बीजेपी का 'चाय पर चर्चा'अभियान मुश्किल में फंसता नजर आ रहा है। यूपी के लखीमपुर से मिली शिकायत के बाद चुनाव आयोग ने मोदी ब्रांडिंग के लिए बांटी जा रही नमो टी पर रोक लगा दी है। चुनाव आयोग ने चाय पर चर्चा के दौरान फ्री बांटी जाने वाली नमो टी को रिश्वत और आदर्श आचार सहिंता का उल्लंघन माना है।
दरअसल, लखीमपुर में 'चाय पर चर्चा'के दौरान जमा हुए लोगों को फ्री में चाय बांटी गई थी। इस कार्यक्रम के खिलाफ चुनाव आयोग को शिकायत मिली। इसके बाद चुनाव आयोग ने इस कैंपेन पर रोक लगाने के लिए बीजेपी को निर्देश जारी कर दिए गए हैं। इस मामले में लखीमपुर के स्थानीय भाजपा नेताओं पर एफआईआर भी दर्ज कराई गई है। जबकि स्थानीय बीजेपी नेताओं का कहना है कि हमने कार्यक्रम की स्वीकृति के लिए स्थानीय प्रशासन को अर्जी सौंपी थी लेकिन इजाजत नहीं मिली।
बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष लक्ष्मीकांत बाजपाई का कहना है कि हमें अभी तक चुनाव आयोग का ऐसा कोई निर्देश नहीं मिला है। यदि इस तरह का कोई निर्देश मिलता है तो हम उसका अनुसरण करेंगे। वाजपेयी ने यह भी कहा कि कि आखिर चुनाव आयोग ने सपा की डिजिटल डायरी पर क्यों आंखे बंद कर रखी है जो सपा कार्यालय पर पत्रकारों को बांटी गयी है।
बीजेपी के प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार नरेन्द्र मोदी की ब्रांडिंग के लिए पार्टी ने चाय को भी बड़ा हथियार बनाया। जब विरोधी मोदी के स्टेशन पर चाय बेचने को मुद्दा बना रहे थे तब मोदी ने चाय को हथियार बनाया और लांच कर दी नमो टी। मोदी की रैलियों में मोदी टी स्टाल खूब चर्चा में रहे इसके अलावा रैलियों में चाय वालों स्पेशल निमंत्रण तक भेजा गया।
आम लोगों तक पहुंच बढ़ाने के लिए 'चाय पर चर्चा'का आईडिया भाजपा लाई। इसमें शहर के कई स्थानों पर चाय की दुकानों पर लोगों से विडियो कांफ्रेंसिंग के जरिये नरेन्द्र मोदी खुद चर्चा करते थे। इस दौरान लोगों को फ्री में नमो टी बांटी जाती है।