केन्द्रीय अध्ययन दल के सदस्यों ने क्षतिग्रस्त फसलों को देखा
जिले में विगत दिनो हुई अतिवृृष्टि, ओलावृृष्टि से क्षतिग्रस्त हुई फसलों सहित अन्य हानियों का जायजा आज तीन सदस्यीय केन्द्रीय अध्ययन दल के द्वारा विदिशा एवं ग्यारसपुर जनपद पंचायत क्षेत्र के ग्रामों में पहुंचकर लिया गया। केन्द्रीय अध्ययन दल में तीन विभागों के संचालक शामिल थे दल का नेतृृत्व कृृषि मंत्रालय के संचालक श्री एम0एन0सिंह ने किया इसके अलावा जल संसाधन मंत्रालय के श्री मनोज तिवारी, ग्रामीण विकास मंत्रालय के श्री एस0पी0वशिष्ठ और उनके साथ भोपाल संभागायुक्त श्री सी0बी0सिंह, कलेक्टर श्री एम0बी0ओझा, जिला पंचायत के सीईओ श्री शशिभूषण सिंह तथा विदिशा एवं ग्यारसपुर के अनुविभागीय राजस्व अधिकारी, कृृषि विभाग और राजस्व विभाग के अधिकारी भी साथ मौजूद थे। केन्द्रीय अध्ययन दल के सदस्यों ने ग्राम वण्डवा में पहंुचकर पीडि़त कृृषक श्री रामचरण के खेत को देखा। इसी प्रकार ग्राम बोरीरामपुर में श्री बुन्देल सिंह के खेत को देखा, कृृषक बुन्देल सिंह ने बताया कि 27 फरवरी को अचानक ओलावृृृष्टि से भारी नुकसान हुआ है। ग्राम महुआखेड़ा के श्री शिवप्रताप सिंह ने बताया कि सरबती 306 बोई थी पूरी तरह नष्ट हो गई है यहां पर मूडरा की श्रीमती नर्बदाबाई ने मकान गिरने की जानकारी दल के सदस्यों को दी। ग्राम पालकी मेें कृृषक श्री मर्दन सिंह ने चने की फसल को बताया। इसके अलावा ग्राम की श्रीमती पम्मोबाई, श्रीमती पार्वतीबाई, श्रीमती शीतलबाई ने हुए अपने नुकसानों को बताया। केन्द्रीय अध्ययन दल के सदस्यों से अधिकांश पीडि़त कृृषकों ने आग्रह किया कि उनका कर्जा एवं बिजली बिल माफ किया जायंे और फसल बीमा, राहत राशि शीघ्र दिलाई जायें। साथ ही साथ आगामी फसल के खाद, बीज निःशुल्क उपलब्ध करायें जायें। दल का नेतृृत्व कर रहे कृृषि मंत्रालय के संचालक श्री सिंह ने पीडि़तों को आश्वस्त कराते हुए कहा कि हुए नुकसान और पीडि़तों की भावना से संबंधितों को अवगत कराया जायें ताकि नियमानुसार राहत राशि प्रदाय की जायें। इससे पहले दल के सदस्यों ने सिरोंज विकास खण्ड के ग्राम महू, रिछान, छापर और सोनाखेड़ी का भ्रमण कर ओलावृृष्टि, अतिवृृष्टि से हुए नुकसान का जायजा लिया।