मलेशिया के कुलालालंपुर से आठ मार्च को बीजिंग के लिए उड़ान भरने के एक घंटे बाद लापता हुए मलेशिया एअरलाइंस के विमान एमएच 370 की तलाश 10वें दिन सोमवार को भी जारी रही। विमान की खोज में 26 देशों से मदद मांगी गई है। विमान की तलाश अब मुख्यतया हिंद महासागर में दो प्रमुख हवाई गलियारों में की जा रही है, हालांकि अब तक इसके कोई संकेत नहीं मिले हैं। इस बीच मलेशिया के अधिकारियों ने कहा कि आखिरी बार विमान के सह पालयट ने नियंत्रण कक्ष में बात की थी। जांचकर्ता इस पहलू पर भी गौर कर रहे हैं कि कहीं विमान के लापता होने में चालक दल के सदस्यों का हाथ तो नहीं।
आस्ट्रेलिया के रक्षा मंत्री डेविड जान्सटन ने मलेशिया को तलाशी अभियान में हरसंभव मदद का आश्वासन देते हुए कहा कि उनका देश इस खोज अभियान में पूरी मदद करेगा। उन्होंने कहा कि अब खोज को हिंद महासागर के पूर्वी केंद्र में क्रेंद्रित किया गया है। आस्ट्रेलिया ने मलेशिया को इस तलाशी अभियान में दो अत्याधुनिक आरएएएफ पी-3सी ओरियन विमान मुहैया कराया है।
मलेशिया एअरलाइंस का विमान एमएच 370 कुआलालंपुर से 8 मार्च को 239 सवारों के साथ बीजिंग के लिए रवाना हुआ था। रास्ते में विमान रहस्यमय ढंग से लापता हो गया। माना जा रहा था कि बोइंग 777-200ईआर दक्षिण चीन सागर में वियतनाम समुद्र तट के समीप दुर्घटनाग्रस्त हो गया। विमान कुआलालंपुर से आधी रात बार 12:41 बजे उड़ान भरा था और बीजिंग में सुबह 6:30 बजे उसे उतरना था। विमान में सवार 227 यात्रियों में पांच भारतीय, 154 चीनी, 38 मलेशियाई शामिल थे।
विमान का संपर्क वायु नियंत्रण कक्ष से 1:40 बजे टूट गया। उस समय वह वियतनाम के हो ची मिन्ह वायु नियंत्रण कक्ष की सीमा में उड़ान भर रहा था। उल्लेखनीय है कि मलेशिया ने अमेरिका, चीन और फ्रांस सहित उपग्रह वाले अन्य देशों से उपग्रह आंकड़ा मुहैया कराने लिए कहा है। इसके अलावा कजाखस्तान, तुर्कमेनिस्तान, उज्बेकिस्तान, पाकिस्तान, बांग्लादेश, भारत, चीन, म्यांमार, लाओस, कंबोडिया, थाईलैंड और आस्ट्रेलिया से भी इस तलाशी में मदद मांगी है।