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बिहार : माले की तीनदिवसीय केंद्रीय कमिटी की बैठक संपन्न

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  • बिहार के जनादेश के आलोक में राष्ट्रीय स्तर पर व्यापक ‘लोकतंत्र बचाओ-देश बचाओ’ अभियान चलाने का निर्णय
  • तमिलनाडु-पांडिचेरी बाढ़ हादसे को राष्ट्रीय आपदा घोषित कर युद्ध स्तर पर राहत अभियान चलाये सरकार
  • प्रिकाॅल के 8 मजदूरों को दोहरे आजीवन कारावास की सजा के खिलाफ 1 से 15 फरवरी तक चलेगा प्रिकाॅल साॅलिडरिटी अभियान
  • बिहार में अपराध की बढ़ती घटनायें चिंताजनक, न्याय के सवाल पर चलेगा हस्ताक्षर अभियान

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पटना 16 दिसंबर 2015, भाकपा-माले की तीन दिवसीय केंद्रीय कमिटी की बैठक पटना के हरनीचक में 13-15 दिसंबर तक चली. बैठक में कई महत्वपूर्ण फैसले और प्रस्ताव लिये गये. देश के विभिन्न हिस्सों से केंद्रीय कमिटी के सदस्यों ने बैठक में हिस्सेदारी की. भाकपा-माले की केंद्रीय कमिटी ने बिहार चुनाव के ऐतिहासिक जनादेश पर बिहार की जनता, वाम व पार्टी कतारेां को बधाई है. इस चुनाव ने पूरे देश को आश्वस्त करते हुए राष्ट्रीय राजनीति कोे एक निर्णायक मुकाम पर ला खड़ा किया है। बिहार का फैसला देश में संघनित और विकसित होते भाजपा-विरोधी मिजाज की एक अभिव्यक्ति है। लेकिन बिहार चुनाव से कुछ भी सबके सिखने की बजाए भाजपा उलटा ही सबक ही ले रही है. भाजपा व संघ परिवार एक बार फिर से राम मंदिर को मुद्दा बनाकर देश में सांप्रदायिक विभाजन की राजनीति खेलना चाहती है और संविधान की बुनियाद, लोकतंत्र व धर्मनिरपेक्ष मूल्यों पर हमला कर रही है. बिहार जनादेश के आलोक में भाकपा-माले ने व्यापक स्तर पर ‘लोकतंत्र-बचाओ, देश बचाओ’ अभियान चलाने का निर्णय किया है.

तमिलनाडु व पंाडिचेरी में भयानक बाढ़ हादसे पर केंद्र व राज्य सरकार की उदासीनता पर केंद्रीय कमिटी ने गहरी चिंता व्यक्त की है. पर्यावरण को लगातार नष्ट करने तथा गलत नीतियों की वजह से इस तरह की प्रलंयकारी घटनायें घट रही है. केंदीय कमिटी ने इसे राष्ट्रीय आपदा घोषित करने और युद्ध स्तर पर पुनर्वास व राहत अभियान चलाने की मांग की है. भाकपा-माले ने भी अपनी पहलकदमी पर पूरे देश में बाढ़ पीडि़तों के सहायतार्थ राहत अभियान चलाया है. जनसहयोग, विधायकों के एक महीने के वेतन और पूर्व विधायकों के पेंशन को जोड़कर 10 लाख रुपये का सहयोग बाढ़ पीडि़तों को भेजी गयी है.

तमिलनाडु के कोयम्बटूर में प्रिकोल के 8 मजदूरों को दोहरे आजीवन कारावास की सजा मोदी सरकार के नेतृत्व में चल रहे कारपोरेट पूंजी के हमले का सबसे घृणित उदाहरण है. यह सजा प्रिकाॅल के मैनेजर की दुखद मृत्यु को हत्या करार देते हुए दिया गया है. पाटी के पोलित ब्यूरो सदस्य व ऐक्टू के राष्ट्रीय अध्यक्ष कुमार स्वामी सहित अन्य नेताओं को बाइज्जत बरी किये जाने के बावजूद 8 मजदूर साथियों यह सजा सुनाई गयी है. मजदरू आंदोलन के संदर्भ में यह सबसे कठोर व अन्यायपूर्ण फैसला है. प्रिकाॅल के पीउि़तों के न्याय के सवाल पर पार्टी ने मजदूर व न्यायपसंद नागरिकों के बीच देशव्यापी प्रिकाॅल साॅलिडरीटी अभियान चलाने का निर्णय किया है. यह अभियान 1 से 15 फरवरी तक चलेगा. ऐसे कठोर हमले झेलने के बावजूद प्रिकाॅल के मजदूरों ने चेन्नई व पांडिचेरी बाढ़ पीडि़तों के सहायतार्थ 5 लाख रु. का सहयोग किया है.

बिहार विधानसभा चुनाव के बाद आनेवाले राज्यों के विधानसभा चुनाव में भी माले अन्य वाम दलों व लोकतांत्रिक शक्तियों के साथ मिलकर भाजपा व कांग्रेस के खिलाफ नए विकल्प के निर्माण पर जोर देगी. 2016 की शुरुआत में ही पश्चिम बंगाल, असम, तमिलनाडु, केरल और पुद्दुचेरी के विधानसभा चुनाव होने जा रहे हैं। केंद्रीय कमिटी इसपर जोरदार अभियान चलायेगी और चुनाव में कारगर हस्तक्षेप किया जाएगा

बैठक में अंतर्राष्ट्रीय घटनाक्रमों खासकर खतरनाक आतंकी संगठन आइएसआइएसक की बर्बर कार्रवाइयों; पेरिस, बेरूत, बगदाद पर आतंकी हमले और नेपाल में मधेसी संकट व उसमें मोदी सरकार की दखलअंदाजी पर भी बातचीत हुई. केंद्रीय कमिटी ने आइएसआइएस द्वारा अंजाम दी जा रही घटनाओं की निंदा की है, लेकिन यह भी कहा है कि पश्चिम दुनिया आइएसआइएस को खत्म करने के नाम पर सीरिया पर निर्मम तरीके से बमबारी कर रही है. पश्चिमी दुनिया ने इराक व अफगानिस्तान की घटनाओं से कुछ भी नहीं सिखा. पश्चिम एशिया में सता परिवर्तन व हस्तक्षेप की अमरीकी नीति का केंद्रीय कमिटी विरोध करती है और भारत सरकार से इस युद्ध अभियान से पूरी तरह अलग रहने की मांग करती है. भयानक भूकंप से उबर रहे नेपाल की अविवेकपूर्ण नाकेबंदी की भी केंद्रीय कमिटी ने निंदा की, जिसके चलते तेल और अन्य जरूरी सामान रोक दिये गए हैं। नेपाली गणतन्त्र को मधेसी लोगों के वास्तविक और लोकतान्त्रिा हितों को संबोधित करना चाहिए और भारत को तमाम तरह की दखलंदाजी और दबंगई हर हाल में बंद करनी चाहिए। असम-त्रिपुरा के गर्वनरों द्वारा दिए गए गैर जिम्मेवारा संविधान विरोधी बयान की तीखी भत्र्सना करते हुए केंद्रीय कमिटी ने इन लोगों को उनके पदों से हटाने की मांग की.

हरियाणा में दलित उत्पीड़न की घटना की निरंतरता में अब पंजाब में भी इस प्रकार की घटना सामने आयी है. दलित विरोधी बयान देने वाले केंद्रीय मंत्री वीके सिंह जैसे लोगों पर कार्रवाई न करने की वजह से ही ये घटनायें लगातार बढ़ रही हैं. हरियाणा के पंचायत चुनाव के संदर्भ में सुप्रीम कोर्ट का फैसला लोकतांत्रिक अधिकारों में कटौती है. केंद्रीय कमिटी ने इसकी निंदा की.बिहार में हाल के दिनों में बढ़ती अपराध की घटनायें चिंताजनक है. बिहार में पार्टी ने जेल में बंद माले विधायक काॅ. सत्यदेव राम, इनौस के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमरजीत कुशवाहा व मनोज मंजिल की रिहाई़; टाडा बंदियों की रिहाई, कोबरापोस्ट पर संझान लेने व रणवीर सरगनों को दंड देते हुए जनसंहार पीडि़तों के न्याय के सवाल पर हस्ताक्षर अभियान चलाने का निर्णय किया गया.

59 सदस्यों वाली केंद्रीय कमिटी की बैठक में देश के विभिन्न हिस्सों से वरिष्ठ माले नेताओं ने भाग लिया. माले महासचिव काॅ. दीपंकर भट्टाचार्य, पोलित ब्यूरो के सदस्य काॅ. स्वदेश भट्टाचार्य, बिहार राज्य के सचिव कुणाल, उत्तरप्रदेश के सचिव काॅ. रामजी राय, कविता कृष्णन, तमिलनाडु से कुमारस्वामी, वी शंकर, बांगर राव, उड़ीसा से युद्धिष्ठर महापात्रा, असम से रूबुल शर्मा, बंगाल से कार्तिक पाल, पार्थो घोष, राजस्थान से महेन्द्र चैधरी, दिल्ली से रवि राय, राजीव डिमरी, स्वप्न मुखर्जी, पंजाब से गुरूमीत सिंह, उत्तराखंड के राजा बहुगुणा, केडी यादव, रामेश्वर प्रसाद, राजाराम सिंह, मीना तिवारी, कृष्णा अधिकारी, प्रभात कुमार चैधरी, प्रतिमा इंगपी, सरोज चैबे, रामजतन शर्मा, नंदकिशोर प्रसाद आदि नेताओं ने भाग लिया.

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