- ए॰आई॰एस॰एफ॰ द्वारा महिला सषक्तिकरण, वास्तविकता या भ्रम विषय पर सेमिनार आयोजित।
पटना:- आज आॅल इण्डिया स्टूडेन्ट्स फेडरेषन ( ।प्ैथ् ) द्वारा लंगरटोली मुहल्ले में सेमिनार अंतराष्ट्रीय महिला दिवस को समर्पित था। सेमिनार में उपस्थित छात्र-छात्राओं को संबोधित करते हुए ए॰आई॰एस॰एफ॰ की राज्य छात्रा संयोजक मिन्नू कुमारी ने कहा कि राजनीतिक के साथ यदि सामाजिक एवं आर्थिक बराबरी नहीं मिले तो सषक्तिकरण का कोई मतलब नहीं रह जाता है। महिला सषक्तिकरण के भले ही बड़े-बड़े दावे कर लिए जाए लेकिन वास्तविकता कुछ और ही है। उन्होंने कहा कि मानसिकता बिना बदले बड़े स्तर पर बदलाव नहीं संभव है। सषक्तिकरण का बड़े स्तर पर भ्रमजाल खड़ा किया जाता है। लेकिन वास्तविक तौर पर ऐसा नहीं है। जिला उपाध्यक्ष व राज्य परिषद मोनिका कुमारी ने कहा कि पहले की तुलना में यह सच है कि महिलाएँ सषक्त हुई है लेकिन उस सषक्तिकरण का क्या मतलब पचास फीसदी आरक्षण से लाभान्वित हुई निर्वाचित मुखिया या जिला पार्षदों के कार्य उनके पति संपादित करते हैं। हद तो जब हो जाती है जब एक महिला विधायक के साथ उसका पति अमानवीय व्यवहार करता है। आज भी लड़कियाँ घर-बाहर घरेलू हिंसा, छेड़खानी को झेलने को विवष हैं जिसके खिलाफ ए॰आई॰एस॰एफ॰ को संगठित अभियान चलाना होगा।
सेमिनार ए॰आई॰एस॰एफ॰ की नेत्री व बी॰डी॰ काॅलेज छात्र संघ की विष्वविद्यालय प्रतिनिधि अर्चना कुमारी की अध्यक्षता में संपन्न हुआ। इस दौरान ए॰आई॰एस॰एफ॰ के राज्य सचिव सुषील कुमार, राज्य सह सचिव पीयूष रंजन झा, जिला सचिव अकाष गौरव, महानगर सचिव सुषील उमाराज, उपाध्यक्ष किरण कुमारी, अनुराग कुमार, सह सचिव अषुतोष कुमार, जिला छात्रा सह संयोजक श्वेता सिंह, रौषन कुमार राजीव रंजन, साजन झा, पटना वि॰वि॰ सचिव मो॰ हदीष, आनन्द कुमार अनिल कुमार सिंह दर्जनों छात्र-छात्राओं ने भी अपने उदगार व्यक्त किए।