पटना 17 दिसम्बर, बिहार में पांच और नये सरकारी मेडिकल कॉलेज खुलेगें। बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने आज यहां मुख्यमंत्री सचिवालय स्थित संवाद कक्ष में स्वास्थ्य विभाग की उच्चस्तरीय समीक्षा बैठक में इस आशय की घोषणा करते कहा कि राज्य में पहले से स्वीकृत एवं कार्यरत मेडिकल काॅलेजों के अलावे मेडिकल कॉउसिल ऑफ इंडिया (एम0सी0आ) के मानक के अनुरूप पांच नये मेडिकल काॅलेज खुलेंगे। इसके अलावा सभी मेडिकल काॅलेजों में नर्सिंग काॅलेज भी खोले जायेंगे। उन्होंने कहा कि राज्य के सभी अनुमण्डलों में ए0एन0एम0 स्कूल की स्थापना होगी। राज्य के सभी जिलों में जी0एन0एम0 स्कूल एवं पारा मेडिकल इन्स्टीच्यूट की स्थापना होगी। बैठक के बाद स्वास्थ्य विभाग के प्रधान सचिव आर0के0 महाजन ने बताया कि बैठक में मुख्यमंत्री ने निर्देश दिया कि पटना मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल (पी0एम0सी0एच), नालंदा मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल (एन0एम0सी0एच) एवं इंदिरा गांधी हृदय संस्थान (आई0जी0आई0सी) को अन्तर्राष्ट्रीय स्तर का अस्पताल बनाया जायेगा। सभी अत्याधुनिक चिकित्सा सुविधाओं से सुसज्जित होगे। राजधानी स्थित पीएमसीएच को ऐसा बनाया जायेगा कि असाध्य रोगों से ग्रसित मरीजों का इलाज अगर किसी भी अस्पताल में नहीं हो पाया हो तो उसका समुचित इलाज यहां हो सके।
श्री महाजन ने बताया कि बैठक में मुख्यमंत्री ने सभी अस्पतालों में निःशुल्क दवा का निर्बाध वितरण करने के साथ ही वितरण में हो रही बाधाओं को शीघ्र दूर करने का निर्देश दिया है। उन्होंने यह भी निर्देश दिया कि मरीजों के आधार कार्ड को संजीवनी साॅफ्टवेयर से लिंक किया जाये ताकि आंकड़ों की बेहतर समीक्षा हो सके। प्रधान सचिव ने बताया कि बैठक में मुख्यमंत्री ने यह भी निर्देश दिया कि सभी जिला अस्पतालों में चार शय्या वाले गहन चिकित्सा यूनिट को दस शय्या में परिवर्तित किया जाये। उन्होंने राज्य के प्रत्येक जिले के अतिरिक्त प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्रों में रेडियोलाॅजी एवं पैथोलाॅजी जांच की सुविधा मरीजों को प्रदान करने का निर्देश दिया। इस दौरान यह भी निर्देश दिया गया कि राज्य स्तर पर एक विशेष टीम का गठन किया जाये, जो डाॅक्टरों एवं पारा मेडिकल स्टाफों की उपस्थिति का औचक निरीक्षण करें और अनुपस्थित पाये जाने वाले डाॅक्टरों एवं पारा मेडिकल स्टाफों पर आवश्यक कार्रवाई हो। श्री महाजन ने बताया कि बैठक के दौरान मुख्यमंत्री ने यह भी निर्देश दिया कि जिन व्यक्तियों को शराब की लत लग चुकी है, उस लत को छुड़ाने के लिये हर जिला में एक-एक डी एडिक्शन सेन्टर की स्थापना होगी। एम्बुलेंस के परिचालन में आॅटो माॅनिटरिंग सिस्टम लगाने के साथ ही ग्लोबल पोजिशनिंग सिस्टम (जी0पी0एस) सिस्टम के माध्यम से मोबाइल परिचालन का माॅनिटरिंग करने का निर्णय लिया गया।
बैठक में मुख्यमंत्री ने प्रधान सचिव को कहा कि यदि दूरदराज एवं सुदूर ग्रामीण क्षेत्रों में चिकित्सकों की पोस्टिंग होती है, अगर उन्हें विशेष इंटेंसिव देने का कोई प्रस्ताव है तो सरकार के समक्ष प्रस्तुत किया जाये। उन्होंने यह भी निर्देश दिया कि शीघ्र हेल्थ इन्वेस्ट पाॅलिसी लागू की जाये, इस पाॅलिसी के लागू हो जाने से प्राइवेट सेक्टर भी स्वास्थ्य के क्षेत्र में निवेश कर सकेंगे। इस दौरान मुख्यमंत्री ने राज्य स्तर पर निरीक्षण दल का गठन करने का निर्देश दिया जो डाॅक्टरों की उपस्थिति, मरीजों का भोजन एवं अस्पताल के सफाई का औचक निरीक्षण करेंगे और दोषी चिकित्सकों एवं चिकित्सा कर्मियों के विरूद्ध आवश्यक कार्रवाई करेंगे। बैठक में मुख्यमंत्री अलावा राज्य के स्वास्थ्य मंत्री तेज प्रताप यादव, मुख्य सचिव अंजनी कुमार सिंह, विकास आयुक्त शिशिर सिन्हा, वित्त विभाग के प्रधान सचिव रवि मितल, मुख्यमंत्री के सचिव चंचल कुमार समेत सभी संबंधित पदाधिकारी उपस्थित थे।