नयी दिल्ली 16 दिसम्बर, समूचे विपक्ष ने अंतर्राष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल के दाम कई गुना नीचे आने के बावजूद इसका फायदा उपभोक्ताओं को नहीं पहुंचाने तथा अपना खजाना भरने के लिए उत्पाद शुल्क बढाने के लिए आज सरकार पर राज्यसभा में जबरदस्त हल्ला बोला, उधर सरकार ने यह कहकर अपना बचाव किया कि यह वृद्धि विकास कार्यों तथा वित्तीय घाटे को पूरा करने के लिए की गयी है। कार्यवाही शुरू होते ही सभी सदस्यों को पूरक कार्यसूची की प्रति बांटी गयी जिसमें पेट्रोल और डीजल पर उत्पाद शुल्क बढाने की अनुमति मांगने का विषय शामिल था। लगभग समूचे विपक्ष ने इस पर आपत्ति जताते हुए इसका विरोध किया और सरकार से इसका कारण बताने को कहा। कांग्रेस के आनंद शर्मा ने यह मामला उठाते हुए कहा कि अंतर्राष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल के दाम बहुत नीचे आ गये हैं और सरकार इसका फायदा उपभोक्ताओं तक नहीं पहुंचा रही है।
उन्होंने कहा कि जो पूरक कार्यसूची सदस्यों को दी गयी है उसमें सरकार पेट्रोल डीजल पर उत्पाद शुल्क में सातवीं बार बढोतरी की अनुमति मांग रही है। कांग्रेस नेता ने कहा कि पिछले वर्ष अंतर्राष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल का दाम 111 डालर प्रति बैरल था जो अब घटकर 35 डालर प्रति बैरल पर आ गया है। पिछले वर्ष देश में पेट्रोल की कीमत 71 रूपये थी जो अभी भी 65 रूपये हैं। श्री शर्मा ने कहा कि सरकार ने कच्चे तेल के दाम गिरने से 88 अरब डालर की बचत की है। सरकार दामों में गिरावट का फायदा उपभोक्ताओं काे न पहुंचाकर उलटा उस पर बोझ बढा रही है। उन्होंने कहा कि अनुपूरक मांगों में विदेश मंत्रालय का बजट दो हजार करोड रूपये बढाया जा रहा है। उन्होंने आरोप लगाया कि यह प्रधानमंत्री की विदेश यात्राओं के लिए किया जा रहा है। कांग्रेसी नेता ने सरकार से पेट्रोल डीजल उत्पाद शुल्क में बढोतरी का औचित्य बताने को कहा।