दिल्ली में 16 दिसंबर, 2012 को चलती बस में एक युवती के साथ हुए सामूहिक दुष्कर्म मामले में दोषी ठहराए गए चार अभियुक्तों के मृत्युदंड की पुष्टि और उनके अपील पर दिल्ली उच्च न्यायालय गुरुवार को फैसला सुनाएगा। न्यायमूर्ति रेवा खेत्रपाल और न्यायमूर्ति प्रतिभा रानी की खंडपीठ गुरुवार अपराह्न् फैसला सुनाएगी।
राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में 23 वर्षीया फीजियोथेरेपिस्ट इंटर्न के साथ छह लोगों ने चलती बस में सामूहिक दुष्कर्म किया था और उसे बेहरमी से पीटा था। आरोपी युवती और उसके मित्र को दिसंबर की कड़कड़ाती ठंड वाली रात में नग्नावस्था में सड़क किनारे फेंककर चले गए थे।
पीड़ित युवती को आंत में गंभीर चोटे आई थीं और 29 दिसंबर को सिंगापुर के माउंट एलिजाबेथ हॉस्पीटल में उसकी मौत हो गई थी, जहां उसे विशेष उपचार के लिए भेजा गया था। आरोपियों में से एक ने दिल्ली के तिहाड़ जेल में आत्महत्या कर ली थी। जबकि, मामले के नाबालिग आरोपी को जुवेनाइल जस्टिस बोर्ड ने 31 अगस्त 2013 को तीन साल के लिए सुधार गृह भेज दिया था।
निचली अदालत ने 13 सितंबर, 2013 को मामले के बाकी चार आरोपियों मुकेश (26), अक्षय ठाकुर (28), पवन गुप्ता (19) और विनय शर्मा (20) को मौत की सजा सुनाई थी और पुष्टि के लिए मामला उच्च न्यायलय को सौंपा था।