भाजपा ने बुधवार को वरिष्ठ पार्टी नेता लालकृष्ण आडवाणी की मध्य प्रदेश में भोपाल से लोकसभा चुनाव लड़ने की इच्छा को नहीं मानते हुए उन्हें गांधीनगर से ही चुनाव मैदान में उतारने का ऐलान कर दिया। आडवाणी की गुजरात की बजाय इस बार मध्यप्रदेश से चुनाव लड़ने की इच्छा को वरिष्ठ नेता और प्रधानमंत्री पद के पार्टी के उम्मीदवार नरेन्द्र मोदी के साथ उनके तल्ख होते रिश्तों के रूप में देखा जा रहा था।
मोदी स्वयं उत्तर प्रदेश की वाराणसी सीट के अलावा गुजरात की वडोदरा सीट से भी चुनाव लड़ेंगे। भाजपा की केंद्रीय चुनाव समिति की दिन भर चली बैठक में इस मसले पर गहन विचार विमर्श के बाद आडवाणी के संबंध में यह फैसला किया गया और इस बैठक से 86 वर्षीय आडवाणी यह कहते हुए गैर हाजिर रहे कि वह उनके निर्वाचन क्षेत्र से जुड़े मसले पर चल रहे विचार विमर्श का हिस्सा नहीं बनना चाहते थे।
आडवाणी ने पार्टी अध्यक्ष राजनाथ सिंह को संदेश भिजवा दिया था कि वह आगामी लोकसभा चुनाव गांधीनगर की बजाय भोपाल से लड़ना चाहते हैं। हालांकि गांधीनगर सीट का वह लोकसभा में पांच बार प्रतिनिधित्व कर चुके हैं। अभी यह स्पष्ट नहीं हो पाया है कि क्या आडवाणी ने पार्टी के फैसले पर सहमति जतायी है या नहीं। इस निर्णय के बाद देर रात सुषमा स्वराज और नितिन गडकरी आडवाणी से मिलने उनके आवास पर गए।