Quantcast
Channel: Live Aaryaavart (लाईव आर्यावर्त)
Viewing all articles
Browse latest Browse all 78528

16 लोकसभा क्षेत्रों में 5 लाख, वोटर नहीं कर सकेंगे वोटिंग

$
0
0
  • 6 मई को भारत के वली हिन्द ख्वाजा गरीब नवाज का है सालाना उर्स 
  • उर्स में मत्था टेकने व दोआ के जाते है जायरीन 
  • न सिर्फ मतदान प्रतिशत प्रभावित बल्कि किसी भी उम्मीदवार की जीत-हार का कारण बन सकता है 


election and minorities
भदोही। सूबे में मतदान तिथि घोषित होने के बाद एक-एक वोट हासिल करने के लिए विभिन्न दलों के प्रत्याशियों में घमासान मचा है। इसके लिए प्रत्याशी जाति-धर्म, निष्ठा व समर्पण की दुहाई दे रहे है। लेकिन अफसोस है कि उनके इस गुणा-गणित के बाद भी 07 मई को सूबे के 16 लोकसभा क्षेत्रों में होने वाले मतदान में करीब पांच लाख से भी अधिक मतदाता इस महापर्व में चाहकर भी शिरकत नहीं कर पायेंगे। वजह: 6 मई को भारत के वली हिन्द ख्वाजा गरीब नवाज मोहम्मद मोइनुद्दीन चिश्ती रहमतुल्लाहअैलह का सालाना उर्स है। ख्वाजा के उर्स में मत्था टेकने व दोआ के लिए सूबे से बड़ी संख्या में हिन्दू-मुस्लिम अपनी उपस्थिति दर्ज कराते है। जबकि इतनी बडी संख्या न सिर्फ मतदान प्रतिशत को प्रभावित कर सकता है, बल्कि किसी भी उम्मीदवार की जीत-हार का कारण बन सकता है। इसे लेकर प्रत्याशी काफी हलकान है। 

7 मई 2014 को यूपी के भदोही, अमेठी, सुल्तानपुर, फूलपुर, प्रतापगढ़, इलाहाबाद, कौशाम्बी, फैजाबाद, अम्बेडकरनगर, बहराइच, कैसरगंज, श्रावस्ती, गोंडा, बस्ती, संतकबीरनगर में मतदान होना है। इन इलाकों में करीब 2 करोड़ 62 लाख 50 हजार मतदाता है। इन जनपदों के ट्रवेल्स ऐजेंसियों की मानें तो औसतन हर जनपद से करीब 20-30 हजार लोग ख्वाजा के उर्स में हर साल जाते है। जाने वाले जायरीनों की बुकिंग शुरु हो चुकी है। खान ट्रवेल्स एजेंसी के मोहम्मद इदरीश खां का कहना है कि जायरीनों में बड़ी संख्या में हिन्दु व सुन्नी जमात के लोग ख्वाजा साहब के दरगाह पर जाते है। अकेले भदोही व पास-पड़ोस के ग्रामीण इलाके से 25-30 हजार जायरीन जाते है। इसमें कुछ ऐसे जायरीन होते है, जो किसी भी हाल में दरगाह जाना नहीं भूलते। दरगाह के लिए 26 व 27 अप्रैल से ही बस, जीप आदि बुकिंग के वाहनों का जाना शुरु हो जाता है। इस बार अब तक 6 हजार से अधिक लोगों की बुकिंग जनपद भदोही में हो चुका है। कुछ इसी तरह की बात अमेठी, सुल्तानपुर, फूलपुर, प्रतापगढ़, इलाहाबाद, कौशाम्बी, फैजाबाद, अम्बेडकरनगर, बहराइच, कैसरगंज, श्रावस्ती, गोंडा, बस्ती, संतकबीरनगर के ट्रवेल्स संचालकों ने बताई। उनका कहना है कि जो जायरीन चले जायेंगे, उनकी 7 मई को वापसी असंभव है। राजनीतिक विश्लेषक कपिलदेव कहते है कि बात पिछले चुनाव की जाय तो कई संसदीय क्षेत्र ऐसे थे जहां जीते प्रत्याशियों के प्रतिद्वंदी के मतो से हजार-दो हजार का ही अंतर रहा। ऐसे में इतनी बड़ी संख्या में जायरीनों का जाना निश्चित प्रत्याशियों के लिए सिरदर्द है।




सुरेश गांधी 
भदोही 


Viewing all articles
Browse latest Browse all 78528

Trending Articles



<script src="https://jsc.adskeeper.com/r/s/rssing.com.1596347.js" async> </script>