डेलावेयर स्टेट यूनिवर्सिटी में अंग्रेजी भाषा की सहायक भारतीय-अमेरिकी प्रोफेसर सुष्मिता रॉय को नेशनल एनडॉवमेंट फॉर ह्यूमनिटीज (एनईएच) अवार्ड के लिए चुना गया है।
रॉय को यह पुरस्कार उनकी नई किताब 'मदरिंग इंडिया'के लिए दिया जा रहा है, जो ब्रिटिश शासन के दौर (1757-1947) की महिला लेखकों के बारे में है। उन्हें पुरस्कार स्वरूप एक निश्चित राशि दी जाएगी, ताकि कुछ समय के लिए शिक्षण के पेशे से विराम लेकर वह अपनी किताब पूरी कर सकें।
यूनिवर्सिटी की वेबसाइट पर प्रसारित एक घोषणा के अनुसार, रॉय कुल 101 उम्मीदवारों में से चुने गए आठ लोगों में से एक हैं, जिन्हें इस प्रतिष्ठित पुरस्कार के लिए चुना गया है। एनईएच एक स्वतंत्र संघीय एजेंसी है, जो 1965 में गठित की गई थी। यह मानविकी कार्यक्रमों के लिए लोगों को पुरस्कृत करने वाली अमेरिका की सबसे बड़ी संस्थाओं में से एक है।
रॉय ने अंग्रेजी में एमफिल यूनिवर्सिटी ऑफ कलकत्ता से 2006 में किया और पीएचडी 2011 में ब्रिटेन की यूनिवर्सिटी ऑफ ब्रिस्टॉल से की। उनके शोध के विषयों में महिला लेखन, विश्व साहित्य, लिंग एवं साम्राज्यवाद आदि रहे हैं।