मलेशिया के प्रधानमंत्री नजीब रजाक ने सोमवार को कहा कि पिछले 17 दिनों से रहस्यमयी तरीके से लापता विमान ‘मलेशिया एयरलाइंस जेट’ सुदूरवर्ती दक्षिणी हिंद महासागर में दुर्घटनाग्रस्त हो गया और इसमें कोई जिंदा नहीं बचा। इस विमान में हादसे के वक्त पांच भारतीयों सहित 239 लोग सवार थे। इस बारे में यात्रियों के परिजनों को भी सूचना दे दी गई है।
रजाक ने विशेष रूप से बुलाए गए संवाददाता सम्मेलन में कहा, ‘काफी दुख के साथ आपको सूचित करना चाहता हूं कि नए डेटा के अनुसार, उड़ान एमएच 370 का दक्षिणी हिंद महासागर में अंत हो गया।’ मलेशियाई एयरलाइंस ने एक अलग से जारी बयान में हादसे के शिकार लोगों को श्रद्धांजलि दी।
आठ मार्च को लापता हुए बोइंग 777.200 के मलबे के बारे में अभी आधिकारिक रूप से कुछ नहीं कहा गया है। यह घोषणा दक्षिण हिंद महासागर में अंतरराष्ट्रीय खोज प्रयासों के पांचवें दिन की गई। आस्ट्रेलिया और चीन के विमानों ने पर्थ के पश्चिम में 2500 किलोमीटर की दूरी पर कई तैरती हुई वस्तुएं देखी थीं।
नजीब ने कहा कि वह मंगलवार को संवाददाता सम्मेलन बुलाएंगे। इस दौरान विमान के बारे में ज्यादा जानकारियां दिये जाने की संभावना है। नजीब ने कहा कि ब्रिटिश उपग्रह कंपनी की ओर से मुहैया कराई गई सूचना के आधार पर हम इस निष्कर्ष पर पहुंचे हैं कि विमान दक्षिणी कोरिडोर की ओर उड़ा था और उसका आखिरी स्थान दक्षिणी हिंद महासागर के मध्य में था। उन्होंने कहा कि यह सुदूरवर्ती स्थान है और जमीन पर विमान के उतरने के संभावित स्थल से दूर है।
उन्होंने कहा कि मलेशिया एयरलाइंस के अधिकारियों ने यात्रियों के परिजनों से बात की है और उन्हें नई बातों से अवगत कराया है। मलेशियाई प्रधानमंत्री द्वारा बयान जारी करने से पहले कई परिजनों को लिखित संदेश से इस बारे मे जानकारी दी गई।
मलेशिया एयरलाइंस के विमान बोइंग 777-200 ने बीते आठ मार्च को उड़ान भरी थी और इसके कुछ देर बाद यह लापता हो गया था। इसमें पांच भारतीय नागरिकों सहित 239 लोग सवार थे। इस बीच, आस्ट्रेलियाई पोत ने दक्षिण हिंद महासागर में मौजूद वस्तुओं को एकत्रित करने का प्रयास किया।
आस्ट्रेलियाई प्रधानमंत्री टोनी एबोट ने कहा कि दो वस्तुओं में पहली हरी या भूरे रंग की वृत्तीय आकार की जबकि दूसरी नारंगी और चौकोर है जिसका पता इस क्षेत्र में एक आस्ट्रेलियाई पी3 ओरियन विमान ने लगाया। चीन के एक इल्युशिन 76 विमान ने इसी क्षेत्र में ‘‘सफेद और वर्गाकार’’ वस्तुएं देखने की बात कही थी। (एजेंसी)