तेलगू और हिंदी भाषा के प्रख्यात कवि व लेखक प्रोफेसर वाई. लक्ष्मी प्रसाद ने शुक्रवार को केंद्रीय हिंदी संस्थान (सीएचआई) के उपाध्यक्ष का पदभार ग्रहण किया। सीएचआई केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्रालय की शैक्षणिक शाखा है। प्रसाद हैदराबाद से ताल्लुक रखते हैं। उन्होंने हिंदी के प्रसिद्ध कवि अशोक चक्रधर का स्थान लिया है। उनका कहना है कि दक्षिण भारत में हिंदी का कोई विरोध नहीं है, बल्कि कई लोग अब हिंदी में बात करते हैं और हिंदी भाषी लोगों की संख्या तेजी से बढ़ रही है। उन्होंने हालांकि उत्तर भारत की पाठ्य-पुस्तकों में दक्षिण भारत के बारे में जानकारी की कमी पर चिंता जताई।
उन्होंने यह संकल्प लिया है कि वह उत्तर भारतीय छात्रों को हैदराबाद व मैसूर के केंद्र भेज कर और दक्षिण के छात्रों को आगरा के मुख्यालय आमंत्रित कर उत्तर तथा दक्षिण के बीच की संवादहीनता को दूर करने की कोशिश करेंगे। वहीं, चक्रधर मानते हैं कि हिंदी भाषा को इसके सरलीकरण, फिल्म व मास मीडिया के तहत इसके प्रचार तथा नई तकनीक के साथ जोड़ कर लोकप्रिय बनाया जा सकता है। उन्होंने कहा, "नई तकनीक के इस्तेमाल और हिंदी के उदार होने की वजह से इसमें चीनी भाषा को भी मात देने की क्षमता है।"
आगरा स्थित सीएचआई की मैसूर, गुवाहाटी और हैदराबाद में शाखाएं हैं। यह केंद्रीय संस्थान है जो भाषागत मानक स्थापित करता है। यहां चीन सहित अन्य देशों के कई छात्र प्रशिक्षण के लिए आते हैं।