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किरण रेड्डी ने तेलुगू स्वाभिमान के लिए नई पार्टी बनाई

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kiran kumar reddy
आंध्र प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री एन. किरण कुमार रेड्डी ने गुरुवार को नई राजनीतिक पार्टी बनाने की घोषणा की। उन्होंने 'तेलुगू लोगों का सम्मान और प्रतिष्ठा'बनाए रखने के लिए पार्टी गठित करने का फैसला लिया है। मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा देने के बाद से किरण रेड्डी के राजनीतिक भविष्य को लेकर अनुमान लगाए जा रहे थे। उन्होंने संवाददाताओं से कहा कि उनकी पार्टी का नाम और उसकी नीतियों एवं अन्य ब्योरों की घोषणा 12 मार्च को राजमंड्री में होने वाली आमसभा में की जाएगी।

सीमांध्र (रायलसीमा तटीय आंध्र) निवासी राज्य विभाजन के विरोधी रेड्डी ने संसद में आंध्र प्रदेश पुनर्गठन विधेयक पेश किए जाने के बाद 19 फरवरी को अपने पद से और कांग्रेस पार्टी से इस्तीफा दे दिया था और उसी समय नई पार्टी गठित करने का संकेत दिया था। किरण रेड्डी को कांग्रेस से निकाले गए छह सांसदों का समर्थन हासिल है। नई पार्टी की घोषणा के समय उनमें से तीन सांसद किरण रेड्डी के साथ मौजूद थे।

उन्होंने कहा कि कोई भी स्वाभिमानी तेलुगू कांग्रेस, भारतीय जनता पार्टी, तेलुगू देशम पार्टी और वाईएसआर कांग्रेस को प्रदेश विभाजन में उनकी भूमिका के कारण वोट नहीं दे सकता इसलिए उन्होंने नई पार्टी गठित करने का फैसला लिया ताकि लोगों को अपना मत देने का एक विकल्प मुहैया हो सके। किरण रेड्डी ने कहा कि उनकी पार्टी तेलुगुओं के अभिमान को बनाए रखने के लिए काम करेगी भले ही वे कहीं भी रहते हों।

तेलंगाना में प्रत्याशी उतारने के बारे में पूछे गए एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा, "हमारी पार्टी आंध्र प्रदेश भर में चुनाव लड़ेगी।"किरण रेड्डी ने तेलंगाना और सीमांध्र के फिर से एकजुट होने की उम्मीद जाहिर की। उन्होंने कहा, "जर्मनी के दो हिस्से दीवार ढहा कर एक हो गए। यहां तो कोई दीवार भी नहीं है।"किरण रेड्डी ने तेदेपा प्रमुख एन. चंद्रबाबू नायडू और वाईएसआर कांग्रेस नेता वाई. एस. जगन मोहन की कड़ी आलोचना की। उन्होंने कहा कि नायडू ने कभी भी बंटवारे का विरोध नहीं किया, जबकि जगनमोहन रेड्डी ने ऊपर से विरोध किया और भीतर ही भीतर समर्थन किया। 

25 नवंबर 2010 को किरण रेड्डी ने राज्य के 16वें मुख्यमंत्री के रूप में शपथ ली थी। जिस समय वे सत्तारूढ हुए थे, राज्य में तेलंगाना के पक्ष और विपक्ष में प्रदर्शन जोरों पर था और वाई. एस. जगनमोहन रेड्डी के विद्रोह के कारण कांग्रेस असहज स्थिति में थी। कांग्रेस ने के. रोसैया की जगह मुख्यमंत्री पद के लिए किरण रेड्डी का चयन किया। किरण रेड्डी उस समय विधानसभा के अध्यक्ष थे। हैदराबाद में जन्मे किरण रेड्डी चार बार विधयायक चुने गए हैं। मौजूदा विधानसभा में वे चित्तूर जिले के पिलेर का प्रतिनिधित्व करते हैं। यह क्षेत्र रायलसीमा में है। 

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