नक्सली संगठन के प्रवक्ता गुड्सा उसेंडी ने मंगलवार की शाम एसआईबी हैदरबाद के सामने अपनी पत्नी के साथ समर्पण कर दिया है। पत्नी का नाम रज्जी बताया जा रहा है। गुड्सा उसेंडी पिछले पंद्रह सालों से नक्सलियों के साथ काम कर रहा था। वह नक्सलियों के बड़े नेताओं में शामिल था। आंध्रप्रदेश के खम्मम एसपी ने गुड्सा के सरेंडर करने की पुष्टि की है।
आंध्रप्रदेश पुलिस ने गुड्सा पर 20 लाख का इनाम भी रखा था। बताते चलें कि नक्सलियों की तरफ से आने वाले सभी प्रेस नोट गुड्सा उसेंडी के नाम से ही आते थे। पिछले साल मई में कांग्रेसी नेताओं पर हुए नक्सली हमले की जिम्मेदारी भी गुड्सा ने प्रेस नोट के ज़रिये ली थी।
बताया जा रहा है कि गुड्सा कई बड़ी वारदातों में मास्टरमाइंड था, यह वो कड़ी था जो शहरी नेटवर्क से जानकारी निकाल के नक्सलियों को देता था और प्लानिंग करता था। यही नहीं अपने भाषणों के जरिये यह नक्सलियों में जोश भरने का काम भी करता था। गुड्सा की पत्नी रज्जी छत्तीसगढ़ में कमांडर रैंक पर काम करती थी। बताया जा रहा है कि गुड्सा उसेंडी को गुरिल्ला युद्ध और अत्याधुनिक हथियार चलाने में महारथ हासिल है। छत्तीसगढ़ में हुए लगभग सभी बड़े नक्सली हमले में गुड्सा किसी न किसी रूप में शामिल रहा है।
गुड्सा पिछले पंद्रह सालों से नक्सलियों के प्रवक्ता के रूप में काम कर रहा था और इस दौरान छत्तीसगढ़, उड़ीसा, महाराष्ट्र और आंध्र प्रदेश में नक्सलियों द्वारा अंजाम दी गई हर बड़ी वारदात की जिम्मेदारी गुड्सा ने प्रवक्ता के तौर पर ली है। गुड्सा के सरेंडर करने से कई अहम् खुलासे होने की उम्मीद है। अभी तक उसके समर्पण करने की वजह के बारे में पुलिस की तरफ से कोई जानकारी नहीं मिली है।
अब तक पुलिस के पास यह जानकारी थी कि गुड्सा उसेंडी माओवादियों के प्रवक्ता का एक पद है जिसके नाम से नक्सली अपने सभी प्रेस नोट्स मीडिया को भेजते हैं। पिछले कुछ समय में नक्सली कैंप में अहम् पदों पर काम करने वाले कैडेट्स ने समर्पण किया है। पिछले दिनों छत्तीसगढ़ में हुए विधानसभा चुनाव का बहिष्कार करने के लिए नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में नक्सलियों ने पर्चे बांटे थे, ये पर्चे भी गुड्सा उसेंडी के नाम से ही छपे थे।