सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि आईपीएल में स्पॉट फिक्सिंग मामले की जांच और सुनवाई पूरी होने तक राजस्थान रॉयल्स और चेन्नै सुपर किंग्स की टीमों को इस लीग में हिस्सा नहीं लेना चाहिए। साथ ही कोर्ट ने सुझाव दिया है कि पूर्व क्रिकेटर सुनील गावसकर या ऐसे ही किसी अनुभवी खिलाड़ी को जांच पूरी होने तक बोर्ड का काम देखना चाहिए। कोर्ट ने ये बातें स्पॉट फिक्सिंग मामले की सुनवाई के दौरान कहीं।
कोर्ट बीसीसीआई के उस प्रस्ताव पर अपने सुझाव दे रहा था कि जांच पूरी होने तक बीसीसीआई की कमान वर्तमान अध्यक्ष एन. श्रीनिवासन की जगह कोई और संभाले। कोर्ट ने कई नामों पर विचार के दौरान पूर्व भारतीय कप्तान सुनील गावसकर का नाम सुझाया। कोर्ट ने बीसीसीआई से इस बारे में शुक्रवार को जवाब मांगा है।
सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ता के वकील की ओर से टीम इंडिया के कप्तान महेंद्र सिंह धोनी पर भी आरोप लगाए गए। वकील ने कहा कि धोनी गलत व्यवहार के दोषी हैं। उन्होंने कहा कि धोनी ने गलत आचरण के साथ-साथ मुद्गल पैनल के सामने झूठ भी बोला। वकील ने कहा कि धोनी इंडिया सीमेंट्स के उपाध्यक्ष भी हैं, ऐसे में उनके खिलाफ हितों के टकराव (कॉन्फ्लिक्ट ऑफ इंटेरेस्ट) का मामला बनता है। उन्होंने जांच पूरी होने तक चेन्नै सुपर किंग्स को सस्पेंड करने की भी मांग रखी है।
इससे पहले, गुरुवार को मामले की सुनवाई के दौरान बीसीसीआई ने सुप्रीम कोर्ट में एक प्रस्ताव जमा किया। बीसीसीआई ने इस प्रस्ताव में कोर्ट को भरोसा दिलाया कि वह मुद्गल पैनल की रिपोर्ट में जिनका भी नाम आया है, उनके खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई करेगा। कोर्ट ने मामले की जांच के लिए मुद्गल कमिटी बनाई थी। बीसीसीआई ने यह भी कहा है कि वह किसी अथॉरिटी द्वारा मामले की जांच के लिए तैयार हैं। प्रस्ताव में बीसीसीआई अध्यक्ष एन. श्रीनिवासन आईपीएल में स्पॉट फिक्सिंग मामले की जांच पूरी होने तक पद से हट सकते हैं। हालांकि, श्रीनिवासन ने पूरी तरह पद छोड़ने से इनकार किया है। बीसीसीआई ने सुप्रीम कोर्ट को दोषियों के खिलाफ कार्रवाई का भरोसा दिलाया है।
बीसीसीआई के प्रपोजल पर सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि सोच-समझकर क्रिकेट के हित फैसला किया जाएगा। इससे पहले मंगलवार को सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि बीसीसीआई प्रेजिडेंट एन. श्रीनिवासन पद से हटें या उन्हें इसके लिए अदालत मजबूर करेगी। कोर्ट ने कहा था कि श्रीनिवासन के हटने से ही पिछले साल आईपीएल बेटिंग स्कैंडल की निष्पक्ष जांच हो सकेगी।
सुप्रीम कोर्ट ने श्रीनिवासन को पद छोड़ने के लिए 2 दिन का समय दिया था। कोर्ट ने कहा था कि बीसीसीआई में श्रीनिवासन के रहने से फिक्सिंग मामले की जांच पर असर पड़ सकता है। कोर्ट ने जांच के लिए मुद्गल कमिटी बनाई थी, जिसने अपनी रिपोर्ट में श्रीनिवासन के दामाद गुरुनाथ मयप्पन को दोषी बताया है।