समाजसेवी अन्ना हजारे और पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी दिल्ली के रामलीला मैदान में बुधवार को विपक्षी नेताओं पर तीखा हमला करते हुए चुनावी शंखनाद करेंगे। संभावना है कि बुधवार को पार्टी दिल्ली के उम्मीदवारों का नाम भी जारी कर सकती है।
रामलीला मैदान में आयोजित होने वाली इस रैली के जरिए दोनों हस्तियां चुनावी बिगुल फूंकेगी और दिल्ली की सातों सीटों की प्रत्याशियों की सूची भी जारी हो सकती है। रैली में दोनों नेताओं के अलावा किसान नेता रिषिपाल अंबावत, अजमेर दरगाह के सूफी जिलानी, पूर्व सांसद संतोष भारतीय, श्याम पठारे, विनायक पाटिल के अलावा पश्चिम बंगाल के कई आला नेता एवं मंत्री भी शिरकत करेंगे।
पार्टी के राज्य सभा सांसद सुखेंदु शेखर राय का कहना है कि दिल्ली की सातों सीटों से लगभग 300 लोगों ने टिकट के लिए आवेदन किया है। इनमें सामाजिक कार्यकत्र्ता, डॉक्टर्स, वकील, सेवानिवृत जज सहित अनेक लोग शामिल हैं। संभावना जताई जा रही है कि आम आदमी पार्टी के बागी विधायक विनोद कुमार बिन्नी तृणमूल कांग्रेस के टिकट पर लोकसभा चुनाव लड़ सकते हैं। पार्टी ने लोकसभा चुनाव के मद्देजर तृणमूल कांग्रेस के कार्यकत्र्ताओं ने अब तक दिल्ली के विभिन्न इलाकों में 53 कार्यालय खोले हैं। पार्टी चुनाव में डोर-टू-डोर चुनाव प्रचार करेगी।
कभी अरविंद केजरीवाल के साथ मिलकर जनलोकपाल बिल के लिए आंदोलन चलाने वाले अन्ना हजारे ने पहले घोषणा की थी कि वे चुनाव में किसी दल का समर्थन नहीं करेंगे और इसी आधार पर उन्होंने दूरी बना ली थी। बाद में अन्ना ने घोषणा की कि वे किसी पार्टी के बजाय जनता के उम्मीदवार यानी निर्दलीयों का समर्थन कर उन्हें संसद भेजेंगे और परिवर्तन लाने की कोशिश करेंगे। परंतु हाल ही में उन्होंने पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के समर्थन की घोषणा कर डाली। यहां तक कि बार-बार राजनीति से दूर रहने की बात कहने वाले अन्ना बाकायदा ममता बनर्जी का प्रचार करने जा रहे हैं। गौरतलब है कि अरविंद से दूरी बनाने के पीछे अन्ना का मुख्य तर्क यही रहा है कि वे राजनीति में आ गए हैं।
हालांकि, दिल्ली विधानसभा चुनाव का परिणाम आने के बाद उन्होंने इस बात का अफसोस भी जताया था कि 'यदि मैं सपोर्ट करता तो अरविंद केजरीवाल पूर्ण बहुमत से सरकार बनाता।'