अमेरिकी अदालत की ओर से वरिष्ठ राजनयिक देवयानी खोबरागडे के खिलाफ वीजा धोखाधड़ी आरोपों को खत्म किये जाने का भारत ने स्वागत किया है. राजनयिक की गिरफ्तारी और कपड़े उतरवाकर उनकी तलाशी लेने के बाद दोनों देशों के बीच विवाद उत्पन्न हो गया था. विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने कहा, नौ जनवरी के आरोपों के संबंध में हमने फैसला देखा है. यह फैसला स्वागतयोग्य है. उन्होंने कहा कि वकील इस पर सावधानीपूर्वक गौर करेंगे और पूरा विवरण देखने के बाद ही हम इस पर ज्यादा कुछ कह पायेंगे.
शिरा ने अमेरिका और भारत के बीच इस मामले को लेकर महीनों से चला आ रहा राजनयिक तनाव समाप्त करते हुए कहा, राजनयिक छूट मिलने के आधार पर अभियोग खारिज करने की देवयानी की याचिका स्वीकार की जाती है. देवयानी की जमानत की शर्तों को खत्म किया जाता है और उनके मुचलके को मुक्त किया जाता है. यह आदेश दिया जाता है कि इस अभियोग के आधार पर दिये गये गिरफ्तारी के वारंट रद्द किये जायें. उन्होंने याचिका एवं मामले की सुनवाई बंद करने का आदेश देते हुए कहा, अदालत में अभियोग लाये जाने के तुरंत बाद देवयानी नौ जनवरी को अपने वकील के माध्यम से अदालत में पेश हुईं और मामला खारिज करने की याचिका दी.
चूंकि अदालत के पास उस समय और अभियोग लाये जाने के समय देवयानी को लेकर न्यायाधिकार नहीं था, इसलिए उनकी याचिका मंजूर की जानी चाहिए.अमेरिकी अटार्नी प्रीत भराड़ा के कार्यालय ने दलील दी थी कि 39 वर्षीय देवयानी को वीजा धोखाधड़ी और अपनी नौकरानी संगीता रिचर्ड के वीजा आवेदन को लेकर गलत जानकारी देने के आरोपों को लेकर 12 दिसंबर को गिरफ्तार किये जाने से छूट प्राप्त नहीं थी. भराड़ा ने कहा था कि अभियोग खारिज नहीं किया चाहिए क्योंकि देवयानी ने उप महावाणिज्य दूत होने के तहत संगीता को नौकरानी के रुप में काम पर नहीं रखा था, इसलिए दिसंबर में वह जिन अपराधों के लिए गिरफ्तार की गयीं, उनके लिए उन्हें अभियोग से छूट प्राप्त नहीं है.
भराड़ा के कार्यालय ने अदालत के आदेश पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा कि न्यायाधीश ने उन्हें देवयानी के खिलाफ नये अभियोग के साथ आगे बढ़ने से रोका नहीं है. देवयानी को भारत रवाना होने के बाद अमेरिका में राजनयिक छूट प्राप्त नहीं है और वह ताजा अभियोग के साथ तदनुसार कार्यवाही करेंगे.शिरा ने कहा, यदि देवयानी को गिरफ्तारी के समय या अब भी छूट नहीं हासिल है, तब भी अदालत की कार्यवाहियों के लंबित होने के दौरान उनके राजनयिक छूट हासिल करने से अभियोग खारिज होता है. उन्होंने आदेश दिया कि सरकार उस समय लाये गये अभियोग पर कार्यवाही नहीं कर सकती जब देवयानी को अदालत के न्यायाधिकार से छूट प्राप्त थी. न्यायाधीश ने कहा, देवयानी मानती हैं कि अभियोजन अब इस समय या भविष्य में किसी भी समय नया अभियोग लाने के लिए स्पष्ट रुप से समर्थ है क्योंकि अब उनके पास राजनयिक दर्जा या छूट नहीं है. भराड़ा के कार्यालय ने कहा कि जिला अदालत ने पाया कि जब मौजूदा अभियोग लाया गया था तब देवयानी को आठ जनवरी से नौ जनवरी के सीमित समय के दौरान छूट प्राप्त थी.
न्यूयार्क के सदर्न डिस्ट्रक्टि में अमेरिकी अटार्नी के कार्यालय में मुख्य जन सूचना अधिकारी जेम्स मार्गोलिन ने कहा, अदालत ने अपने आदेश में संकेत दिया है कि देवयानी खोबरागड़े ने माना है कि कथित आपराधिक आचरण के लिए उनके खिलाफ नए अभियोग को लेकर कोई रोक नहीं है और हमारा तदनुसार आगे बढ़ने का इरादा है.