बिहार में सतारूढ़ जनता दल (युनाइटेड) द्वारा लोकसभा चुनाव को लेकर शनिवार को चुनावी घोषणापत्र जारी किया गया। जद (यू) के राष्ट्रीय अध्यक्ष शरद यादव ने घोषणापत्र जारी करते हुए इसे वाजिब बताया, जबकि बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने घोषणापत्र में वैकल्पिक दृष्टिकोण रखने की बात कही। घोषणापत्र के विषय में पत्रकारों को जानकारी देते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि इसमें मुख्य रूप से अच्छी शासन व्यवस्था, समावेशी विकास, सांप्रदयिक सौहार्द, केंद्र-राज्य संबंध सहित कई बातों की चर्चा की गई है।
उन्होंने कहा कि घोषणापत्र में बिहार की तरह राष्ट्रीय स्तर पर महिलाओं को 50 प्रतिशत आरक्षण देने की वकालत की गई है तथा शैक्षणिक और आर्थिक दृष्टिकोण से पिछड़े सवर्ण वर्ग के लोगों की समस्याओं के अध्ययन और समाधान के लिए 'सवर्ण आयोग'गठित करने की बात कही गई है।
उन्होंने बताया कि एक राज्य से पलायन कर दूसरे राज्यों में काम करने वाले जाने वाले प्रवासी मजदूरों के संरक्षण के लिए राष्ट्रीय स्तर पर 'प्रवासी मजदूर सुरक्षा कानून'बनाए जाने का वादा भी घोषणापत्र में किया गया है तथा निजी क्षेत्रों में आरक्षण के प्रावधान को लागू कराना पार्टी की प्राथमिकता होगी।
इसके अलावा घोषणापत्र में समावेशी विकास के लिए पिछड़े राज्यों को विशेष राज्य का दर्जा देने की वकालत की गई है तथा भ्रष्टाचार और सांप्रदायिक सौहार्द बनाए रखना जद (यू) की प्राथमिकता होगी।