देश की 16वीं लोकसभा के लिए नौ चरणों में होने वाले मतदान का आगाज आज पूर्वोत्तर राज्य असम और त्रिपुरा में हो गया। पहले चरण के तहत असम की 14 में से पांच लोकसभा निर्वाचन क्षेत्रों और त्रिपुरा की दो में से एक निर्वाचन क्षेत्र में सोमवार को मतदान सुबह सात बजे शुरू हो गया। असम के 8,588 मतदान केंद्रों पर मतदाताओं की लंबी कतारें देखी जा रही हैं। मतदान शाम पांच बजे तक चलेगा। असम की तेजपुर, जोरहाट, कलियाबोर, डिब्रूगढ़ और लखीमपुर लोकसभा निर्वाचन क्षेत्रों में अनुमानत: 64 लाख मतदाता अपने मताधिकार का उपयोग करेंगे।
निर्वाचन आयोग के अनुसार, सोमवार को पहले चरण के मतदान में 51 प्रत्याशियों के भाग्य ईवीएम मशीनों में बंद होंगे। मतदान के लिए पुलिस और अर्धसैनिक बलों ने अतिरिक्त सुरक्षा व्यवस्था की है, क्योंकि राज्य में प्रतिबंधित उग्रवादी संगठन उल्फा सोमवार को ही अपना स्थापना दिवस मना रहा है। असम पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया, "मतदान को लेकर उल्फा की तरफ से किसी तरह की धमकी नहीं मिली है, लेकिन हम कोई जोखिम नहीं ले सकते।"उन्होंने बताया कि मतदान के लिए असम पुलिस और अर्धसैनिक बलों की कुल 240 कंपनियां तैनात की जा चुकी हैं।
असम की इन पांच लोकसभा सीटों में से जोरहाट से 10, तेजपुर से नौ, कलियाबोर और लखीमपुर से 13-13 और डिब्रूगढ़ से छह प्रत्याशी मैदान में हैं। असम की शेष 12 लोकसभा सीटों में से तीन पर 12 अप्रैल को और छह सीटों पर 24 अप्रैल को मतदान होगा। असम में कांग्रेस सबसे बड़ा राजनीतिक दल रहा है, जबकि त्रिपुरा में मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) का दबदबा रहा है। लेकिन इस बार दोनों राज्यों में विपक्षी दलों ने बेहद आक्रामक चुनाव प्रचार चलाया है।
असम में चुनावी समर में उतरे प्रमुख प्रत्याशियों में राज्य के शीर्ष लॉटरी व्यवसायी मणि कुमार सुब्बा, मुख्यमंत्री तरुण गोगोई के बेटे गौरव गोगोई, कांग्रेस छोड़ चुके सांसद बिजोय कृष्णा हांडिक, वरिष्ठ वामपंथी द्रुपद बोर्गोहैन, भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष सर्बानंद सोनोवाल, केंद्रीय जनजाति राज्यमंत्री रानी नाराह, केंद्रीय मंत्री पवन सिंह घटोवार शामिल हैं। त्रिपुरा की दो लोकसभा सीटों में से सोमवार को त्रिपुरा (पश्चिम) निर्वाचन क्षेत्र में भी सुबह सात बजे मतदान शुरू हो गया है।
त्रिपुरा (पश्चिम) सीट से 13 प्रत्याशी मैदान में हैं, जिनमें एक महिला प्रत्याशी भी शामिल हैं। कुल 12 लाख मतदाता इन प्रत्याशियों के भाग्य का फैसला करने वाले हैं। त्रिपुरा की इस सीट पर पिछले लोकसभा चुनाव-2009 में माकपा के खगन दास ने कांग्रेस के सुदीप रॉय बर्मन को हराया था। त्रिपुरा की इस लोकसभा सीट से 1952 में पहली बार हुए लोकसभा चुनाव से अब तक 11 बार वाम प्रत्याशी जबकि चार बार कांग्रेस प्रत्याशी जीत चुके हैं। इस वर्ष यहां से माकपा के शंकर प्रसाद दत्ता और कांग्रेस के अरुणोदय साहा के बीच मुख्य लड़ाई है।
त्रिपुरा के मुख्य निर्वाचन अधिकारी आशुतोष जिंदल ने बताया कि मतदान के दौरान सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) भारत-बांग्लादेश सीमा को बंद कर दिया गया है। त्रिपुरा (पूर्व) सीट पर मतदान चौथे चरण में 12 अप्रैल को होगा।