अनुभवी फिल्म अभिनेत्री वहीदा रहमान की जीवनी पर आधारित लेखिका नसरीन मुन्नी कबीर की लिखी किताब 'कन्वर्सेशन विद वहीदा'हाल ही में जारी हुई है। लेकिन वहीदा नहीं चाहतीं कि उनकी जीवनी पर फिल्म बने। वहीदा ने हिंदी सिनेमा की सुपरहिट फिल्मों 'सोलहवां साल', 'प्यासा', 'साहब, बीवी और गुलाम', 'बीस साल बाद'और 'गाइड'में काम किया है। उन्होंने अपने नृत्य कौशल से भी सालों तक दर्शकों के दिलों पर राज किया है।
हिंदी फिल्म जगत में जीवनियों पर फिल्में बनाने का नया चलन है। वहीदा से यह पूछे जाने पर कि क्या वह अपने जीवन और करियर की यात्रा को बड़े पर्दे पर देखने की इच्छुक हैं, उन्होंने कहा, "मैं 75 साल की हूं। यह यात्रा काफी लंबी है। इसे तो चार भागों में बनाना पड़ेगा। लेकिन व्यक्तिगत तौर पर मैं नहीं चाहती कि मेरी जीवनी पर फिल्म बने।"
पिछले कुछ वर्षो में वहीदा को 'रंग दे बसंती'और 'दिल्ली-6'जैसी फिल्मों में देखा गया था। लेकिन, अब पर्दे से दूर होकर भी वहीदा खुश हैं। उन्होंने कहा, "कोई आखिर कितना काम करेगा! हमें दूसरों को भी मौका देना चाहिए। मुझे कोई बात नहीं खलती। मैं अपने साथ खुश हूं। मैं यात्राएं करती हूं, किताबें पढ़ती हूं, दोस्तों से मिलती-जुलती हूं, कभी-कभी खाना बनाती हूं। अपने जीवन से मैं पूरी तरह संतुष्ट हूं।"