पाकिस्तान के पूर्व राष्ट्रपति परवेज मुशर्रफ के खिलाफ राजद्रोह के मामले की सुनवाई करने वाली तीन न्यायाधीशों वाली अदालत ने गुरुवार को कहा कि पहले दिए जा चुके निर्देश के मुताबिक पूर्व राष्ट्रपति के खिलाफ 14 मार्च को अभियोग लगाया जाएगा। डॉन ऑनलाइन के मुताबिक, विशेष अदालत के प्रमुख और सिंध उच्च न्यायालय के न्यायमूर्ति फैसल अरब ने कहा कि 14 मार्च को मुशर्रफ को अदालत में पेश करने का आदेश अभी तक अपरिवर्तित है।
मुशर्रफ के वकील अनवर मंसूर ने अदालत को बताया कि उनके मुवक्किल अभी भी स्वस्थ महसूस नहीं कर रहे हैं और किसी भी तरह से वे शुक्रवार तक स्वस्थ नहीं हो सकते। यह सुनने के बाद न्यायमूर्ति अरब ने कहा कि अदालत किसी को भी किसी मामले में दलील रखने से नहीं रोक सकती। यह उल्लेख करते हुए कि दलील रखना बचाव पक्ष के वकील का अधिकार है, उन्होंने कहा कि अदालत प्रक्रिया को नहीं रोक सकती है भले ही मंसूर महीने दो महीने तक अपनी दलीलें नहीं पेश करें।
मुशर्रफ को इससे पहले ही अभियोजित किया जाना था, लेकिन अदालत ने सुरक्षा कारणों से मार्च तक सुनवाई रोक दी थी। पूर्व सैनिक तानाशाह के खिलाफ 3 नवबर 2007 को देश पर आपातकाल थोपने के बाद उच्च स्तर की न्यायपालिका के न्यायाधीशों को हिरासत में लेने और संविधान को निलंबित करने का आरोप है। मुशर्रफ ने जिस समय आपातकाल लगाया था उस समय वे राष्ट्रपति थे।