं वे सभी काल्पनिक हैं, अगर कोई देख लेता है तो इसे मात्र एक संयोग कहा जाएगा. मतलब तो यही हुआ कि जिसको नहीं पता उसको पता चल जाए कि फलां-फलां में फलां-फलां होता है. लेकिन एग्जाम्पल तैयार न करे. क्योंकि दुनिया नाम के साथ बलात्कार और दूसरे के साथ बलात्कारी चिपका देगी. अजी हम भी चिपकाएंगे.
फिलवक्त तो आम फिल्मों के देखने का मतलब भी इस शब्द से रूबरू होना है. हेट स्टोरी हो या क्या कूल है हम- 2 का पोस्टर. ये न्यूज वाले क्या क्या नुुस्खे और मॉल फंक्शन का हुई शिकार करके परिचित कराते हैं. तब तो कोई एंकर नहीं कहता कि गौर से देखिए इन दुनियावालों को ये....देख रहे हैं. अजी सबको पता हैै कि एक्स की अधिकता मिया खलीफा समेत सनी लियोनी के विभिन्न रूपों के दर्शन कराती है. हां हाल ही में एक फिल्म का एक गाना आधुनिकता में पल रहे तमाम लड़को को थिएटर में सीटी मारने पर मजबूर कर गया. वैसे सुना आपने भी होगा कि कुंडी न खटकाओ राजा, सीधे अंदर आओ राजा. अब इसकी संदर्भ सहित व्याख्या करने के बाद दिल, दिमाग सब इसी शब्द के इर्द गिर्द घूमता है. नहीं आपको अगर कुछ और समझ आ रहा है तो आप भी विकल्प के तौर पर बता सकते हैं. तो परिचय किसने कराया, आरोपी कौन हुआ. आपत्ति है तो पहले आम जो रोजमर्रा वल्गैरिटी पेश करते हैं उन्हें रूकवा दीजिए. फिर आगे पहल करिए.
बच्चे आज सीख नहीं सिखा रहे हैं. हर तीन लोगों को ही नहीं बल्कि कई सारे जान पहचान के दोस्तों को सर्च करने की जानकारी दे रहे हैं. जिसके लिए बाकायदा नेट कैफे, चायना मोबाइल विद इंटरनेट फैैसिलिटी एविलेबल है. हां नेट पैक भी लगभग दस से बीस रूपये में मिल जाता है. अब आप किस तरह से रोक लगा सकते हैं. मान लीजिए ये नहीं भी हैं तो घर पर टीवी तो है. गंदी बात सरीखे गाने तो हैं. खुद ब खुद ही सीख जाएंगे.
बहरहाल ये तो था सीखना, सिखाना. जिसमें प्राथमिक से लेकर काफी गहराई तक जाने की कोशिश की है. अब रही रोकने, छिपाने की बात तो मुझे तो संभव नहीं लगता. क्योंकि सिखाने वाले आप ही हैं. हो सकता है सीधे तौर पर नहीं बल्कि आधुनिकता की तमाम तस्वीरों के द्वारा. अगर कुछ सिखाना ही है तो उसके बारे में दायरा बढ़ाते हुए जानकारी दीजिए. पति और पत्नि के बीच उस शब्द को सीमित कीजिए. वरना आप पॉर्न शब्द को ढ़कोसला और बेशर्मी बनाए रह जाएंगे. आरोप प्रत्यारोप की जंग में धीरे धीरे तमाम बहाने खुद ब खुद ही तलाश होते चले जाएंगे.
हिमांशु तिवारी आत्मीय
08858250015