संकट में घिरे पूर्व पाकिस्तानी सैन्य शासक परवेज मुशर्रफ मंगलवार को विशेष अदालत में पेश नहीं हुए जो उनके खिलाफ राजद्रोह के मामले की सुनवाई कर रही है. सुनवाई के दौरान बड़ा ड्रामा हुआ जहां मुशर्रफ के खिलाफ वर्ष 2007 में आपातकाल लगाने के चलते आरोप तय होने थे.
जब मुशर्रफ के एक वकील राणा एजाज ने न्यायाधीशों को ‘भाड़े के हत्यारे’ कहा तब न्यायाधीशों की तीन सदस्यीय पीठ के प्रमुख न्यायमूर्ति फैजल अरब ने उन्हें अदालत कक्ष से बाहर चले जाने का आदेश दिया. सुनवाई के शुरू में मुशर्रफ के अन्य वकील अमहद रजा कसूरी ने गृह मंत्रालय के एक अधिकारी की ओर से लिखी गोपनीय चिट्ठी प्रस्तुत की जिसमें 70 वर्षीय पूर्व सैन्य प्रमुख पर संभावित आतंकवादी हमले की चेतावनी दी गयी है. उन्होंने कहा कि जब अदालत समन जारी करेगी, मुशर्रफ पेश होंगे. लेकिन यदि उनके मुवक्किल के साथ कुछ अनहोनी हो जाती है तो उसके लिए अदालत जिम्मेदार होगी. उन्होंने कहा कि इतिहास आपको जिम्मेदार ठहराएगा. इस पर न्यायमूर्ति ने कहा कि इतिहास खुद ही तय करेगा और उन्होंने वकील से अपनी पेशेवर सीमा नहीं पार करने को कहा.
सरकारी वकील अकरम शेख ने बचाव पक्ष के पास गोपनीय पत्र होने पर आश्चर्य प्रकट किया. उन्होंने कहा कि मुशर्रफ एक आजाद व्यक्ति हैं और अदालत को उन्हें हिरासत में लेने का आदेश जारी करना चाहिए ताकि सुरक्षा सरकार की जिम्मेदारी हो सके.