भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार नरेंद्र मोदी के वाराणसी संसदीय सीट से लोकसभा चुनाव लड़ने में अभी संशय बना हुआ है, लेकिन उनके खिलाफ चुनाव लड़ने वालों की फेहरिस्त लंबी होती जा रही है। पूर्वाचल का माफिया डॉन अब मोदी के खिलाफ चुनाव लड़ने की तैयारी कर रहा है। कौमी एकता दल के अध्यक्ष अफजाल अंसारी की मानें तो उनके छोटे भाई और निर्दलीय बाहुबली विधायक मुख्तार अंसारी का वाराणसी सीट से लड़ना तय है।
अंसारी ने बताया कि नरेंद्र मोदी के यहां से चुनाव लड़ने की खबरों के बाद ही यह फैसला लिया गया कि मुख्तार अंसारी वाराणसी से चुनाव लड़ेंगे।ज्ञात हो कि मुख्तार वर्ष 2009 में हुए लोकसभा चुनाव में भी वाराणसी से मुरली मनोहर जोशी के खिलाफ चुनाव लड़े थे, लेकिन कांटे की टक्कर में वह जोशी से लगभग 20 हजार मतों से पराजित हो गए थे। कौमी एकता दल की ओर से पहले जो सूची जारी की गई थी, उसके मुताबिक मुख्तार को घोंसी से टिकट दिया गया था और उनकी पत्नी अफशां बेगम वाराणसी से चुनाव लड़ने वाली थीं, लेकिन मोदी का नाम सामने आने के बाद पार्टी ने अपने निर्णय में परिवर्तन किया है।
वाराणसी में आयोजित एक कार्यक्रम के दौरान अफजाल अंसारी ने सीधे तौर पर नरेंद्र मोदी को चुनौती दी। उन्होंने कहा कि मोदी के कार्यकर्ताओं में कौमी एकता दल से मुकाबला करने का दम नहीं है। मोदी अगर वाराणसी से लड़ेंगे तो उन्हें मुख्तार अंसारी का सामना करना पड़ेगा। उन्होंने कहा कि मुख्तार ने पिछली बार जिस प्रकार से जोशी की हवा खराब कर दी थी उससे भी कहीं ज्यादा जुझारू तरीके से इस बार वह लड़ेंगे। वाराणसी की जनता मुख्तार अंसारी को अच्छे तरीके से जानती है और चुनाव में वह उनका साथ जरूर देगी।
कौमी एकता दल के सूत्रों के मुताबिक, मुख्तार को वाराणसी से लड़ाने की पीछे पार्टी की मंशा कुछ और ही है। पार्टी को लगता है कि मुख्तार यदि मोदी के सीधे मुकाबले में रहेंगे तो मतों का ध्रुवीकरण तेजी से होगा और इसमें मुख्तार को फायदा मिल सकता है। सूत्रों ने यह भी बताया कि मुख्तार के मोदी के खिलाफ लड़ने से कई राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय मुस्लिम संगठनों की ओर से चंदे में अच्छी रकम आने की संभावना है। माना जा रहा है कि मोदी को हराने के लिए कई मुस्लिम संगठन मुख्तार के पक्ष में प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से समर्थन दे सकते हैं।
सूत्र यह भी बताते हैं कि मोदी के वाराणसी से लड़ने की सूरत में मुख्तार का करीबी और जरायम की दुनिया का बड़ा नाम मुन्ना बजरंगी भी मुख्तार की सहायता में उतर सकता है और अंदरखाने वह मुख्तार को धन और बाहुबल दोनों से मदद कर सकता है। पिछले दिनों मुख्तार और बजरंगी की पीजीआई अस्पताल में मुलाकात हो चुकी है। भाजपा ने यदि वाराणसी से मोदी को लड़ाने का फैसला किया तो अब तक के आम चुनावों में यह सबसे दिलचस्प मुकाबला होगा। आम चुनावों के इतिहास में ऐसा पहली बार होगा, जबकि प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार के खिलाफ किसी माफिया डॉन ने चुनाव लड़ा हो।