नयी दिल्ली, 22 दिसंबर, दिल्ली एवं जिला क्रिकेट संघ(डीडीसीए) में वित्तीय अनियमितताओं के विवाद में घिरे वित्त मंत्री अरुण जेटली के बचाव में आये प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बयान को विपक्ष ने उनके (श्री जेटली) इस्तीफे का संकेत बताते हुये उन पर पद छोड़ने का दबाव बढ़ा दिया। विपक्ष ने भारतीय जनता पार्टी संसदीय दल की बैठक में श्री जेटली के बचाव में दिये गये श्री मोदी के बयान को हाथोंहाथ लेते हुये कहा कि उनका स्पष्ट संकेत है कि जिस तरह पार्टी के वरिष्ठ नेता लाल कृष्ण आडवाणी ने हवाला कांड में इस्तीफा दे दिया था और अदालत द्वारा क्लीन चिट मिलने तक चुनाव भी नहीं लड़ा था, श्री जेटली को उसका अनुसरण करना चाहिये। सूत्रों के अनुसार श्री मोदी ने बैठक में कहा कि जिस तरह पार्टी के वरिष्ठ नेता श्री आडवाणी हवाला कांड में बेदाग साबित होने के बाद निखरकर आये, उसी तरह श्री जेटली भी इस विवाद में बेदाग साबित होंगे। श्री मोदी ने कहा कि सरकार को बदनाम करने के लिए कांग्रेस इस मुद्दे को उठा रही है। कांग्रेस और मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी ( माकपा) ने कहा कि श्री जेटली को श्री मोदी का संकेत समझना चाहिये और उन्हें अपना पद छोड़ देना चाहिये।
माकपा के महासचिव सीताराम येचुरी ने कहा कि श्री मोदी ने यह कहकर कि श्री जेटली उसी तरह बेदाग साबित होंगे जैसे श्री लालकृष्ण आडवाणी हवाला मामले में निकले थे, उन्हें इस्तीफा देने का इशारा किया है लेकिन शायद वह प्रधानमंत्री का इशारा समझे नहीं हैं। उन्होंने कहा कि श्री आडवाणी ने हवाला कांड में नाम आने के बाद 1996 में लोकसभा की सदस्यता से इस्तीफा दे दिया था और अदालत से बेदाग साबित होने के बाद ही फिर चुनाव लड़ा था। इसी तरह प्रधानमंत्री ने श्री जेटली को भी इशारों में कहा है कि वह भी श्री आडवाणी की तरह इस्तीफा दें। राज्यसभा में कांग्रेस के नेता गुलाम नबी आजाद ने पार्टी की नियमित ब्रीफिंग में कहा कि श्री मोदी ने श्री आडवाणी की तरह श्री जेटली के बेदाग साबित होने की बात कही है। हम उन्हें ध्यान दिलाना चाहते हैं कि श्री आडवाणी ने आरोप लगने पर लोकसभा से इस्तीफा दे दिया था और बेदाग साबित होने तक चुनाव भी नहीं लड़ा था। डीडीसीए में घोटाले की जांच होने तथा यह मामला अदालत में पहुंच जाने के बाद श्री जेटली को अपना पद छोड़ देना चाहिये। मामले की निष्पक्ष जांच के लिए भी ऐसा जरूरी है।