अपने कार्यकाल पर लगातार प्रहार करती रही भाजपा पर पलटवार करते हुए प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने बुधवार को कहा कि विपक्षी पार्टी सोचती रही कि वह कमजोर हैं और निशाना बनाने पर भाग जाएंगे पर उन्होंने उन्हें गलत साबित कर दिया। कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी और कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी द्वारा सिंह के 10 साल के कार्यकाल की जमकर तारीफ किए जाने के बीच सिंह ने कहा कि एनडीए शासनकाल के मुकाबले यूपीए शासनकाल में देश की आर्थिक वृद्धि की रफ्तार कहीं ज्यादा तेज रही है।
भाजपा द्वारा बार-बार कमजोर बताए जाने और अपने शासनकाल के दौरान भ्रष्टाचार के आरोपों से जुड़े सवाल के जवाब में सिंह ने कहा कि भाजपा ने मुझ पर इसलिए हमले किए क्योंकि उसका मानना था कि मैं एक कमजोर प्रधानमंत्री हूं और लगातार आलोचना होने पर मैं अपनी उस जिम्मेदारी से भाग जाउंगा जो कांग्रेस की तरफ से मुझे सौंपी गई थी।
प्रधानमंत्री ने कहा कि मेरा मानना है कि मैंने उन्हें गलत साबित कर दिया है और इसलिए किसी के लिए यह यकीन करने की कोई वजह नहीं है कि भाजपा के आरोपों में दम था। भ्रष्टाचार के मुद्दे पर प्रधानमंत्री ने कहा कि उसे जन्म देने वाले सभी कारकों से निपटने के लिए हरसंभव कदम उठाने होंगे। उन्होंने कहा कि एक ऐसा खाका तैयार करने के लिए कांग्रेस पार्टी ने अपने अधिकारों के तहत हरसंभव कदम उठाए जिसमें ऐसा संस्थागत ढांचा बनाया जाए कि भ्रष्टाचार अतीत की बात हो जाए।
प्रधानमंत्री ने कहा कि उन्हें यकीन है कि अगली कांग्रेस सरकार भ्रष्टाचार से निपटने में पूरी तरह सक्षम होगी। उन्होंने कहा कि हम उन कठिनाइयों से उबरेंगे और कांग्रेस की ऐसी सरकार होगी जो हमारे लोगों की आवश्यकताओं एवं आकांक्षाओं के उत्तर देगी। यह पूछे जाने पर कि कांग्रेस की तरफ से प्रधानमंत्री पद का उम्मीदवार कौन होगा, सोनिया गांधी ने कहा कि नवनिर्वाचित संसदीय पार्टी अपने नेता का चुनाव करेगी और यह बात राहुल गांधी भी कह चुके हैं।
साल 2009 के लोकसभा चुनाव के समय कांग्रेस का घोषणा-पत्र जारी करते हुए सोनिया ने संकेत दिए थे कि पार्टी के प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार मनमोहन सिंह होंगे। दरअसल पार्टी के घोषणा पत्र के मुख पृष्ठ पर सिंह की तस्वीर थी जिससे यह संकेत मिला था कि वह प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार होंगे। साल 2014 के घोषणा—पत्र के मुख पृष्ठ पर राहुल गांधी की बड़ी तस्वीर छपी है जबकि सोनिया और मनमोहन की तस्वीरें अपेक्षाकृत छोटी हैं।
घोषणा पत्र जारी करने के लिए आयोजित कार्यक्रम में सोनिया और राहुल ने सिंह की भूरि-भूरि प्रशंसा की। सिंह के कार्यकाल की प्रशंसा करते हुए सोनिया ने कहा कि यूपीए के 10 साल के शासनकाल के दौरान बड़े सामाजिक बदलाव और आर्थिक विकास हुए और इस दौरान कमजोर तबकों एवं गरीबों के लिए अवसरों के दरवाजे खोले गए।
कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा कि संसद ने ऐसे कानून पारित किए जिनके दूरगामी परिणाम होंगे और सिंह के नेतृत्व में पंचायती राज संस्थाओं को नए अधिकार मिले। सोनिया ने कहा कि यदि कांग्रेस की सत्ता में वापसी हुई तो इससे वृद्धि दर पहले से ज्यादा तेज होगी।
प्रधानमंत्री को काफी बुद्धिमान व्यक्ति करार देते हुए राहुल ने कहा कि ज्यादातर मुद्दों पर वह उनसे सहमत रहते हैं। राहुल से पूछा गया था कि क्या वह सिंह के इस बयान से सहमत हैं कि नरेंद्र मोदी देश के लिए विनाशकारी साबित होंगे।
सोनिया द्वारा घोषणा पत्र जारी करने से पहले एक लघु फिल्म दिखाकर बताया गया कि राहुल ने किस तरह घोषणा पत्र के लिए विभिन्न तबकों की प्रतिक्रिया हासिल की। फिल्म में बताया गया कि 27 जगहों पर 10,000 लोगों से बातचीत कर 100 सुझावों को घोषणा पत्र में शामिल किया गया है। कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा कि घोषणा पत्र में जिन सुझावों को शामिल नहीं किया जा सका, उन्हें अलग से प्रकाशित किया जाएगा। वरिष्ठ नेता एके एंटनी ने घोषणा पत्र तैयार करने में एक नया रुख अपनाने का श्रेय राहुल को दिया। एंटनी ने कहा कि राहुल का मानना रहा है कि घोषणा पत्र में भारत की जनता की आवाज और उनकी आकांक्षाएं झलकनी चाहिए। सोनिया और राहुल ने दावा किया कि यूपीए सरकार ने वे सभी वादे पूरे किए हैं जो 2009 के घोषणा पत्र में कांग्रेस द्वारा किए गए थे।